< וַיִּקְרָא 5 >
וְנֶ֣פֶשׁ כִּֽי־תֶחֱטָ֗א וְשָֽׁמְעָה֙ ק֣וֹל אָלָ֔ה וְה֣וּא עֵ֔ד א֥וֹ רָאָ֖ה א֣וֹ יָדָ֑ע אִם־ל֥וֹא יַגִּ֖יד וְנָשָׂ֥א עֲוֹנֽוֹ׃ | 1 |
१“यदि कोई साक्षी होकर ऐसा पाप करे कि शपथ खिलाकर पूछने पर भी कि क्या तूने यह सुना अथवा जानता है, और वह बात प्रगट न करे, तो उसको अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।
א֣וֹ נֶ֗פֶשׁ אֲשֶׁ֣ר תִּגַּע֮ בְּכָל־דָּבָ֣ר טָמֵא֒ אוֹ֩ בְנִבְלַ֨ת חַיָּ֜ה טְמֵאָ֗ה א֤וֹ בְּנִבְלַת֙ בְּהֵמָ֣ה טְמֵאָ֔ה א֕וֹ בְּנִבְלַ֖ת שֶׁ֣רֶץ טָמֵ֑א וְנֶעְלַ֣ם מִמֶּ֔נּוּ וְה֥וּא טָמֵ֖א וְאָשֵֽׁם׃ | 2 |
२अथवा यदि कोई किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, तो चाहे वह अशुद्ध जंगली पशु की, चाहे अशुद्ध घरेलू पशु की, चाहे अशुद्ध रेंगनेवाले जीव-जन्तु की लोथ हो, तो वह अशुद्ध होकर दोषी ठहरेगा।
א֣וֹ כִ֤י יִגַּע֙ בְּטֻמְאַ֣ת אָדָ֔ם לְכֹל֙ טֻמְאָת֔וֹ אֲשֶׁ֥ר יִטְמָ֖א בָּ֑הּ וְנֶעְלַ֣ם מִמֶּ֔נּוּ וְה֥וּא יָדַ֖ע וְאָשֵֽׁם׃ | 3 |
३अथवा यदि कोई मनुष्य किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, चाहे वह अशुद्ध वस्तु किसी भी प्रकार की क्यों न हो जिससे लोग अशुद्ध हो जाते हैं तो जब वह उस बात को जान लेगा तब वह दोषी ठहरेगा।
א֣וֹ נֶ֡פֶשׁ כִּ֣י תִשָּׁבַע֩ לְבַטֵּ֨א בִשְׂפָתַ֜יִם לְהָרַ֣ע ׀ א֣וֹ לְהֵיטִ֗יב לְ֠כֹל אֲשֶׁ֨ר יְבַטֵּ֧א הָאָדָ֛ם בִּשְׁבֻעָ֖ה וְנֶעְלַ֣ם מִמֶּ֑נּוּ וְהוּא־יָדַ֥ע וְאָשֵׁ֖ם לְאַחַ֥ת מֵאֵֽלֶּה׃ | 4 |
४अथवा यदि कोई बुरा या भला करने को बिना सोचे समझे शपथ खाए, चाहे किसी प्रकार की बात वह बिना सोचे-विचारे शपथ खाकर कहे, तो ऐसी बात में वह दोषी उस समय ठहरेगा जब उसे मालूम हो जाएगा।
וְהָיָ֥ה כִֽי־יֶאְשַׁ֖ם לְאַחַ֣ת מֵאֵ֑לֶּה וְהִ֨תְוַדָּ֔ה אֲשֶׁ֥ר חָטָ֖א עָלֶֽיהָ׃ | 5 |
५और जब वह इन बातों में से किसी भी बात में दोषी हो, तब जिस विषय में उसने पाप किया हो वह उसको मान ले,
וְהֵבִ֣יא אֶת־אֲשָׁמ֣וֹ לַיהוָ֡ה עַ֣ל חַטָּאתוֹ֩ אֲשֶׁ֨ר חָטָ֜א נְקֵבָ֨ה מִן־הַצֹּ֥אן כִּשְׂבָּ֛ה אֽוֹ־שְׂעִירַ֥ת עִזִּ֖ים לְחַטָּ֑את וְכִפֶּ֥ר עָלָ֛יו הַכֹּהֵ֖ן מֵחַטָּאתֽוֹ׃ | 6 |
६और वह यहोवा के सामने अपना दोषबलि ले आए, अर्थात् उस पाप के कारण वह एक मादा भेड़ या बकरी पापबलि करने के लिये ले आए; तब याजक उस पाप के विषय उसके लिये प्रायश्चित करे।
וְאִם־לֹ֨א תַגִּ֣יע יָדוֹ֮ דֵּ֣י שֶׂה֒ וְהֵבִ֨יא אֶת־אֲשָׁמ֜וֹ אֲשֶׁ֣ר חָטָ֗א שְׁתֵּ֥י תֹרִ֛ים אֽוֹ־שְׁנֵ֥י בְנֵֽי־יוֹנָ֖ה לַֽיהוָ֑ה אֶחָ֥ד לְחַטָּ֖את וְאֶחָ֥ד לְעֹלָֽה׃ | 7 |
७“पर यदि उसे भेड़ या बकरी देने की सामर्थ्य न हो, तो अपने पाप के कारण दो पिण्डुक या कबूतरी के दो बच्चे दोषबलि चढ़ाने के लिये यहोवा के पास ले आए, उनमें से एक तो पापबलि के लिये और दूसरा होमबलि के लिये।
וְהֵבִ֤יא אֹתָם֙ אֶל־הַכֹּהֵ֔ן וְהִקְרִ֛יב אֶת־אֲשֶׁ֥ר לַחַטָּ֖את רִאשׁוֹנָ֑ה וּמָלַ֧ק אֶת־רֹאשׁ֛וֹ מִמּ֥וּל עָרְפּ֖וֹ וְלֹ֥א יַבְדִּֽיל׃ | 8 |
८वह उनको याजक के पास ले आए, और याजक पापबलि वाले को पहले चढ़ाए, और उसका सिर गले से मरोड़ डालें, पर अलग न करे,
וְהִזָּ֞ה מִדַּ֤ם הַחַטָּאת֙ עַל־קִ֣יר הַמִּזְבֵּ֔חַ וְהַנִּשְׁאָ֣ר בַּדָּ֔ם יִמָּצֵ֖ה אֶל־יְס֣וֹד הַמִּזְבֵּ֑חַ חַטָּ֖את הֽוּא׃ | 9 |
९और वह पापबलि पशु के लहू में से कुछ वेदी के बाजू पर छिड़के, और जो लहू शेष रहे वह वेदी के पाए पर उण्डेला जाए; वह तो पापबलि ठहरेगा।
וְאֶת־הַשֵּׁנִ֛י יַעֲשֶׂ֥ה עֹלָ֖ה כַּמִּשְׁפָּ֑ט וְכִפֶּ֨ר עָלָ֧יו הַכֹּהֵ֛ן מֵחַטָּאת֥וֹ אֲשֶׁר־חָטָ֖א וְנִסְלַ֥ח לֽוֹ׃ ס | 10 |
१०तब दूसरे पक्षी को वह नियम के अनुसार होमबलि करे, और याजक उसके पाप का प्रायश्चित करे, और तब वह क्षमा किया जाएगा।
וְאִם־לֹא֩ תַשִּׂ֨יג יָד֜וֹ לִשְׁתֵּ֣י תֹרִ֗ים אוֹ֮ לִשְׁנֵ֣י בְנֵי־יוֹנָה֒ וְהֵבִ֨יא אֶת־קָרְבָּנ֜וֹ אֲשֶׁ֣ר חָטָ֗א עֲשִׂירִ֧ת הָאֵפָ֛ה סֹ֖לֶת לְחַטָּ֑את לֹא־יָשִׂ֨ים עָלֶ֜יהָ שֶׁ֗מֶן וְלֹא־יִתֵּ֤ן עָלֶ֙יהָ֙ לְבֹנָ֔ה כִּ֥י חַטָּ֖את הִֽיא׃ | 11 |
११“यदि वह दो पिण्डुक या कबूतरी के दो बच्चे भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवाँ भाग मैदा पापबलि करके ले आए; उस पर न तो वह तेल डाले, और न लोबान रखे, क्योंकि वह पापबलि होगा
וֶהֱבִיאָהּ֮ אֶל־הַכֹּהֵן֒ וְקָמַ֣ץ הַכֹּהֵ֣ן ׀ מִ֠מֶּנָּה מְל֨וֹא קֻמְצ֜וֹ אֶת־אַזְכָּרָתָה֙ וְהִקְטִ֣יר הַמִּזְבֵּ֔חָה עַ֖ל אִשֵּׁ֣י יְהוָ֑ה חַטָּ֖את הִֽוא׃ | 12 |
१२वह उसको याजक के पास ले जाए, और याजक उसमें से अपनी मुट्ठी भर स्मरण दिलानेवाला भाग जानकर वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; वह तो पापबलि ठहरेगा।
וְכִפֶּר֩ עָלָ֨יו הַכֹּהֵ֜ן עַל־חַטָּאת֧וֹ אֲשֶׁר־חָטָ֛א מֵֽאַחַ֥ת מֵאֵ֖לֶּה וְנִסְלַ֣ח ל֑וֹ וְהָיְתָ֥ה לַכֹּהֵ֖ן כַּמִּנְחָֽה׃ ס | 13 |
१३और इन बातों में से किसी भी बात के विषय में जो कोई पाप करे, याजक उसका प्रायश्चित करे, और तब वह पाप क्षमा किया जाएगा। और इस पापबलि का शेष अन्नबलि के शेष के समान याजक का ठहरेगा।”
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 14 |
१४फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
נֶ֚פֶשׁ כִּֽי־תִמְעֹ֣ל מַ֔עַל וְחָֽטְאָה֙ בִּשְׁגָגָ֔ה מִקָּדְשֵׁ֖י יְהוָ֑ה וְהֵבִיא֩ אֶת־אֲשָׁמ֨וֹ לַֽיהוָ֜ה אַ֧יִל תָּמִ֣ים מִן־הַצֹּ֗אן בְּעֶרְכְּךָ֛ כֶּֽסֶף־שְׁקָלִ֥ים בְּשֶֽׁקֶל־הַקֹּ֖דֶשׁ לְאָשָֽׁם׃ | 15 |
१५“यदि कोई यहोवा की पवित्र की हुई वस्तुओं के विषय में भूल से विश्वासघात करे और पापी ठहरे, तो वह यहोवा के पास एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए; उसका दाम पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार उतने ही शेकेल चाँदी का हो जितना याजक ठहराए।
וְאֵ֣ת אֲשֶׁר֩ חָטָ֨א מִן־הַקֹּ֜דֶשׁ יְשַׁלֵּ֗ם וְאֶת־חֲמִֽישִׁתוֹ֙ יוֹסֵ֣ף עָלָ֔יו וְנָתַ֥ן אֹת֖וֹ לַכֹּהֵ֑ן וְהַכֹּהֵ֗ן יְכַפֵּ֥ר עָלָ֛יו בְּאֵ֥יל הָאָשָׁ֖ם וְנִסְלַ֥ח לֽוֹ׃ פ | 16 |
१६और जिस पवित्र वस्तु के विषय उसने पाप किया हो, उसमें वह पाँचवाँ भाग और बढ़ाकर याजक को दे; और याजक दोषबलि का मेढ़ा चढ़ाकर उसके लिये प्रायश्चित करे, तब उसका पाप क्षमा किया जाएगा।
וְאִם־נֶ֙פֶשׁ֙ כִּ֣י תֶֽחֱטָ֔א וְעָֽשְׂתָ֗ה אַחַת֙ מִכָּל־מִצְוֹ֣ת יְהוָ֔ה אֲשֶׁ֖ר לֹ֣א תֵעָשֶׂ֑ינָה וְלֹֽא־יָדַ֥ע וְאָשֵׁ֖ם וְנָשָׂ֥א עֲוֹנֽוֹ׃ | 17 |
१७यदि कोई ऐसा पाप करे, कि उन कामों में से जिन्हें यहोवा ने मना किया है किसी काम को करे, तो चाहे वह उसके अनजाने में हुआ हो, तो भी वह दोषी ठहरेगा, और उसको अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।
וְ֠הֵבִיא אַ֣יִל תָּמִ֧ים מִן־הַצֹּ֛אן בְּעֶרְכְּךָ֥ לְאָשָׁ֖ם אֶל־הַכֹּהֵ֑ן וְכִפֶּר֩ עָלָ֨יו הַכֹּהֵ֜ן עַ֣ל שִׁגְגָת֧וֹ אֲשֶׁר־שָׁגָ֛ג וְה֥וּא לֹֽא־יָדַ֖ע וְנִסְלַ֥ח לֽוֹ׃ | 18 |
१८इसलिए वह एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि करके याजक के पास ले आए, वह उतने दाम का हो जितना याजक ठहराए, और याजक उसके लिये उसकी उस भूल का जो उसने अनजाने में की हो प्रायश्चित करे, और वह क्षमा किया जाएगा।
אָשָׁ֖ם ה֑וּא אָשֹׁ֥ם אָשַׁ֖ם לַיהוָֽה׃ פ | 19 |
१९यह दोषबलि ठहरे; क्योंकि वह मनुष्य निःसन्देह यहोवा के सम्मुख दोषी ठहरेगा।”