< व्यवस्था विवरण 28 >
1 अब भविष्य यह होगा, कि यदि तुम सावधानीपूर्वक याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहोगे, जो आदेश मैं आज तुम्हें सौंप रहा हूं, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सारे राष्ट्रों से अति महान बनाए रखेंगे.
[Le jour où tu auras traversé le Jourdain pour entrer en la terre que le Seigneur ton Dieu te donne], et si tu écoutes la parole du Seigneur ton Dieu, si tu observes et exécutes avec docilité ses commandements que je t'intime aujourd'hui, le Seigneur ton Dieu te fera plus de dons qu'à nulle des nations de la terre.
2 तुम इन सभी सुख समृद्धि से अभिभूत हो जाओगे, ये तुम तक पहुंच जाएंगी, सिर्फ यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहोगे:
Et toutes ses bénédictions viendront sur toi, et elles te trouveront, si tu es docile à la parole du Seigneur, après l'avoir écoutée,
3 याहवेह तुम्हारे नगरों और खेतों को आशीष प्रदान करेंगे.
Tu seras béni en ta ville et béni dans tes champs.
4 याहवेह तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देंगे. वे तुम्हारी भूमि की फसल आशीषित होगी, और तुम्हारे जानवरों के बच्चे आशीषित होंगे.
Bénis seront les fruits de tes entrailles, et les produits de ta terre, et tes grands troupeaux de bœufs, et tes menus troupeaux de brebis ou de chèvres.
5 आशीषित रहेगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारा आटा गूंथने का कटोरा.
Bénis seront tes greniers et les choses que tu y déposeras.
6 आशीषित रहोगे तुम, जब तुम कुछ करोगे और धन्य रहोगे तुम, जब तुम लौटकर आओगे.
Béni seras-tu, soit que tu entres, soit que tu sortes.
7 याहवेह तुम्हारे उठे हुए शत्रुओं को हराने की योजना करेंगे; वे एक मार्ग से तुम पर हमला करने तो आएंगे. मगर तुम्हारे सामने भागते हुए सात दिशाओं में बिखर जाएंगे.
Que le Seigneur ton Dieu te livre tes ennemis qui te résisteront: ils seront broyés devant toi; ils viendront à toi par un seul chemin, il y aura sept voies par lesquelles ils s'enfuiront devant ta face.
8 याहवेह तुम्हारे अन्नभण्डारों को, तुम्हारे हर एक उपक्रम को और उस देश को, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, समृद्धि का आदेश देंगे.
Que le Seigneur bénisse tes celliers et toute chose ou tu auras mis la main, en la terre qu'il te donne.
9 याहवेह तुम्हें अपने ही लिए पवित्र प्रजा-स्वरूप प्रतिष्ठित करेंगे; जैसी प्रतिज्ञा वह तुमसे खुद कर चुके हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हुए उनकी नीतियों का पालन करते रहोगे.
Que le Seigneur te soutienne pour que tu sois son peuple saint, comme il l'a promis à tes pères. Si tu es docile à la parole du Seigneur ton Dieu, si tu marches en toutes ses voies,
10 परिणामस्वरूप सारी पृथ्वी के लोग इस बात के गवाह होंगे कि तुम वह प्रजा हो, जिसका सम्मान याहवेह के नाम से है. इससे उन पर तुम्हारा आतंक स्थापित हो जाएगा.
Toutes les nations de la terre te considèreront, parce que le nom du Seigneur aura été invoqué par toi, et elles te redouteront,
11 याहवेह, तुम्हारी संतान में, तुम्हारे पशुओं की सन्तति में और तुम्हारी भूमि के उत्पाद में, तुम्हारी समृद्धि को उस देश में, जो याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों को देने की प्रतिज्ञा की थी, पूरा करेंगे.
Et le Seigneur ton Dieu multipliera tes biens; il multipliera les fruits de tes entrailles, les rejetons de tes troupeaux, les produits de tes champs, en la terre qu'il a promis à tes pères de te donner.
12 याहवेह अपने बड़े भंडार को तुम्हारे लिए उपलब्ध कर देंगे; आकाश अपनी तय ऋतु में भूमि पर वृष्टि करेगा, तुम्हारे सारे काम सफल होंगे और तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दोगे, मगर खुद तुम्हें किसी से ऋण लेने की ज़रूरत न होगी.
Que le Seigneur t'ouvre son inestimable trésor: le ciel, pour donner de la pluie à tes champs au temps opportun; qu'il bénisse toutes les œuvres de tes mains, et tu prêteras à beaucoup de nations et tu ne leur emprunteras rien, et tu règneras sur beaucoup de nations et elles ne règneront point sur toi.
13 याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
Que le Seigneur te place au premier rang et jamais au dernier, que tu sois au-dessus et non au-dessous. Si tu es docile à la parole du Seigneur en toutes les choses que je te prescris aujourd'hui d'observer,
14 कि तुम इनसे, इनमें से किसी के मर्म से ज़रा भी विचलित न होओ, और पराए देवताओं की उपासना-सेवा में लीन हो जाओ.
Tu ne t'écarteras ni à droite ni à gauche d'aucun des commandements que je t'intime aujourd'hui, pour suivre d'autres dieux et les servir.
15 मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:
Mais si tu es indocile à la parole du Seigneur ton Dieu, si tu n'observes pas tous ses commandements que je t'intime aujourd'hui, alors viendront sur toi toutes les malédictions, et elles t'atteindront.
16 तुम अपने नगर में शापित होंगे, तुम अपने देश में शापित होंगे.
Tu seras maudit dans la ville et maudit dans les champs.
17 शापित होंगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारे गूंथने का पात्र.
Maudits seront tes greniers et les choses que tu y déposeras.
18 शापित होंगी तुम्हारी अपनी संतान, तुम्हारी भूमि की उपज, तुम्हारे पशुओं और भेड़ों की वृद्धि.
Maudits seront les fruits de tes entrailles, et les produits de ta terre, et tes grands troupeaux de bœufs, et tes menus troupeaux de brebis et de chèvres.
19 शापित होगा तुम्हारा कूच और तुम्हारा लौटकर आना.
Tu seras maudit, soit que tu entres, soit que tu sortes.
20 तुम्हारे सारे कामों में तुम्हारे कामों के दुराचार और तुम्हारे द्वारा याहवेह का त्याग किए जाने के कारण याहवेह तुम पर शाप, डर और कुंठा डाल देंगे, कि तुम नाश हो जाओ और तेजी से तुम्हारा विनाश हो जाए.
Que le Seigneur t'envoie l'indigence, la faim dévorante, l'insuccès en toute chose où tu mettras la main, jusqu'à ce qu'il t'ait exterminé, jusqu'à ce qu'il t'ait rapidement détruit à cause de tes mauvaises mœurs, et parce que tu l'auras abandonné.
21 याहवेह तुम पर महामारी सम्बद्ध कर देंगे, जब तक वह तुम्हें उस देश से नाश न कर दें, जिसमें अधिकार करने के लिये तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो.
Que le Seigneur attache sur toi la peste, jusqu'à ce qu'il t'ait effacé de la terre où tu entres pour qu'elle soit ton héritage.
22 याहवेह तुम पर क्षय रोग, बुखार, सूजन, बड़ी जलन और तलवार का प्रहार प्रभावी करेंगे, जब तक तुम मिट न जाओ.
Que le Seigneur te frappe de détresse, de fièvre, de frisson, d'irritation, d'air corrompu, de jaunisse; que les maladies te tourmentent jusqu'à ce qu'elles t'aient détruit.
23 तुम्हारे सिर के ऊपर विशाल आकाश कांसे और पांवों के नीचे की धरती लोहा हो जाएगी.
Au-dessus de ta tête le ciel sera pour toi d'airain, et sous tes pieds le sol sera de fer.
24 याहवेह, तुम पर बालू और धूल की बारिश करेंगे; ये आकाश से तुम पर ये तब तक बरसते रहेंगे जब तक तुम नाश न हो जाओ.
Que le ciel au lieu de pluie te donne pour tes champs des trombes de poussière; que des amas de sable tombent du ciel jusqu'à ce qu'ils t'aient broyé, jusqu'à ce qu'ils t'aient rapidement anéanti.
25 याहवेह, ऐसा करेंगे, कि तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे. उन पर हमला करने तो तुम एक मार्ग से जाओगे, मगर तुम सात दिशाओं में पलायन करोगे. सारी पृथ्वी के राज्यों के लिए तुम आतंक का पर्याय हो जाओगे.
Que le Seigneur, devant tes ennemis, te livre au carnage; tu iras à eux par un seul chemin, et il y aura sept voies par lesquelles tu t'enfuiras devant leur face, et tu seras dispersé parmi tous les royaumes de la terre:
26 तुम्हारे शव आकाश के सारे पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार हो जाएंगे और उन्हें खदेड़ने के लिए वहां कोई भी न रहेगा.
Et vos morts seront la pâture des oiseaux du ciel et des bêtes fauves de la terre qui s'en repaîtront, et il n'y aura personne pour les épouvanter.
27 मिस्र देश के समान याहवेह तुम पर फोड़ों, बतौरियों का वार करेंगे और उसके अलावा चकत्ते और खुजली का भी, जिनसे तुम्हें छुड़ौती प्राप्त हो ही न सकेगी.
Que le Seigneur te donne au fondement les ulcères d'Egypte, la gale, et une telle démangeaison que tu n'y puisses trouver remède.
28 याहवेह तुम पर पागलपन, अंधेपन और हृदय की घबराहट का वार कर देंगे.
Que le Seigneur te frappe de démence, d'aveuglement et de stupidité d'esprit;
29 परिणामस्परूप तुम दिन-दोपहरी टटोलते रहोगे, जिस प्रकार अंधा टटोलता रहता है. तुम्हारे कामों से तुम्हें कोई लाभ न मिलेगा, बल्कि तुम लगातार उत्पीड़ित भी किए जाओगे और लूटते जाओगे, मगर वहां तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी न रह जाएगा.
Et tu marcheras à tâtons en plein midi, comme un aveugle marche à tâtons dans les ténèbres; rien ne te réussira, tu seras opprimé et dépouillé chaque jour, et il n'y aura personne pour te secourir.
30 जिस कन्या से तुम्हारी सगाई होगी, कोई अन्य पुरुष शीलभंग करेगा; तुम अपने घर का निर्माण तो करोगे, मगर उसमें निवास न कर सकोगे. तुम अंगूर के बगीचे तो लगाओगे मगर अंगूरों का उपभोग न कर सकोगे.
Tu prendras une femme, et un autre la possèdera; tu bâtiras une maison, et tu n'y demeureras point; tu planteras une vigne, et tu ne la vendangeras point.
31 तुम्हारे बछड़े का वध तुम्हारे सामने तो होगा मगर तुम उसका उपभोग न कर सकोगे. तुम्हारा गधा तुमसे छीन लिया जाएगा. और तुम उसे पुनः प्राप्त न कर सकोगे. तुम्हारी भेड़ें तुम्हारे शत्रुओं की संपत्ति हो जाएंगी और कोई भी तुम्हारी रक्षा के लिए वहां न रहेगा.
Ton bœuf sera égorgé devant toi, et tu n'en mangeras rien; ton âne te sera ravi, et ne te sera pas rendu; tes brebis seront livrées à tes ennemis, et il n'y aura personne pour te secourir;
32 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां तुम्हारे देखते-देखते बंधुआई में चले जाएंगे और तुम हमेशा उनकी लालसा करते रह जाओगे, मगर इसके लिए तुम कुछ भी न कर सकोगे.
Tes fils et tes filles seront livrés à une nation étrangère, et tes yeux le verront et ils en sècheront, et ta main sera impuissante.
33 तुम्हारी भूमि का उत्पाद विदेशियों का आहार हो जाएगा और तुम आजीवन उत्पीड़ित और दमित किए जाते रहोगे.
Les fruits de ta terre et de tous tes travaux seront dévorés par une nation que tu ne connais pas, et tu seras chaque jour opprimé et broyé.
34 तुम्हारे सामने जो कुछ आएगा उसे देख तुम विक्षिप्त हो जाओगे.
Et tu seras saisi de stupeur de tout ce que tes yeux verront.
35 याहवेह तुम्हारे पैरों और घुटनों में ऐसे पीड़ादायक फोड़े उत्पन्न कर देंगे, जिनसे तुम स्वस्थ नहीं हो सकोगे, वस्तुतः तुम सिर से पांव तक घावों से भर जाओगे.
Que le Seigneur te frappe de mauvais ulcères aux genoux et aux jambes, de telle sorte que, des pieds à la tête, tu ne puisses plus guérir.
36 याहवेह तुम्हें और उस राजा को, जो तुम्हारे द्वारा प्रतिष्ठित किया गया होगा, एक ऐसे राष्ट्र में भेज देंगे, जिसे न तो तुम जानते हो और न ही जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने जाना था. उस राष्ट्र में तुम काठ और पत्थर की मूर्तियों की सेवा-उपासना करोगे.
Que le Seigneur conduise toi et tes chefs chez une nation que tu ne connais pas, que n'ont pas connue tes pères, où tu serviras d'autres dieux, des dieux de pierre ou de bois,
37 तब तुम उन लोगों के बीच, जिनके बीच में याहवेह तुम्हें हकाल देंगे, भय, लोकोक्ति और उपहास का विषय होकर रह जाओगे.
Ou tu seras un sujet de proverbes, de paraboles et de récits que répèteront tous les Gentils chez qui t'aura conduit le Seigneur,
38 तुम विपुल बीज बोओगे, मगर फसल काटने के अवसर पर तुम बहुत अल्प एकत्र कर सकोगे, क्योंकि टिड्डियां इसे चट कर जाएंगी.
Tu emporteras aux champs beaucoup de semence, et tu en rapporteras peu de grains; la sauterelle les aura dévorés.
39 तुम द्राक्षा उद्यानों का रोपण और कृषि ज़रूर करोगे, मगर तुम न तो द्राक्षा एकत्र कर सकोगे और न ही द्राक्षारस का सेवन कर सकोगे, इन्हें कीट चट कर जाएंगे.
Tu planteras une vigne, mais tu auras beau la cultiver, tu ne boiras pas de vin; le ver aura mangé la grappe.
40 तुम्हारे देश की सारी सीमा में ज़ैतून वृक्ष तो होंगे, मगर तुम ज़ैतून तेल का प्रयोग अभ्यंजन के लिए नहीं कर सकोगे, क्योंकि ज़ैतून फलों का अवपात हो जाएगा.
Tu auras des oliviers sur tout ton territoire, et tu ne t'oindras pas d'huile; les olives auront coulé.
41 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां पैदा ज़रूर होंगे, मगर वे तुम्हारे होकर न रह सकेंगे, क्योंकि उन्हें बन्दीत्व में ले जाया जाएगा.
Tu engendreras des fils et des filles, tu ne les conserveras pas; ils seront emmenés en captivité.
42 कीट तुम्हारे सारे वृक्षों और भूमि की उपज में समा जाएंगे.
La nielle détruira tous tes arbres et les produits de tes champs.
43 तुम्हारे बीच प्रवास कर रहा विदेशी तुमसे अधिक उन्नत होता जाएगा, मगर खुद तुम्हारा ह्रास ही ह्रास होता चला जाएगा.
L'étranger, établi auprès de toi, montera, montera; mais toi, tu descendras toujours plus bas;
44 वह विदेशी ही तुम्हें ऋण देने की स्थिति में होगा, मगर तुम उसे ऋण देने की स्थिति में न रहोगे. वह तो शीर्ष पर पहुंच जाएगा, मगर तुम निम्नतम स्तर पर रह जाओगे.
Il te prêtera, et tu ne lui prêteras pas; il sera au premier rang, et toi au dernier.
45 इस प्रकार ये सारे शाप तुम पर प्रभावी हो जाएंगे, तुम्हारा पीछा करते रहेंगे, तुम्हें पकड़ लेंगे, कि तुम पूरी तरह नाश हो जाओ, क्योंकि तुमने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया, उनके अध्यादेशों को पूरा नहीं किया, जो खुद उन्हीं ने तुम्हें प्रदान किए हैं.
Et toutes ces malédictions fondront sur toi, et elles te poursuivront, et elles t'atteindront jusqu'à ce que tu sois exterminé et détruit, parce que tu auras été indocile à la parole du Seigneur, et que tu n'auras pas observé ses commandements que je t'ai intimés.
46 ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे.
Et il y aura perpétuellement en ta race des signes et des prodiges,
47 इसलिये कि तुमने इन सारी समृद्धि के लिए याहवेह, अपने परमेश्वर की वंदना न तो सहर्ष भाव में की और न सच्चे हृदय के साथ,
En punition de ce que tu n'auras pas servi le Seigneur ton Dieu avec joie et avec un esprit reconnaissant pour la multitude de ses bienfaits.
48 इसलिये तुम याहवेह द्वारा उत्प्रेरित अपने शत्रुओं के सेवक होकर रह जाओगे; जब तुम भूख, प्यास, नंगाई और सब प्रकार के अभाव की स्थिति में रहोगे. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारी गर्दन पर लोहे का जूआ तब तक रखे रहेंगे, जब तक वह तुम्हें नाश न कर दें.
Et tu serviras les ennemis que le Seigneur ramènera contre toi; tu les serviras en souffrant de la faim, de la soif, du dénuement de toutes choses; et il te mettra autour du cou un collier de fer, jusqu'à ce qu'il t'ait exterminé.
49 याहवेह दूरस्त देश को तुम पर हमला के लिए प्रेरित करेंगे; हां, पृथ्वी के छोर से, जिस प्रकार गरुड़ झपटता है, वह ऐसा राष्ट्र होगा, जिसकी भाषा तुम समझ नहीं पाओगे,
Le Seigneur amènera contre toi, de l'extrémité de la terre, une nation rapide comme le vol de l'aile, une nation dont tu n'entendras pas la langue,
50 वह रौद्र स्वरूप राष्ट्र होगा. उसके हृदय में न तो वृद्धों के प्रति सम्मान होगा, न बालकों के प्रति करुणा.
Une nation au front éhonté, chez qui nul ne respectera le visage du vieillard et n'aura pitié de la jeunesse.
51 इसके अलावा वह राष्ट्र तब तक तुम्हारे पशुओं के बच्चों और भूमि की उपज का उपभोग करता रहेगा, जब तक तुम नाश न हो जाओ. अर्थात् वह राष्ट्र तुम्हारे उपभोग के लिए न तो अन्न छोड़ेगा, न नया द्राक्षारस न नया तेल, न तुम्हारे पशुओं की सन्तति और न ही भेड़ों के मेमने, जिससे तुम नाश हो ही जाओगे.
Elle dévorera les rejetons de tes bestiaux et les fruits de tes champs; elle ne te laissera ni blé, ni vin, ni huile; elle dévorera tes grands troupeaux de bœufs, et tes menus troupeaux de chèvres et de brebis, jusqu'à ce qu'elle t'ait détruit
52 वह राष्ट्र तुम्हारे सारे नगरों में की घेराबंदी कर लेगा और उसके हमला के परिणामस्वरूप वे उस पूरे देश में, जो तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया था, जिन शहरपनाहों पर तुम्हें पूरा भरोसा रहा था, भंग कर देंगे.
Et broyé dans tes villes, jusqu'à ce qu'elle ait renversé tous les remparts hauts et redoutables en lesquels tu te confiais sur ton territoire; et elle t'opprimera dans les villes que je t'ai données.
53 शत्रुओं द्वारा की गई घेराबंदी और उसके द्वारा दी गई प्रताड़ना के कारण तुम अपनी निज संतान को खाने लगोगे, तुम्हारे अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं.
Et tu te nourriras des fruits de tes entrailles, de la chair des fils et des filles que je t'aurai donnés, tant seront grands la détresse et les fléaux que t'auront apporté les ennemis.
54 उस समय वह व्यक्ति, जो तुम्हारे बीच में बहुत शालीन और संवेदनशील माना जाता है, वही अपने सहनागरिकों, अपनी प्रिय पत्नी और अपनी शेष संतान के प्रति निर्मम हो जाएगा,
Le délicat parmi vous, le voluptueux, regardera d'un œil de convoitise son frère, la femme qui reposera sur son sein, les enfants qui lui resteront et qui auront été épargnés.
55 वह अपनी संतान के मांस में से किसी को कुछ न देगा, क्योंकि अभाव इतना ज्यादा हो जाएगा. ऐसी भयावह हो जाएगी वह स्थिति, जब तुम्हारे वे शत्रु तुम्हारे सारे नगरों में तुम पर अत्याचार करते रहें.
Et nul d'eux ne fera part à qui que ce soit des chairs de ses enfants dont il se nourrira, car il ne lui en sera rien resté, tant seront grands ta détresse et les fléaux que t'auront apporté les ennemis.
56 तुम्हारे बीच वह स्त्री, जो बहुत शालीन और सुकुमारी मानी जाती है, जो इतनी परिष्कृत और सुकुमारी है, कि वह अपने पांव तक भूमि पर नहीं पड़ने देती, वही अपने प्रिय पति और पुत्र-पुत्री के प्रतिकूल हो जाएगी.
Et la délicate parmi vous, la voluptueuse, dont le pied n'aura jamais essuyé de marcher sur la terre, tant elle sera tendre et amollie, regardera d'un œil de convoitise son époux sur son sein, et son fils et sa fille,
57 वह उन्हें न तो अपने गर्भ की ममता दिखाएगी और न नवजात शिशु की, क्योंकि शत्रुओं द्वारा घेरे गए तुम्हारे नगर की स्थिति ऐसी शोचनीय हो चुकी होगी, कि वह खुद इन्हें छिप-छिप कर खाती रहना चाहेगी.
Et la jeune fille qui sort à peine de ses entrailles, et le jeune fils qu'elle vient d'enfanter; elle mangera leurs chairs en cachette, à cause de son indigence de toutes choses, tant seront grands sa détresse et les fléaux que tes ennemis auront apportés dans tes villes,
58 यदि तुम इस व्यवस्था में लिखित विधि के सब वचनों का पालन के प्रति सावधान न रहोगे, इस सम्मान्य और उदात्त नाम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा न रखो,
Si tu refuses d'exécuter tous les articles de la loi écrite en ce livre, et de craindre le nom redoutable que tu dois vénérer, ce nom redoutable: Le Seigneur ton Dieu,
59 तब याहवेह तुम पर और तुम्हारे वंशजों पर अभूतपूर्व महामारियां ले आएंगे. ये महामारियां बहुत पीड़ादायी और स्थायी प्रकृति की और चिरकालिक और दयनीय व्याधियां होंगी.
Le Seigneur rendra célèbres tes plaies et les plaies de ta race, plaies grandes et extraordinaires, maladies malignes et cruelles.
60 याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर मिस्र देश पर प्रभावी की गई सारी व्याधियां तुम पर प्रभावी कर देंगे, जो तुम्हारे लिए भयावह बनी हुई थीं, वे तुम पर संलग्न हो जाएंगी.
Il fera revivre toutes les plaies d'Egypte, ces plaies cruelles dont tu as été effrayé devant les Egyptiens; et tous ces maux s'attacheront à toi.
61 यहां तक कि वे सारी व्याधियां और वे सारी महामारियां, जिनका उल्लेख इस विधान अभिलेख में नहीं किया गया है, याहवेह तुम पर प्रभावी कर देंगे, कि तुम्हारा विनाश हो जाए.
Le Seigneur fera fondre sur toi, jusqu'à ce qu'il fait exterminé, toute plaie, toute maladie, écrite ou non écrite en ce livre de la loi.
62 तब तुम्हारी गिनती कम रह जाएगी, जबकि एक समय तुम ऐसे अनगिनत थे, जैसे आकाश के तारे. कारण यह है, कि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो गए थे.
Et pour avoir été indociles à la parole du Seigneur votre Dieu vous resterez en petit nombre, au lieu de continuer à être comparables, par votre multitude, aux étoiles du ciel.
63 जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे.
De même que le Seigneur se sera réjoui à vous combler de biens, à vous multiplier, de même le Seigneur se réjouira à vous exterminer; et vous serez enlevés rapidement de cette terre en laquelle vous entrez pour qu'elle soit votre héritage.
64 इसके अलावा, याहवेह ही तुम्हें हर जगह बिखरा देंगे; पृथ्वी के एक छोर से अन्य छोर तक. वहां तुम पराए देवताओं—पत्थर और लकड़ी के देवताओं के सेवक बन जाओगे, तुम्हारे पूर्वजों से सर्वथा अज्ञात देवताओं के.
Le Seigneur ton Dieu te dispersera chez toutes les nations d'une extrémité à l'autre de la terre, et là, tu serviras d'autres dieux de terre ou de bois, auxquels n'auront cru ni toi ni tes pères.
65 इन जनताओं के बीच निवास करते हुए तुम्हें ज़रा भी शांति प्राप्त न होगी. मगर हां, वहां याहवेह तुम्हें एक चिंतित हृदय प्रदान करेंगे. तुम्हारी दृष्टि क्षीण होती जाएगी और तुममें साहस न रह जाएगा.
Ce n'est pas tout: chez ces nations, il ne t'accordera pas de repos, et il n'y aura point de lieu où s'arrête la plante de tes pieds; et là, le Seigneur te donnera un autre cœur, un cœur incrédule, et des yeux défaillants et une âme épuisée.
66 तुम हमेशा संशय की स्थिति में रहोगे, तुम दिन में और रात में आतंक से भरे रहोगे, तुम्हारे जीवन का कोई निश्चय न रह जाएगा.
Et ta vie sera suspendue devant tes yeux, et tu craindras nuit et jour, et tu ne croiras pas à ta vie.
67 प्रातः तुम विचार करोगे, “उत्तम होगा यह प्रातः नहीं, संध्या होती!” वैसे ही तुम संध्याकाल में यह कामना करते रहोगे: “उत्तम होता कि यह प्रभात होता!” यह उस आतंक के कारण होगा, जिसने तुम्हें भर रखा है, उस दृश्य के कारण, जो तुम्हारे सामने छाया रहता है.
Tu diras le matin; Oh! si venait le soir! et tu diras le soir: Oh! si venait le matin! à cause des terreurs que ressentira ton âme, et des visions qui frapperont tes yeux.
68 याहवेह, जो तुम्हें जलयानों में मिस्र देश में लौटा ले जाएंगे; उस मार्ग से जिसके विषय में मैंने कहा था, अब तुम इसे फिर कभी न देखोगे. तब तुम वहां खुद को अपने शत्रुओं के सामने पुरुष और स्त्री, दास-दासियों स्वरूप बिकने के लिए प्रस्तुत कर दोगे, मगर तुम्हें वहां कोई खरीददार प्राप्त न होगा.
Et le Seigneur te reconduira en Egypte sur des barques hors de ce chemin dont j'ai dit: Vous ne le reverrez plus; et là, vos ennemis vous mettront en vente comme esclaves, hommes et femmes, et il n'y aura point d'acheteurs.