< प्रेरितों के काम 14 >
1 इकोनियॉन नगर में पौलॉस और बारनबास यहूदी सभागृहों में गए. वहां उनका प्रवचन इतना प्रभावशाली रहा कि बड़ी संख्या में यहूदियों और यूनानियों ने विश्वास किया.
It came to pass now in Iconium according to the same entering they into the synagogue of the Jews and speaking so that to believe of Jews both and Greeks a great number.
2 किंतु जिन यहूदियों ने विश्वास नहीं किया था, उन्होंने गैर-यहूदियों को भड़का दिया तथा उनके मनों में इनके विरुद्ध ज़हर भर दिया.
The however (disobeying *N(k)O*) Jews stirred up and they poisoned the minds of the Gentiles against the brothers.
3 वहां उन्होंने प्रभु पर आश्रित हो, निडरता से संदेश देते हुए काफ़ी समय बिताया. प्रभु उनके द्वारा किए जा रहे अद्भुत चिह्नों के माध्यम से अपने अनुग्रह के संदेश को साबित कर रहे थे.
A long indeed therefore time they stayed speaking boldly about the Lord who is bearing witness (to *n*) the word of the grace of Him, (and *k*) granting signs and wonders to be done through the hands of them.
4 वहां के नागरिकों में फूट पड़ गई थी. कुछ यहूदियों के पक्ष में थे तो कुछ प्रेरितों के.
Was divided now the multitude of the city, and some indeed were with the Jews, some however with the apostles.
5 यह मालूम होने पर कि शासकों के सहयोग से यहूदियों और गैर-यहूदियों द्वारा उन्हें अपमानित कर उनका पथराव करने की योजना बनाई जा रही है,
When then there was a rush of the Gentiles both and Jews with the rulers of them to mistreat and to stone them,
6 वे लुकाओनिया, लुस्त्रा तथा दरबे नगरों और उनके उपनगरों की ओर चले गए
having become aware they fled to the cities of Lycaonia, Lystra and Derbe and the surrounding region,
7 और वहां ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करने लगे.
and there and there evangelising they were continuing.
8 लुस्त्रा नगर में एक व्यक्ति था, जो जन्म से अपंग था और कभी चल फिर ही न सका था.
And a certain man crippled in Lystra in the feet was sitting, lame from [the] womb of [the] mother of him (being *k*) who never (walked. *N(k)O*)
9 वह पौलॉस का प्रवचन सुन रहा था. पौलॉस उसको ध्यान से देख रहा था और यह पाकर कि उसमें स्वस्थ होने का विश्वास है.
This [man] (heard *N(k)O*) Paul speaking, who having looked intently at him and having seen that he has faith to be healed,
10 पौलॉस ने ऊंचे शब्द में उसे आज्ञा दी, “अपने पैरों पर सीधे खड़े हो जाओ!” उसी क्षण वह व्यक्ति उछलकर खड़ा हो गया और चलने लगा.
said in a loud (*ko*) voice; do stand on the feet of you (upright! *NK(o)*) And (he sprang up *N(k)O*) and was walking.
11 जब पौलॉस द्वारा किए गए इस काम को लोगों ने देखा वे लुकाओनियाई भाषा में चिल्लाने लगे, “देवता हमारे मध्य मानव रूप में उतर आए हैं.”
(And *N(k)O*) the crowds having seen what did (*k*) Paul lifted up the voice of them in Lycaonian saying; The gods having become like as men have come down to us;
12 उन्होंने बारनबास को ज़्यूस नाम से संबोधित किया तथा पौलॉस को हेर्मेस नाम से क्योंकि वह प्रधान प्रचारक थे.
They were calling then (one *k*) Barnabas Zeus, other Paul Hermes, because he himself was the leading speaker.
13 नगर के बाहर ज़्यूस का मंदिर था. ज़्यूस का पुरोहित बैल तथा पुष्पहार लिए हुए नगर फ़ाटक पर आ गया क्योंकि वह भीड़ के साथ बलि चढ़ाना चाह रहा था.
(And *N(k)O*) the priest of Zeus who is being just outside the city (of them *k*) oxen and wreaths to the gates having brought with the crowds was desiring to sacrifice.
14 यह मालूम होने पर प्रेरित पौलॉस व बारनबास अपने कपड़े फाड़कर, यह चिल्लाते हुए भीड़ की ओर लपके,
Having heard however the apostles Barnabas and Paul having torn the garments (of them *NK(o)*) (rushed out *N(k)O*) into the crowd crying out
15 “प्रियजन, तुम यह सब क्यों कर रहे हो! हम भी तुम्हारे समान मनुष्य हैं. हम तुम्हारे लिए यह ईश्वरीय सुसमाचार लाए हैं कि तुम इन व्यर्थ की परंपराओं को त्याग कर जीवित परमेश्वर की ओर मन फिराओ, जिन्होंने स्वर्ग, पृथ्वी, समुद्र और इनमें निवास कर रहे प्राणियों की सृष्टि की है.
and saying; Men, why these things do you? Also we ourselves of like nature are with you men, evangelising to you from these vanities to turn to (*k*) God (who *k*) is living, who made the heaven and the earth and the sea and all the [things] in them,
16 हालांकि उन्होंने पिछले युगों में जनताओं को उनकी अपनी मान्यताओं के अनुसार व्यवहार करने दिया.
who in the having past generations allowed all the nations to go in the ways of them;
17 तो भी उन्होंने स्वयं अपने विषय में गवाह स्पष्ट रखा—वह भलाई करते हुए आकाश से वर्षा तथा ऋतुओं के अनुसार हमें उपज प्रदान करते रहे. वह पर्याप्त भोजन और आनंद प्रदान करते हुए हमारे मनों को तृप्त करते रहे हैं.”
(and yet and yet *N(k)O*) not without witness (Himself *N(k)O*) He has left (doing good, *N(k)O*) from heaven (to you *N(K)O*) rains giving and seasons fruitful, filling with food and gladness the hearts (of you. *N(K)O*)
18 उनके इतनी सफ़ाई देने के बाद भी भीड़ को उनके लिए बलि भेंट चढ़ाने से बड़ी कठिनाई से रोका जा सका.
And these things saying hardly they stopped the crowds not sacrificing to them.
19 तब कुछ यहूदी अंतियोख़ तथा इकोनियॉन नगरों से वहां आ पहुंचे. भीड़ को अपने पक्ष में करके उन्होंने पौलॉस का पथराव किया तथा उन्हें मरा हुआ समझ घसीटकर नगर के बाहर छोड़ आए.
Came however from Antioch and Iconium Jews, and having persuaded the crowds and having stoned Paul they were dragging [him] outside the city (supposing *N(k)O*) him (to have died. *N(k)O*)
20 किंतु जब शिष्य उनके आस-पास इकट्ठा हुए, वह उठ खड़े हुए और नगर में लौट गए. अगले दिन वह बारनबास के साथ वहां से दरबे नगर को चले गए.
When were sorrounding however the disciples him having risen up he entered into the city And on the next day he went away with Barnabas to Derbe.
21 उन्होंने उस नगर में ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार किया और अनेक शिष्य बनाए. इसके बाद वे लुस्त्रा और इकोनियॉन नगर होते हुए अंतियोख़ नगर लौट गए.
Having evangelised then the city that and having discipled many they returned to Lystra and (to *no*) Iconium and (to *no*) Antioch;
22 वे शिष्यों को दृढ़ करते और प्रोत्साहित करते हुए यह शिक्षा देते रहे कि उनका परमेश्वर के राज्य में प्रवेश हेतु इस विश्वास में स्थिर रहना तथा अनेक विपत्तियों को सहना ज़रूरी है.
strengthening the souls of the disciples, exhorting [them] to continue in the faith and that through many tribulations it behooves us to enter into the kingdom of God.
23 पौलॉस और बारनबास हर एक कलीसिया में उपवास और प्रार्थना के साथ प्राचीनों को चुना करते तथा उन्हें उन्हीं प्रभु के हाथों में सौंप देते थे जिस प्रभु में उन्होंने विश्वास किया था.
Having chosen now for them in every church elders, having prayed with fasting they committed them to the Lord in whom they had believed.
24 पिसिदिया क्षेत्र में से जाते हुए वे पम्फ़ूलिया नगर में आए.
And having passed through Pisidia they came to (*no*) Pamphylia,
25 वहां से पेरगे नगर में वचन सुनाकर वे अट्टालिया नगर गए.
and having spoken in Perga the word they went down to Attalia;
26 वहां से जलमार्ग वे अंतियोख़ नगर पहुंचे, जहां से उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह में सौंपकर उस काम के लिए भेजा गया था, जिसे वे अब पूरा कर लौट आए थे.
And from there And from there they sailed to Antioch, from where they had committed to the grace of God for the work that they had fulfilled.
27 वहां पहुंचकर उन्होंने सारी कलीसिया को इकट्ठा किया और सबके सामने उन सभी कामों का वर्णन किया, जो परमेश्वर द्वारा उनके माध्यम से पूरे किए गए थे और यह भी कि किस प्रकार परमेश्वर ने गैर-यहूदियों के लिए विश्वास का द्वार खोल दिया है.
Having arrived now and having gathered together the church (they were declaring *N(k)O*) how much did God with them and that He had opened to the Gentiles a door of faith.
28 वहां वे शिष्यों के बीच लंबे समय तक रहे.
They were remaining then (there *k*) time no little with the disciples.