< נַחוּם 2 >

עָלָ֥ה מֵפִ֛יץ עַל־פָּנַ֖יִךְ נָצ֣וֹר מְצֻרָ֑ה צַפֵּה־דֶ֙רֶךְ֙ חַזֵּ֣ק מָתְנַ֔יִם אַמֵּ֥ץ כֹּ֖חַ מְאֹֽד׃ 1
हे नीनवेह, एक आक्रमण करनेवाला तुम्हारे विरुद्ध में आ रहा है. इसलिये गढ़ों की पहरेदारी करो, सड़कों की रखवाली करो, अपने आपको मजबूत बनाओ, अपने संपूर्ण सैन्य बल को एकत्र कर लो!
כִּ֣י שָׁ֤ב יְהוָה֙ אֶת־גְּא֣וֹן יַעֲקֹ֔ב כִּגְא֖וֹן יִשְׂרָאֵ֑ל כִּ֤י בְקָקוּם֙ בֹּֽקְקִ֔ים וּזְמֹרֵיהֶ֖ם שִׁחֵֽתוּ׃ 2
याहवेह याकोब की शोभा को इस्राएल की शोभा की तरह ज्यों का त्यों कर देंगे, यद्यपि नाश करनेवालों ने उन्हें उजाड़ दिया है और उनकी दाख-लताओं को नाश कर दिया है.
מָגֵ֨ן גִּבֹּרֵ֜יהוּ מְאָדָּ֗ם אַנְשֵׁי־חַ֙יִל֙ מְתֻלָּעִ֔ים בְּאֵשׁ־פְּלָד֥וֹת הָרֶ֖כֶב בְּי֣וֹם הֲכִינ֑וֹ וְהַבְּרֹשִׁ֖ים הָרְעָֽלוּ׃ 3
उसके सैनिकों की ढाल का रंग लाल है; उसके योद्धा भड़कीले लाल वस्त्र पहने हुए हैं. जिस दिन उन्हें युद्ध के लिए तैयार किया जाता है, उनके रथों का धातु चमकता है; सनोवर की बर्छियां घुमाई जाती हैं.
בַּֽחוּצוֹת֙ יִתְהוֹלְל֣וּ הָרֶ֔כֶב יִֽשְׁתַּקְשְׁק֖וּן בָּרְחֹב֑וֹת מַרְאֵיהֶן֙ כַּלַּפִּידִ֔ם כַּבְּרָקִ֖ים יְרוֹצֵֽצוּ׃ 4
गलियों में रथ तेज गति से दौड़ते हैं, और चौराहों में इधर से उधर भागते रहते हैं. वे जलती मशालों की तरह दिखते हैं; वे बिजली की तरह भागते हैं.
יִזְכֹּר֙ אַדִּירָ֔יו יִכָּשְׁל֖וּ בהלכותם יְמַֽהֲרוּ֙ חֽוֹמָתָ֔הּ וְהֻכַ֖ן הַסֹּכֵֽךְ׃ 5
नीनवेह अपने चुने हुए सैनिक दलों को आदेश देता है, पर वे अपने रास्ते में लड़खड़ाते हैं. वे शहर की दीवार से टकराते हैं; सुरक्षा की ढाल अपनी जगह में खड़ी की गई है.
שַׁעֲרֵ֥י הַנְּהָר֖וֹת נִפְתָּ֑חוּ וְהַֽהֵיכָ֖ל נָמֽוֹג׃ 6
नदी के द्वार खोल दिए गए हैं और महल गिरने लगता है.
וְהֻצַּ֖ב גֻּלְּתָ֣ה הֹֽעֲלָ֑תָה וְאַמְהֹתֶ֗יהָ מְנַֽהֲגוֹת֙ כְּק֣וֹל יוֹנִ֔ים מְתֹפְפֹ֖ת עַל־לִבְבֵהֶֽן׃ 7
यह फैसला हो गया है कि नीनवेह बंधुआई में चला जाएगा. उसकी गुलाम महिलायें पंड़की की तरह विलाप करेंगी और अपनी छाती पीटेंगी.
וְנִינְוֵ֥ה כִבְרֵֽכַת־מַ֖יִם מִ֣ימֵי הִ֑יא וְהֵ֣מָּה נָסִ֔ים עִמְד֥וּ עֲמֹ֖דוּ וְאֵ֥ין מַפְנֶֽה׃ 8
नीनवेह पानी के एक पोखरी के समान है, जिसका पानी सूखता जा रहा है. वे चिल्लाकर कहते हैं, “रुक जाओ! रुक जाओ!” किंतु कोई भी मुड़कर देखता तक नहीं.
בֹּ֥זּוּ כֶ֖סֶף בֹּ֣זּוּ זָהָ֑ב וְאֵ֥ין קֵ֙צֶה֙ לַתְּכוּנָ֔ה כָּבֹ֕ד מִכֹּ֖ל כְּלִ֥י חֶמְדָּֽה׃ 9
चांदी को लूटो! सोने को लूटो! इसके सब खजानों से, धन की आपूर्ति असीमित है!
בּוּקָ֥ה וּמְבוּקָ֖ה וּמְבֻלָּקָ֑ה וְלֵ֨ב נָמֵ֜ס וּפִ֣ק בִּרְכַּ֗יִם וְחַלְחָלָה֙ בְּכָל־מָתְנַ֔יִם וּפְנֵ֥י כֻלָּ֖ם קִבְּצ֥וּ פָארֽוּר׃ 10
उसे लूट लिया, छीन लिया और निर्वस्त्र कर दिया गया है! उसमें साहस ही न रहा, उसके घुटनों का बल जाता रहा, शरीर कांप रहे हैं और प्रत्येक के चेहरे का रंग उड़ गया है.
אַיֵּה֙ מְע֣וֹן אֲרָי֔וֹת וּמִרְעֶ֥ה ה֖וּא לַכְּפִרִ֑ים אֲשֶׁ֣ר הָלַךְ֩ אַרְיֵ֨ה לָבִ֥יא שָׁ֛ם גּ֥וּר אַרְיֵ֖ה וְאֵ֥ין מַחֲרִֽיד׃ 11
कहां है सिंहों का मांद, वह जगह जहां वे जवान सिंहों को भोजन खिलाते थे, जहां सिंह और सिंहनी जाते थे, और उनके बच्‍चे निडर होकर रहते थे?
אַרְיֵ֤ה טֹרֵף֙ בְּדֵ֣י גֹֽרוֹתָ֔יו וּמְחַנֵּ֖ק לְלִבְאֹתָ֑יו וַיְמַלֵּא־טֶ֣רֶף חֹרָ֔יו וּמְעֹֽנֹתָ֖יו טְרֵפָֽה׃ 12
सिंह अपने बच्चों के लिए पर्याप्‍त शिकार करता था और अपनी साथी सिंहनी के लिए शिकार का गला दबा लेता था, और अपनी मांद को मारे गये पशु से और अपनी गुफा को शिकार से भर लेता था.
הִנְנִ֣י אֵלַ֗יִךְ נְאֻם֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת וְהִבְעַרְתִּ֤י בֶֽעָשָׁן֙ רִכְבָּ֔הּ וּכְפִירַ֖יִךְ תֹּ֣אכַל חָ֑רֶב וְהִכְרַתִּ֤י מֵאֶ֙רֶץ֙ טַרְפֵּ֔ךְ וְלֹֽא־יִשָּׁמַ֥ע ע֖וֹד ק֥וֹל מַלְאָכֵֽכֵה׃ ס 13
सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है, “मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं. मैं तुम्हारे रथों को आग से जला डालूंगा, और तुम्हारे जवान सिंह तलवार से मार डाले जाएंगे. मैं पृथ्वी पर तुम्हारे शिकार करने के लिये कुछ नहीं छोड़ूंगा. तुम्हारे संदेशवाहकों की आवाज फिर कभी सुनाई नहीं देगी.”

< נַחוּם 2 >