< 1 राजा 5 >
1 जब सोर देश के राजा हीराम को यह पता चला कि शलोमोन को उनके पिता दावीद के स्थान पर राजा बनाया गया है, उन्होंने शलोमोन के पास अपने राजदूतों को भेजे, दावीद हमेशा से ही हीराम के प्रिय रहे थे.
And Hiram king of Tyre sent his servants to Solomon: for he heard that they had anointed him king in the room of his father: for Hiram had always been David’s friend.
2 शलोमोन ने राजा हीराम के लिए यह संदेश भेजा:
And Solomon sent to Hiram, saying:
3 “आपको यह तो पता ही है कि विभिन्न युद्धों में लगे रहने के कारण मेरे पिता दावीद, जब तक सभी शत्रु उनके अधीन न हो गए, तब तक अपने परमेश्वर याहवेह की महिमा के लिए भवन बनाने में असमर्थ ही रहे थे.
Thou knowest the will of David my father, and that he could not build a house to the name of the Lord his God, because of the wars that were round about him, until the Lord put them under the soles of his feet.
4 मगर अब याहवेह, मेरे परमेश्वर ने मुझे हर तरफ़ से शांति दी है. अब न कोई मेरा शत्रु है, और न ही मुझे किसी ओर से किसी जोखिम की कोई आशंका है.
But now the Lord my God hath given me rest round about: and there is no adversary nor evil occurrence.
5 इसलिये जैसा कि याहवेह ने मेरे पिता दावीद से कहा, ‘तुम्हारा पुत्र, जिसे मैं तुम्हारे सिंहासन पर बैठाऊंगा, वही होगा, जो मेरी महिमा के लिए भवन बनवाएगा.’ मेरी इच्छा है कि मैं याहवेह मेरे परमेश्वर की महिमा के लिए भवन बनवाऊं.
Wherefore I purpose to build a temple to the name of the Lord my God, as the Lord spoke to David my father, saying: my son, whom I will set upon the throne in thy piece, he shall build a house to my name.
6 “इसलिये आप अपने सेवकों को आदेश दें कि वे मेरे लिए लबानोन से देवदार के पेड़ कांटे. इन सेवकों के साथ मेरे सेवक भी होंगे, और मैं आपके इन सेवकों को आपके द्वारा तय किया गया वेतन देता जाऊंगा, क्योंकि यह तो आपको मालूम ही है कि हमारे बीच ऐसा कोई नहीं है, जिसे सीदोनियों के बराबर लकड़ी का काम आता हो.”
Give orders therefore that thy servants cut me down cedar trees out of Libanus, and let my servants be with thy servants: and I will give thee the hire of thy servants whatsoever thou wilt ask, for thou knowest how there is not among my people a man that has skill to hew wood like to the Sidonians.
7 शलोमोन के ये वचन सुन हीराम बहुत ही खुश होकर कह उठा, “आज धन्य हैं याहवेह, जिन्होंने इस बड़े देश पर शासन के लिए दावीद को एक बुद्धिमान पुत्र दिया है.”
Now when Hiram had heard the words of Solomon, he rejoiced exceedingly, and said: Blessed be the Lord God this day, who hath given to David a very wise son over this numerous people.
8 तब हीराम ने शलोमोन को यह संदेश भेजा: “आपके द्वारा भेजा गया संदेश मैंने सुन लिया है. देवदार और सनोवर की लकड़ी से संबंधित आपके द्वारा कहे गये सब कुछ करने के लिए मैं तैयार हूं.
And Hiram sent to Solomon, saying: I have heard all thou hast desired of me: and I will do all thy desire concerning cedar trees, and fir trees.
9 मेरे सेवक लकड़ी लबानोन से भूमध्य-सागर तक पहुंचा देंगे; मैं उनके बेड़े बना दूंगा, कि वे समुद्र के मार्ग से आपके द्वारा ठहराए गए स्थान तक भेजे जा सकें. वहां ये बेड़े खोल दिए जाएंगे. वहां से आप इन्हें उठा सकेंगे. आपको करना यह होगा: आप मेरे परिवार के लिए भोजन देकर मेरी भी इच्छा पूरी कर दीजिए.”
My servants shall bring them down from Libanus to the sea: and I will put them together in floats in the sea, and convey them to the place, which thou shalt signify to me; and will land them there, and thou shalt receive them: and thou shalt allow me necessaries, to furnish food for my household.
10 शलोमोन ने देवदार और सनोवर की जितनी लकड़ी चाही उतना हीराम ने दे दी.
So Hiram gave Solomon cedar trees, and fir trees, according to all his desire.
11 दूसरी ओर शलोमोन ने हीराम को तीन हज़ार छः सौ टन गेहूं और चार लाख चालीस हज़ार लीटर शुद्ध ज़ैतून का तेल भेज दिया. शलोमोन यह हर साल करते रहे.
And Solomon allowed Hiram twenty thousand measures of wheat, for provision for his house, and twenty measures of the purest oil: thus gave Solomon to Hiram every year.
12 अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार याहवेह ने शलोमोन को बुद्धि से भर दिया. शलोमोन और हीराम के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध थे. दोनों ने आपस में वाचा बांध ली थी.
And the Lord gave wisdom to Solomon, as he promised him: and there was peace between Hiram and Solomon, and they two made a league together.
13 राजा शलोमोन ने सारे इस्राएल देश से इस काम के लिए बेगारी पर पुरुष लगाए, जिनकी कुल संख्या तीस हज़ार हो गई.
And king Solomon chose workmen cut of all Israel, and the levy was of thirty thousand men.
14 इनमें से वह दस हज़ार को पूरे साल में बारी-बारी से हर महीने लबानोन भेज दिया करते थे. ये कर्मचारी एक महीने लबानोन में और दो महीने अपने घर में रहते थे, अदोनिरम इन सभी कर्मचारियों के ऊपर अधिकारी थे.
And he sent them to Libanus, ten thousand every month by turns, so that two months they were at home: and Adoniram was over this levy.
15 शलोमोन ने पहाड़ी क्षेत्र में सत्तर हज़ार बोझा ढोनेवाले और अस्सी हज़ार पत्थर का काम करनेवाले चुने थे.
And Solomon had seventy thousand to carry burdens, and eighty thousand to hew stones in the mountain:
16 इन सबके अलावा पूरे काम को देखने के लिए तीन हज़ार तीन सौ अधिकारी भी चुने गए थे, कि वे सारी योजना और कर्मचारियों की गतिविधि पर नज़र रख सकें.
Besides the overseers who were over every work, in number three thousand, and three hundred that ruled over the people, and them that did the work.
17 राजा के आदेश पर उन्होंने बड़े-बड़े कीमती पत्थर खोद निकाले, कि इन्हें तराशकर भवन की नींव के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
And the king commanded, that they should bring great stones, costly stones, for the foundation of the temple, and should square them:
18 इस प्रकार शलोमोन के कर्मचारियों ने, हीराम के कर्मचारियों और गिबलियों ने मिलकर भवन बनाने के लिए लकड़ी और पत्थर तैयार किए.
And the masons of Solomon, and the masons of Hiram hewed them: and the Giblians prepared timber and stones to build the house.