< 2 राजा 9 >

1 भविष्यद्वक्ता एलीशा ने भविष्यद्वक्ता मंडल के एक भविष्यद्वक्ता को आदेश दिया, “कमर बांधो, अपने हाथ में यह तेल की कुप्पी लो और रामोथ-गिलआद चले जाओ.
Heliseus autem prophetes vocavit unum de filiis prophetarum et ait illi accinge lumbos tuos et tolle lenticulam olei hanc in manu tua et vade in Ramoth Galaad
2 वहां पहुंचकर निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र, येहू नामक व्यक्ति को खोजना. वहां तुम उसके कमरे में जाना, वह अपने साथियों के साथ बैठा होगा. उसे खड़े होने को कहना और उसे अंदर के कमरे में ले जाना.
cumque veneris illuc videbis Hieu filium Iosaphat filii Namsi et ingressus suscitabis eum de medio fratrum suorum et introduces interius cubiculum
3 तब इस तेल की कुप्पी का तेल उसके सिर पर उंडेल देना और कहना, यह संदेश याहवेह की ओर से है, ‘मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त करता हूं.’ तब द्वार खोलकर वहां से बिन देर किए भाग जाना.”
tenensque lenticulam olei fundes super caput eius et dices haec dicit Dominus unxi te regem super Israhel aperiesque ostium et fugies et non ibi subsistes
4 तब वह युवा भविष्यद्वक्ता, एलीशा का सेवक, रामोथ-गिलआद के लिए चला.
abiit ergo adulescens puer prophetae Ramoth Galaad
5 वहां पहुंचकर उसने देखा कि सेनापति की समिति का सत्र चल रहा था. युवा भविष्यद्वक्ता ने घोषणा की, “सेनापति महोदय, मेरे पास आपके लिए एक संदेश है.” येहू ने उत्तर दिया, “हम सब में से किसके लिए?” भविष्यद्वक्ता ने उत्तर दिया, “सेनापति जी, आपके ही लिए.”
et ingressus est ecce autem principes exercitus sedebant et ait verbum mihi ad te princeps dixitque Hieu ad quem ex omnibus nobis at ille dixit ad te o princeps
6 तब येहू उठा और घर के भीतर चला गया. युवा भविष्यद्वक्ता ने तुरंत यह कहते हुए उसके सिर पर तेल उंडेल दिया, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है ‘मैं याहवेह की प्रजा, इस्राएल के लिए तुम्हारा राजाभिषेक कर रहा हूं.
et surrexit et ingressus est cubiculum at ille fudit oleum super caput eius et ait haec dicit Dominus Deus Israhel unxi te regem super populum Domini Israhel
7 तुम अपने स्वामी अहाब के वंश को नाश करना, कि मैं इसके द्वारा ईजेबेल से अपने सेवक भविष्यवक्ताओं के लहू का और याहवेह के सारे सेवकों के लहू का बदला ले सकूं.
et percuties domum Ahab domini tui ut ulciscar sanguinem servorum meorum prophetarum et sanguinem omnium servorum Domini de manu Hiezabel
8 क्योंकि अहाब का सारा परिवार नाश होगा, मैं अहाब के वंश से हर एक पुरुष को इस्राएल राष्ट्र से मिटा डालूंगा: दास या स्वतंत्र.
perdamque omnem domum Ahab et interficiam de Ahab mingentem ad parietem et clausum et novissimum in Israhel
9 मैं अहाब के वंश को नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान और अहीयाह के पुत्र बाशा के समान बना दूंगा.
et dabo domum Ahab sicut domum Hieroboam filii Nabath et sicut domum Baasa filii Ahia
10 येज़्रील ही की सीमा के भीतर कुत्ते ईजेबेल के शव को खाएंगे—कोई उसे गाड़ने भी न पाएगा.’” तब युवा भविष्यद्वक्ता द्वार खोल वहां से भाग गया.
Hiezabel quoque comedent canes in agro Hiezrahel nec erit qui sepeliat eam aperuitque ostium et fugit
11 जब येहू कमरे से बाहर अपने स्वामी के सेवकों के पास लौटा, वे उससे पूछने लगे, “सब कुशल तो है न? यह पागल व्यक्ति क्यों आया था तुम्हारे पास?” येहू ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम लोग तो इस व्यक्ति को और उसकी हरकतों को जानते ही हो.”
Hieu autem egressus est ad servos domini sui qui dixerunt ei rectene sunt omnia quid venit insanus iste ad te qui ait eis nostis hominem et quid locutus sit
12 सब एक साथ कहने लगे, “नहीं, नहीं, हम नहीं जानते. हमें सच-सच सब बताओ.” तब उसने उत्तर दिया, “उसने मुझसे यह सब कहा है ‘यह याहवेह का संदेश है, “मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त कर रहा हूं.”’”
at illi responderunt falsum est sed magis narra nobis qui ait eis haec et haec locutus est mihi et ait haec dicit Dominus unxi te regem super Israhel
13 यह सुनते ही उनमें से हर एक ने अपना अपना बाहरी वस्त्र उतारकर पत्थर की सीढ़ियों पर बिछा दिया और उन्होंने नरसिंगे के साथ घोषणा की, “येहू राजा हैं.”
festinaverunt itaque et unusquisque tollens pallium suum posuerunt sub pedibus eius in similitudinem tribunalis et cecinerunt tuba atque dixerunt regnavit Hieu
14 निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र येहू ने योराम के विरुद्ध षड़्‍यंत्र रचा. योराम सारी इस्राएली सेना के साथ अराम के राजा हाज़ाएल से रामोथ-गिलआद की रक्षा कर रहा था,
coniuravit ergo Hieu filius Iosaphat filii Namsi contra Ioram porro Ioram obsederat Ramoth Galaad ipse et omnis Israhel contra Azahel regem Syriae
15 मगर वास्तव में राजा यहोराम यहां अरामी सेना से लगे घावों से स्वस्थ होने के उद्देश्य से येज़्रील लौट आया था. ये घाव उसे अराम के राजा हाज़ाएल से युद्ध करते हुए अरामी सेना द्वारा लगे थे. येहू ने यहां यह घोषणा की, “यदि तुम सभी का यही मानना है, कि मैं अब राजा हूं, तो किसी को भी नगर से बाहर न जाने दिया जाए, कि यह समाचार येज़्रील न पहुंच सके.”
et reversus fuerat ut curaretur in Hiezrahel propter vulnera quia percusserant eum Syri proeliantem contra Azahel regem Syriae dixitque Hieu si placet vobis nemo egrediatur profugus de civitate ne vadat et nuntiet in Hiezrahel
16 तब येहू अपने रथ पर येज़्रील जा पहुंचा, क्योंकि इस समय योराम वहीं येज़्रील में था. यहूदिया का राजा अहज़्याह इस समय योराम का कुशल मंगल पता करने यहां आया हुआ था.
et ascendit et profectus est in Hiezrahel Ioram enim aegrotabat ibi et Ahazia rex Iuda descenderat ad visitandum Ioram
17 येज़्रील की शहरपनाह पर पहरेदार खड़ा हुआ था. येहू और उसके साथ बढ़ते चले आ रहे दल को देखकर उसने सूचना दी, “मुझे एक दल दिखाई दे रहा है.” यहोराम ने आदेश दिया, “एक घुड़सवार उनसे भेंटकरने भेजा जाए, जो उसे देख उससे पूछे, ‘शांति में ही आ रहे हो न?’”
igitur speculator qui stabat super turrem Hiezrahel vidit globum Hieu venientis et ait video ego globum dixitque Ioram tolle currum et mitte in occursum eorum et dicat vadens rectene sunt omnia
18 तब उससे भेंटकरने एक घुड़सवार गया. उसने येहू से कहा, “राजा ने पूछा है, ‘शांति के लिए ही आ रहे हो न?’” येहू का उत्तर था, “तुम्हें शांति से क्या लेना देना? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.” वहां पहरेदार ने यह सूचना फैला दी: “दूत वहां पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा.”
abiit igitur qui ascenderat currum in occursum eius et ait haec dicit rex pacata sunt omnia dixitque ei Hieu quid tibi et paci transi et sequere me nuntiavit quoque speculator dicens venit nuntius ad eos et non revertitur
19 इस पर एक दूसरे घुड़सवार को भी भेजा गया, जो उनके पास पहुंचा, जिसने येहू से कहा, “यह राजा का संदेश है ‘क्या सब कुशल मंगल है?’” येहू ने उसे उत्तर दिया, “क्या लेना देना है तुम्हारा कुशल मंगल से? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.”
misit etiam currum equorum secundum venitque ad eos et ait haec dicit rex num pax est et ait Hieu quid tibi et paci transi et sequere me
20 पहरेदार ने दोबारा सूचना फैला दी, “वह उनके पास पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा. घुड़सवार का व्यवहार निमशी के पुत्र येहू समान है—क्योंकि घोड़ा तेजी से दौड़ाया जा रहा है.”
nuntiavit autem speculator dicens venit usque ad eos et non revertitur est autem incessus quasi incessus Hieu filii Namsi praeceps enim graditur
21 यहोराम ने आदेश दिया, “तैयारी की जाए!” योराम का रथ तैयार किया गया. तब इस्राएल का राजा योराम और यहूदिया का राजा अहज़्याह दोनों ही अपने-अपने रथों पर येहू से भेंटकरने चल पड़े. येहू से उनकी भेंट येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर हुई.
et ait Ioram iunge currum iunxeruntque currum eius et egressus est Ioram rex Israhel et Ahazias rex Iuda singuli in curribus suis egressique sunt in occursum Hieu et invenerunt eum in agro Naboth Hiezrahelitis
22 येहू को देखते ही यहोराम ने उससे पूछा, “येहू, क्या सब कुशल मंगल है?” येहू ने उत्तर दिया, “कैसे हो सकती है, शांति, जब राज्य में आपकी माता ईजेबेल की देखरेख में वेश्यावृत्ति और जादू-टोना फैलते जा रहे हैं?”
cumque vidisset Ioram Hieu dixit pax est Hieu at ille respondit quae pax adhuc fornicationes Hiezabel matris tuae et veneficia eius multa vigent
23 यह सुनते ही यहोराम ने घोड़े को हांकते हुए अहज़्याह से कहा, “देशद्रोह, अहज़्याह, देशद्रोह!”
convertit autem Ioram manum suam et fugiens ait ad Ahaziam insidiae Ahazia
24 येहू ने पूरी शक्ति लगाकर धनुष ताना और यहोराम के दोनों कंधों के बीच निशाना साध कर बाण छोड़ दिया. बाण ने योराम के हृदय को बेध दिया और वह अपने रथ में ही ढेर हो गया.
porro Hieu tetendit arcum manu et percussit Ioram inter scapulas et egressa est sagitta per cor eius statimque corruit in curru suo
25 येहू ने अपने सहायक बिदकर को आदेश दिया, “उसे उठाकर येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर फेंक दो. तुम्हें वह समय याद होगा जब तुम और मैं साथ साथ उसके पिता अहाब के पीछे-पीछे जा रहे थे, स्वयं याहवेह ने कैसे उसके विरुद्ध यह घोषणा की थी:
dixitque Hieu ad Baddacer ducem tolle proice eum in agro Naboth Hiezrahelitae memini enim quando ego et tu sedentes in curru sequebamur Ahab patrem huius quod Dominus onus hoc levaverit super eum dicens
26 ‘ठीक जिस प्रकार कल मैंने नाबोथ और उसके पुत्रों का खून खराबा देखा था, यह याहवेह का संदेश है—तुम्हारा बदला मैं इसी भूमि पर लूंगा.’ इसलिये अब उसे उठाओ और उसे उसी भूमि पर फेंक आओ.”
si non pro sanguine Naboth et pro sanguine filiorum eius quem vidi heri ait Dominus reddam tibi in agro isto dicit Dominus nunc igitur tolle proice eum in agro iuxta verbum Domini
27 जब यहूदिया के राजा अहज़्याह ने यह सब देखा, वह बेथ-हग्गान नगर की दिशा में भागने लगा. उसका पीछा करते हुए येहू ने आदेश दिया, “उस पर भी बाण चलाओ!” सैनिकों ने उसे उसके रथ में ही गुर की चढ़ाई पर चढ़ते हुए मार गिराया. यह जगह इब्लीम के पास है. अहज़्याह मगिद्दो की ओर भागा, जहां उसकी मृत्यु हो गई.
Ahazias autem rex Iuda videns hoc fugit per viam domus horti persecutusque est eum Hieu et ait etiam hunc percutite in curru suo in ascensu Gaber qui est iuxta Ieblaam qui fugit in Mageddo et mortuus est ibi
28 उसके सेवक आकर उसे रथ में ही येरूशलेम ले गए और दावीद के नगर में उसे उसके पूर्वजों के साथ कब्र में रख दिया.
et inposuerunt eum servi eius super currum suum et tulerunt Hierusalem sepelieruntque in sepulchro cum patribus suis in civitate David
29 अहज़्याह ने अहाब के पुत्र योराम के शासनकाल के ग्यारहवें साल में यहूदिया पर शासन शुरू किया था.
anno undecimo Ioram filii Ahab rege Ahazia super Iudam
30 जब येहू येज़्रील नगर पहुंचा ईजेबेल को सारी घटना का समाचार मिला. उसने अपनी आंखों में काजल लगाया, बाल संवारे और खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने लगी.
venit Hieu Hiezrahel porro Hiezabel introitu eius audito depinxit oculos suos stibio et ornavit caput suum et respexit per fenestram
31 जैसे ही येहू ने प्रवेश किया, उसने पूछा, “सब कुशल तो है, अपने ही स्वामी के हत्यारे ज़िमरी?”
ingredientem Hieu per portam et ait numquid pax esse potest Zamri qui interfecit dominum suum
32 येहू ने खिड़की की ओर दृष्टि करते हुए कहा, “कौन-कौन है मेरी ओर?” दो या तीन अधिकारी खोजों ने झांककर उसकी ओर देखा.
levavitque Hieu faciem suam ad fenestram et ait quae est ista et inclinaverunt se ad eum duo vel tres eunuchi
33 येहू ने आदेश दिया, “फेंक दो उसे वहां से!” तब उन्होंने उसे उठाकर वहां से नीचे फेंक दिया. उसके खून के कुछ छींटे दीवार पर और कुछ छींटे घोड़ों पर जा पड़े और घोड़ों ने उसे रौंद डाला.
at ille dixit eis praecipitate eam deorsum et praecipitaverunt eam aspersusque est sanguine paries et equorum ungulae qui conculcaverunt eam
34 येहू राजघराने के भीतर गया और तृप्‍त होने तक भोजन किया. उसने आदेश दिया, “जाकर उस शापित स्त्री को देखो! उसे गाड़ दो, क्योंकि वह राजकुमारी थी.”
cumque ingressus esset et comederet bibissetque ait ite videte maledictam illam et sepelite eam quia filia regis est
35 वे उसे गाड़ने के उद्देश्य से जब उसे उठाने गए, उन्होंने पाया कि वहां सिर्फ उसकी खोपड़ी, पैर और उसके हाथों की हथेलियां ही बची थी.
cumque issent ut sepelirent eam non invenerunt nisi calvariam et pedes et summas manus
36 जब वे लौटकर येहू को बताने गए, उसने याद दिलाया, “यह याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार हुआ है, जो उन्होंने अपने सेवक तिशबेवासी एलियाह के माध्यम से भेजी थी: येज़्रील की सीमा के ही भीतर कुत्ते ईजेबेल का मांस खा जाएंगे,
reversique nuntiaverunt ei et ait Hieu sermo Domini est quem locutus est per servum suum Heliam Thesbiten dicens in agro Hiezrahel comedent canes carnes Hiezabel
37 और ईजेबेल का शव येज़्रील की सीमा के भीतर की भूमि पर गोबर के समान होगा, कि कोई यह न कह सके, ‘यह ईजेबेल है.’”
et erunt carnes Hiezabel sicut stercus super faciem terrae in agro Hiezrahel ita ut praetereuntes dicant haecine est illa Hiezabel

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