< 2 מְלָכִים 24 >

בְּיָמָ֣יו עָלָ֔ה נְבֻכַדְנֶאצַּ֖ר מֶ֣לֶךְ בָּבֶ֑ל וַיְהִי־ל֨וֹ יְהוֹיָקִ֥ים עֶ֙בֶד֙ שָׁלֹ֣שׁ שָׁנִ֔ים וַיָּ֖שָׁב וַיִּמְרָד־בּֽוֹ׃ 1
यहोइयाकिम के शासनकाल में बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने देश पर हमला किया. फलस्वरूप उसे तीन साल तक नबूकदनेज्ज़र के अधीन रहना पड़ा. इसके बाद उसने नबूकदनेज्ज़र के विरुद्ध विद्रोह कर दिया.
וַיְשַׁלַּ֣ח יְהוָ֣ה ׀ בּ֡וֹ אֶת־גְּדוּדֵ֣י כַשְׂדִּים֩ וְאֶת־גְּדוּדֵ֨י אֲרָ֜ם וְאֵ֣ת ׀ גְּדוּדֵ֣י מוֹאָ֗ב וְאֵת֙ גְּדוּדֵ֣י בְנֵֽי־עַמּ֔וֹן וַיְשַׁלְּחֵ֥ם בִּֽיהוּדָ֖ה לְהַֽאֲבִיד֑וֹ כִּדְבַ֣ר יְהוָ֔ה אֲשֶׁ֣ר דִּבֶּ֔ר בְּיַ֖ד עֲבָדָ֥יו הַנְּבִיאִֽים׃ 2
याहवेह ने उसके विरुद्ध कादी, अश्शूर, मोआबी और अम्मोनी लुटेरे दल भेज दिए, कि ये दल यहूदिया को नष्ट कर दें. यह याहवेह की उस भविष्यवाणी के अनुसार हुआ जो याहवेह ने अपने सेवकों, भविष्यवक्ताओं द्वारा की थी.
אַ֣ךְ ׀ עַל־פִּ֣י יְהוָ֗ה הָֽיְתָה֙ בִּֽיהוּדָ֔ה לְהָסִ֖יר מֵעַ֣ל פָּנָ֑יו בְּחַטֹּ֣את מְנַשֶּׁ֔ה כְּכֹ֖ל אֲשֶׁ֥ר עָשָֽׂה׃ 3
यह तय था कि यहूदिया पर यह सब याहवेह के आदेश पर ही हुआ, कि वह उन्हें अपनी दृष्टि से दूर कर दें; मनश्शेह के पापों के कारण, उसके द्वारा किए गए कामों के अनुसार.
וְגַ֤ם דַּֽם־הַנָּקִי֙ אֲשֶׁ֣ר שָׁפָ֔ךְ וַיְמַלֵּ֥א אֶת־יְרוּשָׁלִַ֖ם דָּ֣ם נָקִ֑י וְלֹֽא־אָבָ֥ה יְהוָ֖ה לִסְלֹֽחַ׃ 4
साथ ही उसके द्वारा बहाए गए निर्दोषों के लहू के कारण; क्योंकि मनश्शेह ने येरूशलेम को निर्दोषों के लहू से भर दिया था, जिसे याहवेह ने क्षमा नहीं किया.
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י יְהוֹיָקִ֖ים וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ 5
यहोइयाकिम द्वारा किए गए अन्य कामों और उसकी उपलब्धियों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
וַיִּשְׁכַּ֥ב יְהוֹיָקִ֖ים עִם־אֲבֹתָ֑יו וַיִּמְלֹ֛ךְ יְהוֹיָכִ֥ין בְּנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ 6
तब यहोइयाकिम हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला. उसके स्थान पर उसके पुत्र यहोइयाखिन ने शासन शुरू किया.
וְלֹֽא־הֹסִ֥יף עוֹד֙ מֶ֣לֶךְ מִצְרַ֔יִם לָצֵ֖את מֵֽאַרְצ֑וֹ כִּֽי־לָקַ֞ח מֶ֣לֶךְ בָּבֶ֗ל מִנַּ֤חַל מִצְרַ֙יִם֙ עַד־נְהַר־פְּרָ֔ת כֹּ֛ל אֲשֶׁ֥ר הָיְתָ֖ה לְמֶ֥לֶךְ מִצְרָֽיִם׃ פ 7
मिस्र देश का राजा फिर कभी अपने देश से बाहर नहीं आया, क्योंकि बाबेल के राजा ने मिस्र देश के नाले से लेकर फरात नदी तक, मिस्र देश के राजा की सारी संपत्ति छीन ली थी.
בֶּן־שְׁמֹנֶ֨ה עֶשְׂרֵ֤ה שָׁנָה֙ יְהוֹיָכִ֣ין בְּמָלְכ֔וֹ וּשְׁלֹשָׁ֣ה חֳדָשִׁ֔ים מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ נְחֻשְׁתָּ֥א בַת־אֶלְנָתָ֖ן מִירוּשָׁלִָֽם׃ 8
यहोइयाखिन ने जब शासन करना शुरू किया तब उसकी उम्र अठारह साल थी. येरूशलेम में उसने तीन महीने तक शासन किया. उसकी माता का नाम नेहुष्ता था. वह येरूशलेमवासी एल-नाथान की पुत्री थी.
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה אָבִֽיו׃ 9
उसने अपने पूर्वजों के समान वही सब किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है.
בָּעֵ֣ת הַהִ֔יא עלה עַבְדֵ֛י נְבֻכַדְנֶאצַּ֥ר מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֖ל יְרוּשָׁלִָ֑ם וַתָּבֹ֥א הָעִ֖יר בַּמָּצֽוֹר׃ 10
उसके शासनकाल में बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के सेना के अधिकारियों ने येरूशलेम आकर उसे घेराबंदी कर लिया.
וַיָּבֹ֛א נְבוּכַדְנֶאצַּ֥ר מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֖ל עַל־הָעִ֑יר וַעֲבָדָ֖יו צָרִ֥ים עָלֶֽיהָ׃ 11
जब उसके सेना के अधिकारी नगर को घेरे हुए ही थे, तब बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र स्वयं नगर को आया.
וַיֵּצֵ֞א יְהוֹיָכִ֤ין מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ עַל־מֶ֣לֶךְ בָּבֶ֔ל ה֣וּא וְאִמּ֔וֹ וַעֲבָדָ֖יו וְשָׂרָ֣יו וְסָֽרִיסָ֑יו וַיִּקַּ֤ח אֹתוֹ֙ מֶ֣לֶךְ בָּבֶ֔ל בִּשְׁנַ֥ת שְׁמֹנֶ֖ה לְמָלְכֽוֹ׃ 12
यहूदिया के राजा यहोइयाखिन ने बाबेल के राजा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया; स्वयं उसने, उसकी माता ने, उसके सेवकों ने, उसके सेना अधिकारियों ने, और उसके राजघराने के सेवकों ने. यह उसके शासनकाल का आठवां साल था, जब बाबेल के राजा ने उसे बंदी बनाया.
וַיּוֹצֵ֣א מִשָּׁ֗ם אֶת־כָּל־אוֹצְרוֹת֙ בֵּ֣ית יְהוָ֔ה וְאֽוֹצְר֖וֹת בֵּ֣ית הַמֶּ֑לֶךְ וַיְקַצֵּ֞ץ אֶת־כָּל־כְּלֵ֣י הַזָּהָ֗ב אֲשֶׁ֨ר עָשָׂ֜ה שְׁלֹמֹ֤ה מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵל֙ בְּהֵיכַ֣ל יְהוָ֔ה כַּֽאֲשֶׁ֖ר דִּבֶּ֥ר יְהוָֽה׃ 13
वहां से उसने याहवेह के मंदिर और राजघराने के सारे खजानों को निकालकर अपने साथ ले गया. उसने इस्राएल के राजा शलोमोन द्वारा याहवेह के मंदिर के लिए याहवेह के आदेश के अनुसार ढाले गए सारे सोने के बर्तनों को तोड़ डाला. यह सब याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार ही हुआ.
וְהִגְלָ֣ה אֶת־כָּל־ יְ֠רוּשָׁלִַם וְֽאֶת־כָּל־ הַשָּׂרִ֞ים וְאֵ֣ת ׀ כָּל־גִּבּוֹרֵ֣י הַחַ֗יִל עשרה אֲלָפִים֙ גּוֹלֶ֔ה וְכָל־הֶחָרָ֖שׁ וְהַמַּסְגֵּ֑ר לֹ֣א נִשְׁאַ֔ר זוּלַ֖ת דַּלַּ֥ת עַם־הָאָֽרֶץ׃ 14
वह अपने साथ सारे येरूशलेम, सारे अधिकारियों, सारे वीर योद्धाओं, सारे शिल्पियों और धातु शिल्पियों को अपने साथ बंधुआई में ले गया—कुल दस हज़ार बंदियों को. वहां कोई भी बचा न रह गया; सिवाय देश के कंगाल नागरिकों के.
וַיֶּ֥גֶל אֶת־יְהוֹיָכִ֖ין בָּבֶ֑לָה וְאֶת־אֵ֣ם הַ֠מֶּלֶךְ וְאֶת־נְשֵׁ֨י הַמֶּ֜לֶךְ וְאֶת־סָרִיסָ֗יו וְאֵת֙ אולי הָאָ֔רֶץ הוֹלִ֛יךְ גּוֹלָ֥ה מִירוּשָׁלִַ֖ם בָּבֶֽלָה׃ 15
वह यहोइयाखिन को अपने साथ बंधुआई में बाबेल ले गया; उसके अलावा राजमाता, राजा की पत्नियों, उसके अधिकारियों और देश के बड़े-बड़े लोगों को भी वह येरूशलेम से बंधुआई में बाबेल ले गया.
וְאֵת֩ כָּל־אַנְשֵׁ֨י הַחַ֜יִל שִׁבְעַ֣ת אֲלָפִ֗ים וְהֶחָרָ֤שׁ וְהַמַּסְגֵּר֙ אֶ֔לֶף הַכֹּ֕ל גִּבּוֹרִ֖ים עֹשֵׂ֣י מִלְחָמָ֑ה וַיְבִיאֵ֧ם מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֛ל גּוֹלָ֖ה בָּבֶֽלָה׃ 16
सभी सात हज़ार वीर योद्धा, एक हज़ार शिल्पी और धातु शिल्पी, जो सभी युद्ध के लिए सक्षम थे. जिन्हें बाबेल का राजा बंधुआई में बाबेल ले आया.
וַיַּמְלֵ֧ךְ מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֛ל אֶת־מַתַּנְיָ֥ה דֹד֖וֹ תַּחְתָּ֑יו וַיַּסֵּ֥ב אֶת־שְׁמ֖וֹ צִדְקִיָּֽהוּ׃ פ 17
बाबेल के राजा ने यहोइयाखिन के चाचा मत्तनियाह को उसके स्थान पर राजा ठहरा दिया और उसका नाम बदलकर सीदकियाहू रख दिया.
בֶּן־עֶשְׂרִ֨ים וְאַחַ֤ת שָׁנָה֙ צִדְקִיָּ֣הוּ בְמָלְכ֔וֹ וְאַחַ֤ת עֶשְׂרֵה֙ שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ חמיטל בַּֽת־יִרְמְיָ֖הוּ מִלִּבְנָֽה׃ 18
जब सीदकियाहू ने शासन शुरू किया उसकी उम्र इक्कीस साल थी. येरूशलेम में उसने ग्यारह साल शासन किया. उसकी माता का नाम हामुतल था. वह लिबनाहवासी येरेमियाह की पुत्री थी.
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה יְהוֹיָקִֽים׃ 19
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा था—वही सब, जो यहोइयाकिम ने किया था.
כִּ֣י ׀ עַל־אַ֣ף יְהוָ֗ה הָיְתָ֤ה בִירוּשָׁלִַ֙ם֙ וּבִ֣יהוּדָ֔ה עַד־הִשְׁלִכ֥וֹ אֹתָ֖ם מֵעַ֣ל פָּנָ֑יו וַיִּמְרֹ֥ד צִדְקִיָּ֖הוּ בְּמֶ֥לֶךְ בָּבֶֽל׃ ס 20
वस्तुतः येरूशलेम और यहूदिया ने याहवेह को इस सीमा तक क्रोधित कर दिया था, कि याहवेह ने उन्हें अपनी नज़रों से ही दूर कर दिया. सीदकियाहू ने बाबेल के राजा के विरुद्ध विद्रोह कर दिया.

< 2 מְלָכִים 24 >