< 1 इतिहास 9 >

1 इस प्रकार पूरे इस्राएल का नाम वंशावली में पूरा-पूरा लिख लिया गया. यह इस्राएल के राजा नामक पुस्तक में लिखा गया था. अपने विश्वासघात के कारण यहूदिया को बंधुआई में बाबेल ले जाया गया.
All of the people of Israel were recorded in the genealogies written down in the book of the kings of Israel. The people of Judah were taken away to captivity in Babylon because they had been unfaithful.
2 वे, जो बंधुआई से लौटे, उनमें सबसे पहले वे थे, जो अपने-अपने नगरों में अपनी ही संपत्ति में आकर बसे थे, उनमें कुछ इस्राएली थे, कुछ पुरोहित थे, कुछ लेवी थे और कुछ मंदिर में सेवा के लिए ठहराए गए सेवक थे.
The first to return and reclaim their property and live in their towns were some Israelites, priests, Levities, and Temple servants.
3 कुछ यहूदिया के रहनेवाले बंधुए, कुछ बिन्यामिन के वंशज और कुछ एफ्राईम और मनश्शेह के वंशज आकर येरूशलेम में बस गए.
Some from the tribes of Judah, Benjamin, Ephraim, and Manasseh returned to live in Jerusalem. They included:
4 उथाई, जो अम्मीहूद का पुत्र था, जो ओमरी का, जो इमरी का, जो बानी का, जो पेरेज़ के पुत्रों में से था, जो यहूदाह का पुत्र था.
Uthai son of Ammihud, son of Omri, son of Imri, son of Bani, a descendant of Perez, son of Judah.
5 शीलोनी वंश के लोगों में से: पहलौठा असाइयाह और उसके पुत्र.
From the Shilonites: Asaiah (firstborn) and his sons.
6 ज़ेराह के पुत्रों में से: येउएल और उसके 690 संबंधी.
From the Zerahites: Jeuel and relatives totaled 690.
7 बिन्यामिन वंश से: सल्लू, जो मेशुल्लाम का पुत्र था, जो होदवियाह का पुत्र था, जो हस्सनुआह का पुत्र था;
From the Benjamites: Sallu son of Meshullam, son of Hodaviah, son of Hassenuah;
8 इबनियाह येरोहाम का पुत्र था; एलाह जो उज्जी का पुत्र था, जो मिकरी का पुत्र था. और मेशुल्लाम शेपाथियाह का, जो रियुएल का, इबनियाह जेरोहाम का पुत्र था.
Ibneiah son of Jeroham; Elah son of Uzzi, son of Micri; and Meshullam son of Shephatiah, son of Reuel, son of Ibnijah.
9 पीढ़ियों की वंशावली के अनुसार ये बिन्यामिन वंश कुल 956 थे. पितरों के गोत्रों की वंशावली के अनुसार ये सभी अपने-अपने गोत्र के प्रधान थे.
All of them were family heads as recorded in their genealogies, and they totaled 956.
10 पुरोहितों में से: येदाइयाह; यहोइयारिब; याकिन;
From the priests: Jedaiah, Jehoiarib, Jakin,
11 और अज़रियाह जो हिलकियाह का पुत्र था, जो मेशुल्लाम का, जो सादोक का, मेराइओथ का और जो अहीतूब का, जो परमेश्वर के भवन का मुख्य अधिकारी था;
Azariah son of Hilkiah, son of Meshullam, son of Zadok, son of Meraioth, son of Ahitub. (Azariah was the head official in charge of the house of God.)
12 और अदाइयाह, जो येरोहाम का, जो पशहूर का, जो मालखियाह का; जो मआसाई का, जो आदिएल का, जो याहत्सेरहा का, जो मेशुल्लाम का, जो मेशिलेमिथ का, जो इम्मर का पुत्र था.
Also Adaiah son of Jeroham, son of Pashhur, son of Malkijah, and Maasai son of Adiel, son of Jahzerah, son of Meshullam, son of Meshillemith, son of Immer.
13 उनके रिश्तेदारों के अलावा, उनके पितरों के कुलों के प्रमुख ये 1,760 बलवान व्यक्ति परमेश्वर के भवन में सेवा के लिए तैयार व्यक्ति थे.
The priests, who were family heads, totaled 1,760. They were strong and capable men who served in the house of God.
14 लेवियों में से: शेमायाह, जो हस्षूब का पुत्र था, जो अज़रीकाम का, जो हशाबियाह का, जो मेरारी का पुत्र था;
From the Levites: Shemaiah, son of Hasshub, son of Azrikam, son of Hashabiah, a descendant of Merari;
15 बकबक्कर, हेरेश, गलाल और मत्तनियाह, जो मीका का पुत्र था, जो ज़ीकरी का, जो आसफ का पुत्र था;
Bakbakkar, Heresh, Galal, and Mattaniah, son of Mica, son of Zicri, son of Asaph;
16 और ओबदिया, जो शेमायाह का, जो गलाल का, जो यदूथून का; और बेरेखियाह, जो आसा का, जो एलकाना का, जो नेतोफ़ाथियों के गांवों में निवास करता रहा था.
Obadiah son of Shemaiah, son of Galal, son of Jeduthun; and Berekiah son of Asa, son of Elkanah, who used to live in the villages of the Netophathites.
17 द्वारपाल थे: शल्लूम, अक्कूब, तालमोन, अहीमान और उनके संबंधी, जिनमें शल्लूम सबका प्रधान था.
The gatekeepers of the Temple: Shallum, Akkub, Talmon, Ahiman and their relatives. Shallum was the chief gatekeeper.
18 वे सभी अब तक राजा के पूर्वी द्वार पर चुने जाने के कारण लेवियों के शिविरों के द्वारपाल रहे.
They had the responsibility up until now of looking after the King's Gate on the east side. They were the gatekeepers of the camps of the Levites.
19 शल्लूम, जो कोरे का पुत्र था, जो एबीआसफ़ का, जो कोराह का और उसके पिता के परिवार के संबंधी, कोराह के वंशज सेवा करने के अधिकारी थे. वे शिविर की ड्योढ़ी के लिए के लिए चुने गए थे; ठीक जिस प्रकार उनके पूर्वज याहवेह के शिविर के अधिकारी थे, यानी फाटक के.
Shallum was the son of Kore, son of Ebiasaph, son of Korah. He and his relatives, the Korahites, were responsible for guarding the entrances to the sanctuary in the same way their fathers had been responsible for guarding the entrance to the tented house of the Lord.
20 इसके पहले एलिएज़र का पुत्र फिनिहास इन सबके ऊपर प्रधान अधिकारी रहा. याहवेह उसके साथ रहता था.
Previously Phinehas son of Eleazar had been the leader of the gatekeepers. The Lord was with him.
21 मिलनवाले तंबू के द्वार पर मेषेलेमियाह के पुत्र ज़करयाह को द्वारपाल रखा गया था.
Zechariah son of Meshelemiah was the gatekeeper at the entrance to the tent of meeting.
22 ड्योढ़ी के लिए चुने गए ये द्वारपाल गिनती में 212 थे. उनकी गिनती उनके गांवों की वंशावली में की गई है. दावीद और दर्शी शमुएल ने इनको विश्वासयोग्य देखकर इन्हें इस पद पर ठहराया था.
In total there were 212 chosen to be gatekeepers at the entrances. They recorded their genealogies in their home towns. David and Samuel the prophet had selected their forefathers for their faithfulness.
23 ये सब और इनके पुत्र याहवेह के भवन के द्वारों के अधिकारी थे अर्थात् तंबू के पहरेदार.
They and their descendants were responsible for guarding the entrance to the house of the Lord, also when it was a tent.
24 ये द्वारपाल पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण, चारों दिशाओं में ठहराए गए थे.
The gatekeepers were placed on four sides: east, west, north, and south.
25 हर सप्‍ताह उनके गांवों से उनके भाई-बंधुओं का वहां आकर उनके साथ रहना तय था.
Their relatives in their towns came every seven days at certain times to help them.
26 क्योंकि चार प्रमुख द्वारपालों को, जो विश्वास्य लेवी थे, परमेश्वर के भवन के कमरों और खजाने की जवाबदारी सौंपी गई थी.
The four chief gatekeepers, who were Levites, were given the responsibility of looking after the rooms and treasuries in the house of God.
27 रात में वे परमेश्वर के भवन के आस-पास ही रहते थे, क्योंकि इसकी रक्षा करना और इसे हर सुबह खोलने की चाबी उन्हीं की जवाबदारी में थी.
They spent the night around the house of God because they had to guard it and they had the key to unlock it in the morning.
28 इनमें से कुछ बलि चढ़ाने वाले बर्तनों के अधिकारी थे, क्योंकि जब ये बाहर ले जाए जाते और लौटाए जाते थे, उनकी गिनती करना ज़रूरी होता था.
Some of the gatekeepers were responsible for the articles that were used in worship services. They counted what was brought in and what was taken out.
29 इनमें से अन्यों को मेजों, सभी पवित्र बर्तनों, साथ ही मैदा, अंगूर के रस, तेल, गन्धरस और मसालों के प्रबंध के लिए चुना गया था.
Others were given the job of looking after the furniture and equipment used in the sanctuary, as well as the special flour, wine, olive oil, incense, and spices.
30 पुरोहितों के दूसरे पुत्रों की जवाबदारी थी इस्तेमाल के लिए मसालों को तैयार करना,
(However, some of the priests were in charge of mixing the spices.)
31 एक लेवी, कोराहवंशी शल्लूम के पहलौठे मत्तीथियाह की जवाबदारी थी पतली-पतली रोटियां बनाना.
Mattithiah, a Levite, who was the firstborn son of Shallum the Korahite, was given the responsibility of baking the bread used in offerings.
32 इसके अलावा कोहाथ के संबंधियों में से कुछ व्यक्ति हर शब्बाथ भेंट की रोटी तैयार करने के अधिकारी थे.
Other Kohathites were in charge of preparing the bread set out on the table every Sabbath.
33 लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान, जो गायक थे, मंदिर के कमरों में ठहराए गए थे. उन्हें अन्य कोई काम सौंपा नहीं गया था, क्योंकि उनका काम ही ऐसा था, जिसमें वे रात-दिन व्यस्त रहते थे.
The musicians, heads of Levite families, lived in the rooms in the Temple and were not required to carry out other duties because they were on duty day and night.
34 ये सभी अपनी-अपनी पीढ़ियों के अनुसार लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान थे, जिनका घर येरूशलेम में ही था.
These were all heads of Levite families, leaders as recorded in their genealogies, and they lived in Jerusalem.
35 गिबयोन का पिता येइएल गिबयोन में रहता था. उसकी पत्नी का नाम माकाह था,
Jeiel was the father of Gibeon and he lived in Gibeon. His wife's name was Maacah.
36 उसका पहलौठा पुत्र था अबदोन, इसके बाद पैदा हुए ज़ुर, कीश, बाल, नेर, नादाब,
His firstborn son was Abdon, then Zur, Kish, Baal, Ner, Nadab,
37 गेदोर, आहियो, ज़करयाह और मिकलोथ.
Gedor, Ahio, Zechariah, and Mikloth.
38 मिकलोथ सिमअह का पिता हो गया. ये लोग भी येरूशलेम में अपने दूसरे रिश्तेदारों के सामने रह रहे थे.
Mikloth was the father of Shimeam. They also lived near their relatives in Jerusalem.
39 नेर कीश का पिता था, कीश शाऊल का, शाऊल योनातन, मालखी-शुआ, अबीनादाब और एशबाल का.
Ner was the father of Kish, Kish was the father of Saul, and Saul was the father of Jonathan, Malki-Shua, Abinadab, and Esh-Baal.
40 योनातन का पुत्र था: मेरिब-बाल; मेरिब-बाल जो मीकाह का पिता था.
The son of Jonathan: Merib-Baal, who was the father of Micah.
41 मीकाह के पुत्र: पिथोन, मेलेख, ताहरिया और आहाज़.
The sons of Micah: Pithon, Melech, Tahrea, and Ahaz.
42 आहाज़ पिता था याराह का, याराह अलेमेथ, अज़मावेथ और ज़िमरी का, ज़िमरी, मोत्सा का.
Ahaz was the father of Jadah, Jadah was the father of Alemeth, Azmaveth, and Zimri, and Zimri was the father of Moza.
43 मोत्सा पिता था बिनिया का; उसके पुत्र थे रेफ़ाइयाह, एलासाह उसके पुत्र, आज़ेल उसके पुत्र.
Moza was the father of Binea; Rephaiah was his son, Eleasah his son, and Azel his son.
44 आज़ेल के छः पुत्र थे, जिनके नाम निम्न लिखित है: अज़रीकाम, बोखेरु, इशमाएल, शिआरियाह, ओबदिया और हनान. ये आज़ेल के पुत्र थे.
Azel had six sons. Their names were: Azrikam, Bokeru, Ishmael, Sheariah, Obadiah, and Hanan. These were the sons of Azel.

< 1 इतिहास 9 >