< 2 इतिहास 4 >
1 इसके बाद शलोमोन ने एक कांसे की वेदी बनवाई, इसकी लंबाई और चैड़ाई एक समान, नौ मीटर थी और इसकी ऊंचाई थी साढ़े चार मीटर.
Then he made a brass altar, twenty cubits long, twenty cubits wide and ten cubits high.
2 शलोमोन ने ढली हुई धातु का एक पानी का हौद बनाया, जो गोल था और उसका व्यास साढ़े चार मीटर और उसकी ऊंचाई थी सवा दो मीटर इसका कुल घेर था साढ़े तेरह मीटर
And he made the great water-vessel of metal, round in form, measuring ten cubits across from edge to edge; it was five cubits high and thirty cubits round.
3 इसके जल में और इसके चारों ओर बछड़ों की आकृति बनाई गई थी—पूरे साढ़े चार मीटर में. ये आकृतियां पूरे हौद को घेरे हुए थी. बछड़ों की आकृतियां दो पंक्तियों में ढाली गई थी जिससे पूरा हौद एक ही था, बिना जोड़ के.
And under it was a design of flowers all round it, ten to a cubit, circling the water-vessel in two lines; they were made from liquid metal at the same time as the water-vessel.
4 यह हौद बारह बछड़ों पर रखा, गया था; तीन उत्तर दिशा की ओर मुख किए हुए थे, तीन पश्चिम दिशा की ओर. यह हौद इन्हीं पर रखा गया था और इन सभी के पिछले पैर अंदर की ओर थे.
It was supported on twelve oxen, three facing to the north, three to the west, three to the south, and three to the east, the water-vessel resting on top of them; their back parts were all turned to the middle of it.
5 हौद की मोटाई लगभग आठ सेंटीमीटर थी, इसकी किनारी कटोरे की किनारी के समान सोसन फूल के आकार में ढाली गई थी. इसकी क्षमता थी एक लाख पैंतीस हज़ार लीटर.
It was as thick as a man's open hand, and the edge of it was curved like the edge of a cup, like a lily flower; it would take three thousand baths.
6 धोने की प्रक्रिया के लिए उन्होंने दस चिलमचियों को बनाया. उन्होंने पांच चिलमचियां दायीं ओर और पांच बायीं ओर. इनका इस्तेमाल होमबलि के लिए प्रयोग की जानेवाली वस्तुओं को धोना, मगर हौद का प्रयोग पुरोहितों के नहाने के लिए किया जाता था.
And he made ten washing-vessels, putting five on the right side and five on the left; such things as were used in making the burned offering were washed in them; but the great water-vessel was to be used by the priests for washing themselves.
7 तब शलोमोन ने निर्देश के अनुसार दस सोने की दीवटों का निर्माण किया और उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित कर दिया; पांच दायीं ओर और पांच बायीं ओर.
And he made the ten gold supports for the lights, as directions had been given for them, and he put them in the Temple, five on the right side and five on the left.
8 उन्होंने दस मेजों को बनाकर उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित किया, पांच दायीं ओर और पांच बायीं ओर. तब उन्होंने सौ सोने के कटोरों का निर्माण किया.
He made ten tables, and put them in the Temple, five on the right side and five on the left. And he made a hundred gold basins.
9 इसके बाद शलोमोन ने पुरोहितों के लिए आंगन बनवाया. उन्होंने साथ ही एक बहुत बड़ा आंगन और उसके लिए दरवाजों को भी बनवाया. इन दरवाजों को उन्होंने कांसे से मढ़ दिया.
Then he made the open space for the priests, and the great open space and its doors, plating the doors with brass.
10 शलोमोन ने हौद को भवन के दक्षिण पूर्व कोने में स्थापित कर दिया.
He put the great water-vessel on the right side of the house to the east, facing south.
11 हूराम-आबी ने चिमचियां, बेलचे और कटोरियां भी बनाईं. हीराम ने राजा शलोमोन के लिए परमेश्वर के भवन से संबंधित सारा काम खत्म कर दिया.
And Huram made all the pots and the spades and the basins. So he came to the end of all the work he did for King Solomon in the house of God:
12 दो मीनार, इन मीनारों के ऊपर लगाए गए दो गोलाकार कंगनियां; खंभे के सिरों के गोलाकार भागों के ऊपर लटकाई गई जाली;
The two pillars, and the two crowns on the tops of the pillars, and the network covering the two cups of the crowns on the tops of the pillars;
13 दोनों मीनारों के सिरों पर लगाए गए चार सौ अनार (हर एक के लिए दो-दो सौ अनार; जो खंभों के सिरों पर लगाए गए थे);
And the four hundred apples for the network, two lines of apples for the network covering the two cups of the crowns on the pillars.
14 उसने कुर्सियां बनवाई और उन पर रखने के लिए चिलमचियां भी;
And he made the ten bases and the ten washing-vessels which were on the bases;
15 और वह एक हौद और उसके नीचे स्थापित किए गए वे बारह बछड़े भी;
The great water-vessel with the twelve oxen under it.
16 वे कलश, फावड़े, कांटे और इन सबके साथ इनसे संबंधित सारी चीज़ें. सारे बर्तन हुराम-आबी ने राजा शलोमोन के आदेश से याहवेह के भवन के लिए चमकाए गए कांसे के बनाए थे.
All the pots and the spades and the meat-hooks and their vessels, which Huram, who was as his father, made for King Solomon for the house of the Lord, were of polished brass.
17 राजा ने इनकी ढलाई यरदन घाटी में, जो सुक्कोथ और ज़ेरेदाह में है, मिट्टी के सांचों में ढाल कर की थी.
The king made them of liquid metal in the lowland of Jordan, in the soft earth between Succoth and Zeredah.
18 इस प्रकार शलोमोन ने ये सभी बर्तन बहुत अधिक मात्रा में बनवाए थे. मात्रा इतनी ज्यादा थी कि कांसे का भार मापना संभव न रहा.
So Solomon made all these vessels, a very great store of them, and the weight of the brass used was not measured.
19 शलोमोन ने परमेश्वर के भवन के लिए ये सभी वस्तुएं भी बनवाई थी: सोने की वेदी; मेल की रोटी के लिए ज़रूरी मेज़;
And Solomon made all the vessels used in the house of God, the gold altar and the tables on which the holy bread was placed,
20 शुद्ध सोने की दीवटें और उनके ऊपर रखे जाने के दीप, जिन्हें ठहराई गई रीति से अंदर के मंदिर के सामने जलाया जाना था;
And the supports for the lights with their lights, to be burning in the regular way in front of the inmost room, of the best gold;
21 सोने के, हां, विशुद्ध स्वर्ण के फूल दीप और चिमटियां;
The flowers and the vessels for the lights and the instruments used for them, were all of gold; it was the best gold.
22 दीप की बाती काटने की कैंचियां, चिलमचियां, धूप के पात्र, अग्नि रखने के पात्र शुद्ध सोने के थे. मंदिर के द्वारों के कब्जे, परम पवित्र स्थान के आन्तरिक द्वारों के कब्जे और मंदिर के बीच के भाग के दरवाजे भी सोने के ही थे.
The scissors and the basins and the spoons and the fire-trays, of the best gold; and the inner doors of the house, opening into the most holy place, and the doors of the Temple, were all of gold.