< שמואל א 6 >

וַיְהִי אֲרוֹן־יְהוָה בִּשְׂדֵה פְלִשְׁתִּים שִׁבְעָה חֳדָשִֽׁים׃ 1
यहोवा का सन्दूक पलिश्तियों के देश में सात महीने तक रहा।
וַיִּקְרְאוּ פְלִשְׁתִּים לַכֹּהֲנִים וְלַקֹּֽסְמִים לֵאמֹר מַֽה־נַּעֲשֶׂה לַאֲרוֹן יְהוָה הוֹדִעֻנוּ בַּמֶּה נְשַׁלְּחֶנּוּ לִמְקוֹמֽוֹ׃ 2
तब पलिश्तियों ने याजकों और भावी कहनेवालों को बुलाकर पूछा, “यहोवा के सन्दूक से हम क्या करें? हमें बताओ कि क्या प्रायश्चित देकर हम उसे उसके स्थान पर भेजें?”
וַיֹּאמְרוּ אִֽם־מְשַׁלְּחִים אֶת־אֲרוֹן אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל אַל־תְּשַׁלְּחוּ אֹתוֹ רֵיקָם כִּֽי־הָשֵׁב תָּשִׁיבוּ לוֹ אָשָׁם אָז תֵּרָֽפְאוּ וְנוֹדַע לָכֶם לָמָּה לֹא־תָסוּר יָדוֹ מִכֶּֽם׃ 3
वे बोले, “यदि तुम इस्राएल के देवता का सन्दूक वहाँ भेजो, तो उसे वैसे ही न भेजना; उसकी हानि भरने के लिये अवश्य ही दोषबलि देना। तब तुम चंगे हो जाओगे, और तुम जान लोगे कि उसका हाथ तुम पर से क्यों नहीं उठाया गया।”
וַיֹּאמְרוּ מָה הָאָשָׁם אֲשֶׁר נָשִׁיב לוֹ וַיֹּאמְרוּ מִסְפַּר סַרְנֵי פְלִשְׁתִּים חֲמִשָּׁה עפלי טְחֹרֵי זָהָב וַחֲמִשָּׁה עַכְבְּרֵי זָהָב כִּֽי־מַגֵּפָה אַחַת לְכֻלָּם וּלְסַרְנֵיכֶֽם׃ 4
उन्होंने पूछा, “हम उसकी हानि भरने के लिये कौन सा दोषबलि दें?” वे बोले, “पलिश्ती सरदारों की गिनती के अनुसार सोने की पाँच गिलटियाँ, और सोने के पाँच चूहे; क्योंकि तुम सब और तुम्हारे सरदार दोनों एक ही रोग से ग्रसित हो।
וַעֲשִׂיתֶם צַלְמֵי עפליכם טְחֹרֵיכֶם וְצַלְמֵי עַכְבְּרֵיכֶם הַמַּשְׁחִיתִם אֶת־הָאָרֶץ וּנְתַתֶּם לֵאלֹהֵי יִשְׂרָאֵל כָּבוֹד אוּלַי יָקֵל אֶת־יָדוֹ מֵֽעֲלֵיכֶם וּמֵעַל אֱלֹהֵיכֶם וּמֵעַל אַרְצְכֶֽם׃ 5
तो तुम अपनी गिलटियों और अपने देश के नष्ट करनेवाले चूहों की भी मूरतें बनाकर इस्राएल के देवता की महिमा मानो; सम्भव है वह अपना हाथ तुम पर से और तुम्हारे देवताओं और देश पर से उठा ले।
וְלָמָּה תְכַבְּדוּ אֶת־לְבַבְכֶם כַּאֲשֶׁר כִּבְּדוּ מִצְרַיִם וּפַרְעֹה אֶת־לִבָּם הֲלוֹא כַּאֲשֶׁר הִתְעַלֵּל בָּהֶם וֽ͏ַיְשַׁלְּחוּם וַיֵּלֵֽכוּ׃ 6
तुम अपने मन क्यों ऐसे हठीले करते हो जैसे मिस्रियों और फ़िरौन ने अपने मन हठीले कर दिए थे? जब उसने उनके मध्य में अचम्भित काम किए, तब क्या उन्होंने उन लोगों को जाने न दिया, और क्या वे चले न गए?
וְעַתָּה קְחוּ וַעֲשׂוּ עֲגָלָה חֲדָשָׁה אֶחָת וּשְׁתֵּי פָרוֹת עָלוֹת אֲשֶׁר לֹא־עָלָה עֲלֵיהֶם עֹל וַאֲסַרְתֶּם אֶת־הַפָּרוֹת בָּעֲגָלָה וַהֲשֵׁיבֹתֶם בְּנֵיהֶם מֵאַחֲרֵיהֶם הַבָּֽיְתָה׃ 7
इसलिए अब तुम एक नई गाड़ी बनाओ, और ऐसी दो दुधार गायें लो जो जूए तले न आई हों, और उन गायों को उस गाड़ी में जोतकर उनके बच्चों को उनके पास से लेकर घर को लौटा दो।
וּלְקַחְתֶּם אֶת־אֲרוֹן יְהוָה וּנְתַתֶּם אֹתוֹ אֶל־הָעֲגָלָה וְאֵת ׀ כְּלֵי הַזָּהָב אֲשֶׁר הֲשֵׁבֹתֶם לוֹ אָשָׁם תָּשִׂימוּ בָאַרְגַּז מִצִּדּוֹ וְשִׁלַּחְתֶּם אֹתוֹ וְהָלָֽךְ׃ 8
तब यहोवा का सन्दूक लेकर उस गाड़ी पर रख दो, और सोने की जो वस्तुएँ तुम उसकी हानि भरने के लिये दोषबलि की रीति से दोगे उन्हें दूसरे सन्दूक में रख के उसके पास रख दो। फिर उसे रवाना कर दो कि चली जाए।
וּרְאִיתֶם אִם־דֶּרֶךְ גְּבוּלוֹ יַֽעֲלֶה בֵּית שֶׁמֶשׁ הוּא עָשָׂה לָנוּ אֶת־הָרָעָה הַגְּדוֹלָה הַזֹּאת וְאִם־לֹא וְיָדַעְנוּ כִּי לֹא יָדוֹ נָגְעָה בָּנוּ מִקְרֶה הוּא הָיָה לָֽנוּ׃ 9
और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से होकर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई और यदि नहीं, तो हमको निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।”
וַיַּעֲשׂוּ הָאֲנָשִׁים כֵּן וַיִּקְחוּ שְׁתֵּי פָרוֹת עָלוֹת וַיַּאַסְרוּם בָּעֲגָלָה וְאֶת־בְּנֵיהֶם כָּלוּ בַבָּֽיִת׃ 10
१०उन मनुष्यों ने वैसा ही किया; अर्थात् दो दुधार गायें लेकर उस गाड़ी में जोतीं, और उनके बच्चों को घर में बन्द कर दिया।
וַיָּשִׂמוּ אֶת־אֲרוֹן יְהוָה אֶל־הָעֲגָלָה וְאֵת הָאַרְגַּז וְאֵת עַכְבְּרֵי הַזָּהָב וְאֵת צַלְמֵי טְחֹרֵיהֶֽם׃ 11
११और यहोवा का सन्दूक, और दूसरा सन्दूक, और सोने के चूहों और अपनी गिलटियों की मूरतों को गाड़ी पर रख दिया।
וַיִשַּׁרְנָה הַפָּרוֹת בַּדֶּרֶךְ עַל־דֶּרֶךְ בֵּית שֶׁמֶשׁ בִּמְסִלָּה אַחַת הָלְכוּ הָלֹךְ וְגָעוֹ וְלֹא־סָרוּ יָמִין וּשְׂמֹאול וְסַרְנֵי פְלִשְׁתִּים הֹלְכִים אַחֲרֵיהֶם עַד־גְּבוּל בֵּית שָֽׁמֶשׁ׃ 12
१२तब गायों ने बेतशेमेश का सीधा मार्ग लिया; वे सड़क ही सड़क रम्भाती हुई चली गईं, और न दाहिने मुड़ीं और न बायें; और पलिश्तियों के सरदार उनके पीछे-पीछे बेतशेमेश की सीमा तक गए।
וּבֵית שֶׁמֶשׁ קֹצְרִים קְצִיר־חִטִּים בָּעֵמֶק וַיִּשְׂאוּ אֶת־עֵינֵיהֶם וַיִּרְאוּ אֶת־הָאָרוֹן וַֽיִּשְׂמְחוּ לִרְאֽוֹת׃ 13
१३और बेतशेमेश के लोग तराई में गेहूँ काट रहे थे; और जब उन्होंने आँखें उठाकर सन्दूक को देखा, तब उसके देखने से आनन्दित हुए।
וְהָעֲגָלָה בָּאָה אֶל־שְׂדֵה יְהוֹשֻׁעַ בֵּֽית־הַשִּׁמְשִׁי וַתַּעֲמֹד שָׁם וְשָׁם אֶבֶן גְּדוֹלָה וַֽיְבַקְּעוּ אֶת־עֲצֵי הָעֲגָלָה וְאֶת־הַפָּרוֹת הֶעֱלוּ עֹלָה לַיהוָֽה׃ 14
१४गाड़ी यहोशू नामक एक बेतशेमेशी के खेत में जाकर वहाँ ठहर गई, जहाँ एक बड़ा पत्थर था। तब उन्होंने गाड़ी की लकड़ी को चीरा और गायों को होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाया।
וְהַלְוִיִּם הוֹרִידוּ ׀ אֶת־אֲרוֹן יְהוָה וְאֶת־הָאַרְגַּז אֲשֶׁר־אִתּוֹ אֲשֶׁר־בּוֹ כְלֵֽי־זָהָב וַיָּשִׂמוּ אֶל־הָאֶבֶן הַגְּדוֹלָה וְאַנְשֵׁי בֵֽית־שֶׁמֶשׁ הֶעֱלוּ עֹלוֹת וֽ͏ַיִּזְבְּחוּ זְבָחִים בַּיּוֹם הַהוּא לַֽיהוָֽה׃ 15
१५और लेवियों ने यहोवा के सन्दूक को उस सन्दूक के समेत जो साथ था, जिसमें सोने की वस्तुएँ थी, उतार के उस बड़े पत्थर पर रख दिया; और बेतशेमेश के लोगों ने उसी दिन यहोवा के लिये होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
וַחֲמִשָּׁה סַרְנֵֽי־פְלִשְׁתִּים רָאוּ וַיָּשֻׁבוּ עֶקְרוֹן בַּיּוֹם הַהֽוּא׃ 16
१६यह देखकर पलिश्तियों के पाँचों सरदार उसी दिन एक्रोन को लौट गए।
וְאֵלֶּה טְחֹרֵי הַזָּהָב אֲשֶׁר הֵשִׁיבוּ פְלִשְׁתִּים אָשָׁם לַֽיהוָה לְאַשְׁדּוֹד אֶחָד לְעַזָּה אֶחָד לְאַשְׁקְלוֹן אֶחָד לְגַת אֶחָד לְעֶקְרוֹן אֶחָֽד׃ 17
१७सोने की गिलटियाँ जो पलिश्तियों ने यहोवा की हानि भरने के लिये दोषबलि करके दे दी थीं उनमें से एक तो अश्दोद की ओर से, एक गाज़ा, एक अश्कलोन, एक गत, और एक एक्रोन की ओर से दी गई थी।
וְעַכְבְּרֵי הַזָּהָב מִסְפַּר כָּל־עָרֵי פְלִשְׁתִּים לַחֲמֵשֶׁת הַסְּרָנִים מֵעִיר מִבְצָר וְעַד כֹּפֶר הַפְּרָזִי וְעַד ׀ אָבֵל הַגְּדוֹלָה אֲשֶׁר הִנִּיחוּ עָלֶיהָ אֵת אֲרוֹן יְהוָה עַד הַיּוֹם הַזֶּה בִּשְׂדֵה יְהוֹשֻׁעַ בֵּֽית־הַשִּׁמְשִֽׁי׃ 18
१८और वह सोने के चूहे, क्या शहरपनाह वाले नगर, क्या बिना शहरपनाह के गाँव, वरन् जिस बड़े पत्थर पर यहोवा का सन्दूक रखा गया था वहाँ पलिश्तियों के पाँचों सरदारों के अधिकार तक की सब बस्तियों की गिनती के अनुसार दिए गए। वह पत्थर आज तक बेतशेमेशी यहोशू के खेत में है।
וַיַּךְ בְּאַנְשֵׁי בֵֽית־שֶׁמֶשׁ כִּי רָאוּ בַּאֲרוֹן יְהוָה וַיַּךְ בָּעָם שִׁבְעִים אִישׁ חֲמִשִּׁים אֶלֶף אִישׁ וַיִּֽתְאַבְּלוּ הָעָם כִּֽי־הִכָּה יְהוָה בָּעָם מַכָּה גְדוֹלָֽה 19
१९फिर इस कारण से कि बेतशेमेश के लोगों ने यहोवा के सन्दूक के भीतर झाँका था उसने उनमें से सत्तर मनुष्य, और फिर पचास हजार मनुष्य मार डाले; और वहाँ के लोगों ने इसलिए विलाप किया कि यहोवा ने लोगों का बड़ा ही संहार किया था।
וַיֹּֽאמְרוּ אַנְשֵׁי בֵֽית־שֶׁמֶשׁ מִי יוּכַל לַעֲמֹד לִפְנֵי יְהוָה הָאֱלֹהִים הַקָּדוֹשׁ הַזֶּה וְאֶל־מִי יַעֲלֶה מֵעָלֵֽינוּ׃ 20
२०तब बेतशेमेश के लोग कहने लगे, “इस पवित्र परमेश्वर यहोवा के सामने कौन खड़ा रह सकता है? और वह हमारे पास से किसके पास चला जाए?”
וַֽיִּשְׁלְחוּ מַלְאָכִים אֶל־יוֹשְׁבֵי קִרְיַת־יְעָרִים לֵאמֹר הֵשִׁבוּ פְלִשְׁתִּים אֶת־אֲרוֹן יְהוָה רְדוּ הַעֲלוּ אֹתוֹ אֲלֵיכֶֽם׃ 21
२१तब उन्होंने किर्यत्यारीम के निवासियों के पास यह कहने को दूत भेजे, “पलिश्तियों ने यहोवा का सन्दूक लौटा दिया है; इसलिए तुम आकर उसे अपने यहाँ ले जाओ।”

< שמואל א 6 >