< 1 शमूएल 20 >

1 दावीद रामाह के नाइयोथ से भी भागे. उन्होंने योनातन के पास आकर उनसे पूछा, “क्या किया है मैंने, बताओ? कहां हुई है मुझसे भूल? क्या अपराध किया है मैंने तुम्हारे पिता का, जो वह आज मेरे प्राणों के प्यासे हो गए हैं?”
David je pobegnil iz Najóta v Rami in prišel ter pred Jonatanom rekel: »Kaj sem storil? Kaj je moja krivda? Kakšen je moj greh pred tvojim očetom, da mi streže po življenju?«
2 “असंभव!” योनातन ने उनसे कहा. “यह हो ही नहीं सकता कि तुम्हारी हत्या हो! मेरे पिता साधारण असाधारण कोई भी काम बिना मुझे बताए करते ही नहीं. भला इस विषय को वे मुझसे क्यों छिपाएंगे? नहीं. यह असंभव है!”
Rekel mu je: »Bog ne daj. Ne boš umrl. Glej, moj oče ne bo storil ničesar, ali velikega ali malega, razen, da mi bo to pokazal. Zakaj bi moj oče to stvar skril pred menoj? To ni tako.«
3 दावीद ने शपथ लेकर कहा, “तुम्हारे पिता को तुम्हारे और मेरे गहरे संबंधों का पूर्ण पता है, ‘तब उन्होंने यह सही समझा है कि इस विषय में तुम्हें कुछ भी जानकारी न हो, अन्यथा तुम दुःखी विचलित हो जाओगे.’ जीवन्त याहवेह तथा तुम्हारी शपथ, मेरी मृत्यु मुझसे सिर्फ एक पग ही दूर है.”
David je poleg tega prisegel in rekel: »Tvoj oče zagotovo ve, da sem našel milost v tvojih očeh.« Rekel je: »Naj Jonatan tega ne izve, da ne bi bil užaloščen, toda resnično, kakor živi Gospod in kakor živi tvoja duša, je samo korak med menoj in smrtjo.«
4 योनातन ने इस पर दावीद से पूछा, “तो बताओ, अब मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं?”
Potem je Jonatan rekel Davidu: »Karkoli želi tvoja duša, celo to bom storil zate.«
5 तब दावीद ने योनातन को यह सुझाव दिया: “कल नवचंद्र उत्सव है. रीति के अनुसार मेरा राजा के भोज में उपस्थित रहना अपेक्षित है. तुम्हें मुझे अवकाश देना होगा कि मैं आज से तीसरे दिन की शाम तक मैदान में जाकर छिप जाऊं.
David je Jonatanu rekel: »Glej, jutri je mlaj in jaz naj ne bi manjkal sedeti s kraljem pri mizi. Toda pusti mi oditi, da se lahko skrijem na polju do tretjega dne zvečer.
6 यदि तुम्हारे पिता को मेरी अनुपस्थिति का पता हो जाए, तो तुम उनसे कहो, ‘दावीद ने एक बहुत ही ज़रूरी काम के लिए अपने गृहनगर बेथलेहेम जाने की छुट्टी ली है. वहां उसके पूरे परिवार का बलि चढ़ाने का उत्सव है.’
Če me tvoj oče sploh pogreši, potem reci: ›David je iskreno prosil oditi od mene, da lahko teče v svoje mesto Betlehem, kajti tam je letna klavna daritev za vso družino.‹
7 यदि तुम्हारे पिता कहें, ‘ठीक है,’ कोई बात नहीं, तब इसका मतलब होगा कि तुम्हारा सेवक सुरक्षित है. मगर यदि यह सुनते ही वह क्रुद्ध हो जाएं, तो यह समझ लेना कि उन्होंने मेरा बुरा करने का निश्चय कर लिया है.
Če reče tako: › To je dobro, ‹ bo tvoj služabnik imel mir. Toda če bo zelo ogorčen, potem bodi prepričan, da je po njem določeno zlo.
8 तब तुम अपने सेवक के प्रति कृपालु रहना, क्योंकि तुमने ही याहवेह के सामने अपने सेवक के साथ वाचा बांधी है. मगर यदि तुम्हारी दृष्टि में मैंने कोई अपराध किया है, तुम स्वयं मेरे प्राण ले लो, क्या आवश्यकता है, इसमें तुम्हारे पिता को शामिल करने की?”
Zato boš prijazno postopal s svojim služabnikom, kajti svojega služabnika si privedel v Gospodovo zavezo s seboj. Vendar če bo v meni krivičnost, me sam ubij, kajti zakaj bi me privedel k svojemu očetu?«
9 “कभी नहीं!” योनातन ने कहा. “यदि मुझे लेश मात्र भी यह पता होता कि मेरे पिता तुम्हारा बुरा करने के लिए ठान चुके हैं, क्या मैं तुम्हें न बताता?”
Jonatan je rekel: »To bodi daleč od tebe, kajti če zagotovo izvem, da je bilo po mojem očetu določeno zlo, da pride nadte, mar ti ne bi potem tega povedal?«
10 तब दावीद ने योनातन से कहा, “अब बताओ, तुम्हारे पिता द्वारा दिए गए प्रतिकूल उत्तर के विषय में कौन मुझे सूचित करेगा?”
Potem je David rekel Jonatanu: »Kdo mi bo povedal? Ali kaj če ti tvoj oče odgovori surovo?«
11 योनातन ने उनसे कहा, “आओ, बाहर मैदान में चलें.” जब वे दोनों मैदान में पहुंच गए.
Jonatan je rekel Davidu: »Pridi in pojdiva ven na polje.« In oba izmed njiju sta odšla na polje.
12 योनातन ने दावीद से कहा, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर मेरे गवाह हैं. कल या परसों लगभग इसी समय, जब मैं अपने पिता के सामने यह विषय छोड़ूंगा, यदि दावीद के विषय में उनकी मंशा अच्छी दिखाई दे, तो क्या में तुम्हें इसकी सूचना न दूंगा?
Jonatan je rekel Davidu: »Oh Gospod, Izraelov Bog, ko bom kadarkoli slišal svojega očeta, jutri ali tretji dan in glej, če bo dobro do Davida in potem ne pošljem k tebi in ti tega ne pokažem;
13 मगर यदि मेरे पिता का संतोष तुम्हारी बुराई में ही है, तब याहवेह यह सब, तथा इससे भी अधिक योनातन के साथ करें, यदि मैं तुम्हें इसके विषय में सूचित न करूं, और तुम्हें इसका समाचार न दूं, कि तुम यहां से सुरक्षा में विदा हो सको. याहवेह की उपस्थिति तुम्हारे साथ इसी प्रकार बनी रहे, जिस प्रकार मेरे पिता के साथ बनी रही थी.
Gospod stori tako in mnogo več Jonatanu. Toda če to ugaja mojemu očetu, da ti stori zlo, potem ti bom to pokazal in te poslal proč, da boš lahko šel v miru, in Gospod bodi s teboj, kakor je bil z mojim očetom.
14 जब तक मैं जीवित रहूं, मुझ पर याहवेह का अपार प्रेम प्रकट करते रहना,
Dokler še živim ne boš samo meni izkazoval Gospodove prijaznosti, da ne umrem,
15 मगर यदि मेरी मृत्यु हो जाए, तो मेरे परिवार के प्रति अपने अपार प्रेम को कभी न भुलाना—हां, उस स्थिति में भी, जब याहवेह दावीद के सारा शत्रुओं का अस्तित्व धरती पर से मिटा देंगे.”
temveč tudi svoje prijaznosti ne boš odsekal od moje hiše na veke. Ne, niti ko je Gospod odsekal Davidove sovražnike, vsakega iz obličja zemlje.«
16 तब योनातन ने यह कहते हुए दावीद के परिवार से वाचा स्थापित की, “याहवेह दावीद के शत्रुओं से प्रतिशोध लें.”
Tako je Jonatan sklenil zavezo z Davidovo hišo, rekoč: »Naj Gospod to celo zahteva pri roki Davidovih sovražnikov.«
17 एक बार फिर योनातन ने दावीद के साथ शपथ ली, क्योंकि दावीद उन्हें बहुत ही प्रिय थे. वस्तुतः योनातन को दावीद अपने ही प्राणों के समान प्रिय थे.
Jonatan je Davidu dal, da je ponovno prisegel, ker ga je ljubil, kajti ljubil ga je, kakor je ljubil svojo lastno dušo.
18 योनातन ने उनसे कहा, “कल नवचंद्र उत्सव है और तुम्हारा आसन रिक्त रहेगा तब सभी के सामने तुम्हारी अनुपस्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
Potem je Jonatan rekel Davidu: »Jutri je mlaj in ti boš pogrešan, ker bo tvoj sedež prazen.
19 परसों शीघ्र ही उस स्थान पर, पत्थरों के ढेर के पीछे छिप जाना, जहां तुम पहले भी छिपे थे. तुम वहीं ठहरे रहना.
Ko boš tri dni ostal, potem boš hitro šel dol in prišel h kraju, kjer si se skril, ko je bilo opravilo v roki in ostal boš pri kamnu Ezelu.
20 मैं इस ढेर के निकट तीन बाण छोड़ूंगा, मानो में किसी लक्ष्य पर तीर छोड़ रहा हूं.
Jaz pa bom izstrelil tri puščice na tej strani, kakor če streljam v tarčo.
21 जब मैं लड़के को उन बाणों के पीछे भेजूंगा, मैं कहूंगा, ‘जाकर बाण खोज लाओ.’ और तब यदि मैं लड़के से कहूं, ‘वह देखो, बाण तुम्हारे इसी ओर हैं,’ ले आओ उन्हें, तब तुम यहां लौट आना, क्योंकि जीवन्त याहवेह की शपथ, तुम्हारे लिए कोई जोखिम न होगा और तुम पूर्णतः सुरक्षित हो.
Glej, poslal bom dečka, rekoč: ›Pojdi, najdi puščice.‹ Če bom dečku izrecno rekel: ›Glej, puščice so na tej tvoji strani, vzemi jih, ‹ potem pridi, kajti tam je zate mir in nobene škode, kakor Gospod živi.
22 मगर यदि मैं लड़के से यह कहूं, ‘सुनो! बाण तुम्हारी दूसरी ओर हैं,’ तब तुम्हें भागना होगा, क्योंकि याहवेह ने तुम्हें दूर भेजना चाहा है.
Toda če mladeniču rečem tako: ›Glej, puščice so onstran tebe, ‹ pojdi svojo pot, kajti Gospod te pošilja proč.
23 जिस विषय पर हम दोनों के बीच चर्चा हुई है, उसका सदा-सर्वदा के लिए याहवेह हमारे गवाह हैं.”
Glede zadeve, o kateri sva govorila, glej, Gospod bodi med menoj in teboj na veke.«
24 तब दावीद जाकर मैदान में छिप गए. नवचंद्र उत्सव के मौके पर राजा भोज के लिए तैयार हुए.
Tako se je David skril na polju. Ko je prišel mlaj, se je kralj usedel, da jé hrano.
25 राजा अपने निर्धारित स्थान पर बैठे थे, जो दीवार के निकट था. योनातन का स्थान उनके ठीक सामने था. सेनापति अबनेर शाऊल के निकट बैठे थे. दावीद का आसन खाली था.
Kralj je sedel na svojem sedežu, kakor ob drugih časih, torej sedežu pri zidu in Jonatan je vstal in Abnêr je sedel pri Savlovi strani, Davidovo mesto pa je bilo prazno.
26 शाऊल ने इस विषय में कोई प्रश्न नहीं किया; इस विचार में “उसके साथ अवश्य कुछ हो गया है; वह सांस्कारिक रूप से आज अशुद्ध होगा. हां, वह अशुद्ध ही होगा.”
Kljub temu Savel ta dan ni spregovoril nobene stvari, kajti mislil je: »Nekaj se mu je pripetilo, ni čist. Zagotovo ni čist.«
27 मगर जब दूसरे दिन भी, नवचंद्र दिवस के दूसरे दिन भी, दावीद का आसन रिक्त ही था, शाऊल ने योनातन से पूछा, “क्या कारण है यिशै का पुत्र न तो कल भोजन पर आया, न ही आज भी?”
Pripetilo se je naslednji dan, ki je bil drugi dan meseca, da je bil Davidov prostor prazen. Savel je rekel svojemu sinu Jonatanu: »Zakaj ne prihaja Jesejev sin k jedi niti včeraj niti danes.«
28 योनातन ने शाऊल को उत्तर दिया, “दावीद ने एक बहुत ही आवश्यक काम के लिए मुझसे बेथलेहेम जाने की अनुमति ली है.
Jonatan je odgovoril Savlu: »David me je iskreno prosil za dovoljenje, da gre v Betlehem.
29 उसने विनती की, ‘मुझे जाने की अनुमति दो, क्योंकि हम अपने गृहनगर में बलि अर्पण कर रहे हैं. और मेरे भाई ने आग्रह किया है कि मैं वहां आ जाऊं, तब यदि मुझ पर तुम्हारी कृपादृष्टि है, मुझे मेरे भाइयों से भेंटकरने की अनुमति दीजिए.’ इसलिये आज वह इस भोज में शामिल नहीं हो सका है.”
Rekel je: ›Pusti me oditi, prosim te, kajti naša družina ima klavno daritev v mestu in moj brat mi je zapovedal, naj bom tam in sedaj, če sem našel naklonjenost v tvojih očeh, mi pusti oditi, prosim te in videti svoje brate.‹ Zato ne prihaja h kraljevi mizi.«
30 यह सुनते ही योनातन पर शाऊल का क्रोध भड़क उठा, वह कहने लगे, “भ्रष्‍ट और विद्रोही स्त्री की संतान! क्या मैं समझ नहीं रहा, कि तूने अपनी लज्जा तथा अपनी मां की लज्जा के लिए यिशै के पुत्र का पक्ष ले रहा है?
Potem je bila Savlova jeza vžgana zoper Jonatana in mu je rekel: »Ti, sin sprevržene uporne ženske, mar ne vem, da si si izbral Jesejevega sina v svojo lastno zmedo in k zmedi nagote svoje matere?
31 यह समझ ले, कि जब तक इस पृथ्वी पर यिशै का पुत्र जीवित है, तब तक न तो तू, और न तेरा राज्य प्रतिष्ठित हो सकेगा. अब जा और उसे यहां लेकर आ, क्योंकि उसकी मृत्यु निश्चित है!”
Kajti dokler Jesejev sin živi na zemlji, ne boš utrjen niti tvoje kraljestvo. Zato sedaj pošlji in mi ga pripelji, kajti zagotovo bo umrl.«
32 योनातन ने अपने पिता शाऊल से प्रश्न किया, “क्यों है उसकी मृत्यु निश्चित? क्या किया है उसने ऐसा?”
Jonatan je svojemu očetu Savlu odgovoril in mu rekel: »Zakaj naj bi bil umorjen? Kaj je storil?«
33 यह सुनते ही शाऊल ने भाला फेंककर योनातन को घात करना चाहा. अब योनातन को यह निश्चय हो गया, कि उसके पिता दावीद की हत्या के लिए दृढ़ संकल्प किया हैं.
Savel je vanj vrgel kopje, da ga pobije, po čemer je Jonatan vedel, da je bilo od njegovega očeta odločeno, da Davida usmrti.
34 क्रोध से अभिभूत योनातन भोजन छोड़ उठ गए; नवचंद्र के दूसरे दिन भी उन्होंने भोजन न किया, क्योंकि वह अपने पिता के व्यवहार से लज्जित तथा दावीद के लिए शोकाकुल थे.
Tako je Jonatan v siloviti jezi vstal od mize in drugi dan meseca ni jedel nobene hrane, kajti užaloščen je bil zaradi Davida, ker mu je oče storil sramoto.
35 प्रातःकाल योनातन एक लड़के को लेकर दावीद से भेंटकरने मैदान में नियमित स्थान पर पहुंचे.
Pripetilo se je zjutraj, da je Jonatan odšel na polje ob času, dogovorjenem z Davidom in majhen deček z njim.
36 उन्होंने उस लड़के को आदेश दिया, “दौड़कर उन बाणों को खोज लाओ जो मैं छोड़ने पर हूं.” जैसे ही लड़के ने दौड़ना शुरू किया, योनातन ने एक बाण उसके आगे लक्ष्य करते हुए छोड़ दिया.
Svojemu dečku je rekel: »Steci, poišči sedaj puščice, ki jih izstrelim.« In medtem ko je deček stekel, je izstrelil puščico preko njega.
37 जब वह लड़का उस स्थल के निकट पहुंचा, योनातन ने पुकारते हुए उससे कहा, “क्या वह बाण तुमसे आगे नहीं गिरा है?”
Ko je deček prišel na mesto puščice, ki jo je Jonatan izstrelil, je Jonatan zaklical za dečkom in rekel: » Ali ni puščica onstran tebe?«
38 योनातन ने फिर पुकारा, “जल्दी करो! दौड़ो विलंब न करो!” लड़का बाण उठाकर अपने स्वामी के पास लौट आया.
Jonatan je zaklical za dečkom: »Podvizaj se, pohiti, ne stoj.« Jonatanov deček je zbral puščice in prišel k svojemu gospodarju.
39 (यह सब क्या हो रहा था, इसका उस लड़के को लेश मात्र भी पता नहीं था. रहस्य सिर्फ दावीद और योनातन के मध्य सीमित था.)
Toda deček ni vedel nobene stvari. Samo Jonatan in David sta poznala zadevo.
40 इसके बाद योनातन ने अपने शस्त्र उस लड़के को इस आदेश के साथ सौंप दिए, “इन्हें लेकर नगर लौट जाओ.”
Jonatan je izročil svoje strelno orožje svojemu dečku in mu rekel: »Pojdi, odnesi jih v mesto.«
41 जब वह लड़का वहां से चला गया, दावीद ने पत्थरों के उस ढेर के पीछे से उठकर योनातन को नमन किया. तब दोनों एक दूसरे का चुंबन करते हुए रोते रहे—दावीद अधिक रो रहे थे.
In brž ko je deček odšel, se je David dvignil iz kraja proti jugu in padel na svoj obraz na tla in se trikrat priklonil. Drug drugega sta poljubila in jokala drug z drugim, dokler David ni prevladal [v joku].
42 योनातन ने दावीद से कहा, “तुम यहां से शांतिपूर्वक विदा हो जाओ, क्योंकि हमने याहवेह के नाम में यह वाचा बांधी है, ‘मेरे और तुम्हारे बीच तथा मेरे तथा तुम्हारे वंशजों के मध्य याहवेह, हमेशा के गवाह हैं.’” तब दावीद वहां से चले गए और योनातन अपने घर लौट गए.
Jonatan je rekel Davidu: »Pojdi v miru, kakor sva oba izmed naju prisegla v Gospodovem imenu, rekoč: ›GOSPOD bodi med menoj in teboj in med mojim semenom in tvojim semenom na veke.‹« In vstal je ter odpotoval, Jonatan pa je odšel v mesto.

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