< תהילים 146 >
הַֽלְלוּ־יָהּ הַלְלִי נַפְשִׁי אֶת־יְהוָֽה׃ | 1 |
१यहोवा की स्तुति करो। हे मेरे मन यहोवा की स्तुति कर!
אֲהַלְלָה יְהוָה בְּחַיָּי אֲזַמְּרָה לֵֽאלֹהַי בְּעוֹדִֽי׃ | 2 |
२मैं जीवन भर यहोवा की स्तुति करता रहूँगा; जब तक मैं बना रहूँगा, तब तक मैं अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा।
אַל־תִּבְטְחוּ בִנְדִיבִים בְּבֶן־אָדָם ׀ שֶׁאֵֽין לוֹ תְשׁוּעָֽה׃ | 3 |
३तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना, न किसी आदमी पर, क्योंकि उसमें उद्धार करने की शक्ति नहीं।
תֵּצֵא רוּחוֹ יָשֻׁב לְאַדְמָתוֹ בַּיּוֹם הַהוּא אָבְדוּ עֶשְׁתֹּנֹתָֽיו׃ | 4 |
४उसका भी प्राण निकलेगा, वह भी मिट्टी में मिल जाएगा; उसी दिन उसकी सब कल्पनाएँ नाश हो जाएँगी।
אַשְׁרֵי שֶׁאֵל יַעֲקֹב בְּעֶזְרוֹ שִׂבְרוֹ עַל־יְהוָה אֱלֹהָֽיו׃ | 5 |
५क्या ही धन्य वह है, जिसका सहायक याकूब का परमेश्वर है, और जिसकी आशा अपने परमेश्वर यहोवा पर है।
עֹשֶׂה ׀ שָׁמַיִם וָאָרֶץ אֶת־הַיָּם וְאֶת־כָּל־אֲשֶׁר־בָּם הַשֹּׁמֵר אֱמֶת לְעוֹלָֽם׃ | 6 |
६वह आकाश और पृथ्वी और समुद्र और उनमें जो कुछ है, सब का कर्ता है; और वह अपना वचन सदा के लिये पूरा करता रहेगा।
עֹשֶׂה מִשְׁפָּט ׀ לָעֲשׁוּקִים נֹתֵן לֶחֶם לָרְעֵבִים יְהוָה מַתִּיר אֲסוּרִֽים׃ | 7 |
७वह पिसे हुओं का न्याय चुकाता है; और भूखों को रोटी देता है। यहोवा बन्दियों को छुड़ाता है;
יְהוָה ׀ פֹּקֵחַ עִוְרִים יְהוָה זֹקֵף כְּפוּפִים יְהוָה אֹהֵב צַדִּיקִֽים׃ | 8 |
८यहोवा अंधों को आँखें देता है। यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है।
יְהוָה ׀ שֹׁמֵר אֶת־גֵּרִים יָתוֹם וְאַלְמָנָה יְעוֹדֵד וְדֶרֶךְ רְשָׁעִים יְעַוֵּֽת׃ | 9 |
९यहोवा परदेशियों की रक्षा करता है; और अनाथों और विधवा को तो सम्भालता है; परन्तु दुष्टों के मार्ग को टेढ़ा-मेढ़ा करता है।
יִמְלֹךְ יְהוָה ׀ לְעוֹלָם אֱלֹהַיִךְ צִיּוֹן לְדֹר וָדֹר הַֽלְלוּ־יָֽהּ׃ | 10 |
१०हे सिय्योन, यहोवा सदा के लिये, तेरा परमेश्वर पीढ़ी-पीढ़ी राज्य करता रहेगा। यहोवा की स्तुति करो!