< יְהוֹשֻעַ 19 >
וַיֵּצֵ֞א הַגֹּורָ֤ל הַשֵּׁנִי֙ לְשִׁמְעֹ֔ון לְמַטֵּ֥ה בְנֵֽי־שִׁמְעֹ֖ון לְמִשְׁפְּחֹותָ֑ם וַֽיְהִי֙ נַֽחֲלָתָ֔ם בְּתֹ֖וךְ נַחֲלַ֥ת בְּנֵֽי־יְהוּדָֽה׃ | 1 |
दूसरा पासा शिमओन गोत्र के नाम पड़ा, शिमओन वंशजों के कुलों के नाम, उनके परिवारों के अनुसार. उनकी मीरास यहूदाह गोत्रजों की मीरास के मध्य हो गई.
וַיְהִ֥י לָהֶ֖ם בְּנַֽחֲלָתָ֑ם בְּאֵֽר־שֶׁ֥בַע וְשֶׁ֖בַע וּמֹולָדָֽה׃ | 2 |
परिणामस्वरूप, मीरास के रूप में: उन्हें बेअरशेबा अथवा शीबा, मोलादाह,
וַחֲצַ֥ר שׁוּעָ֛ל וּבָלָ֖ה וָעָֽצֶם׃ | 3 |
हाज़र-शूआल, बालाह, एज़ेम,
וְאֶלְתֹּולַ֥ד וּבְת֖וּל וְחָרְמָֽה׃ | 4 |
एलतोलद, बतूल, होरमाह,
וְצִֽקְלַ֥ג וּבֵית־הַמַּרְכָּבֹ֖ות וַחֲצַ֥ר סוּסָֽה׃ | 5 |
ज़िकलाग, बेथ-मरकाबोथ, हाज़र-सूसाह,
וּבֵ֥ית לְבָאֹ֖ות וְשָֽׁרוּחֶ֑ן עָרִ֥ים שְׁלֹשׁ־עֶשְׂרֵ֖ה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 6 |
बेथ-लबाओथ तथा शारूहेन; उनके गांवों सहित तेरह नगर.
עַ֥יִן ׀ רִמֹּ֖ון וָעֶ֣תֶר וְעָשָׁ֑ן עָרִ֥ים אַרְבַּ֖ע וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 7 |
एइन, रिम्मोन, एतेर तथा आशान; चार नगर उनके गांवों सहित.
וְכָל־הֽ͏ַחֲצֵרִ֗ים אֲשֶׁ֤ר סְבִיבֹות֙ הֶֽעָרִ֣ים הָאֵ֔לֶּה עַד־בַּֽעֲלַ֥ת בְּאֵ֖ר רָ֣אמַת נֶ֑גֶב זֹ֗את נַחֲלַ֛ת מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־שִׁמְעֹ֖ון לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ | 8 |
इनके अतिरिक्त इन सभी नगरों के आस-पास के गांव भी, जो बालथ-बएर, नेगेव की सीमा तक फैले हुए थे. यह शिमओन गोत्र के कुलों की उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी.
מֵחֶ֙בֶל֙ בְּנֵ֣י יְהוּדָ֔ה נַחֲלַ֖ת בְּנֵ֣י שִׁמְעֹ֑ון כִּֽי־הָיָ֞ה חֵ֤לֶק בְּנֵֽי־יְהוּדָה֙ רַ֣ב מֵהֶ֔ם וַיִּנְחֲל֥וּ בְנֵֽי־שִׁמְעֹ֖ון בְּתֹ֥וךְ נַחֲלָתָֽם׃ פ | 9 |
शिमओन को दी गयी यह मीरास यहूदाह को दी गयी मीरास में से ली गई थी, क्योंकि यहूदाह को दिया गया क्षेत्र उनके लिए अत्यंत विशाल हो गया था. इस प्रकार शिमओन वंशजों ने यहूदाह की मीरास के मध्य अपनी मीरास प्राप्त की.
וַיַּ֙עַל֙ הַגֹּורָ֣ל הַשְּׁלִישִׁ֔י לִבְנֵ֥י זְבוּלֻ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם וַיְהִ֛י גְּב֥וּל נַחֲלָתָ֖ם עַד־שָׂרִֽיד׃ | 10 |
पासा फेंकने पर तीसरा अंश ज़ेबुलून वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार निकला. उनकी मीरास की सीमा सारीद तक जा पहुंची.
וְעָלָ֨ה גְבוּלָ֧ם ׀ לַיָּ֛מָּה וּמַרְעֲלָ֖ה וּפָגַ֣ע בְּדַבָּ֑שֶׁת וּפָגַע֙ אֶל־הַנַּ֔חַל אֲשֶׁ֖ר עַל־פְּנֵ֥י יָקְנְעָֽם׃ | 11 |
इसके बाद सीमा पश्चिम में मरालाह की दिशा में बढ़ गई, तब इसने दब्बेशेथ का स्पर्श किया और फिर सीमा योकनआम की निकटवर्ती सरिता तक पहुंची.
וְשָׁ֣ב מִשָּׂרִ֗יד קֵ֚דְמָה מִזְרַ֣ח הַשֶּׁ֔מֶשׁ עַל־גְּב֥וּל כִּסְלֹ֖ת תָּבֹ֑ר וְיָצָ֥א אֶל־הַדָּֽבְרַ֖ת וְעָלָ֥ה יָפִֽיעַ׃ | 12 |
तब सीमा सारीद से मुड़कर पूर्व में सूर्योदय की दिशा में आगे बढ़ते हुए किसलोथ-ताबोर को स्पर्श किया. यह आगे बढ़ी और दाबरथ तथा याफिया पहुंची.
וּמִשָּׁ֤ם עָבַר֙ קֵ֣דְמָה מִזְרָ֔חָה גִּתָּ֥ה חֵ֖פֶר עִתָּ֣ה קָצִ֑ין וְיָצָ֛א רִמֹּ֥ון הַמְּתֹאָ֖ר הַנֵּעָֽה׃ | 13 |
वहां से यह पूर्व में सूर्योदय की दिशा में बढ़ती चली गई और गाथ-हेफ़ेर, एथ-काज़ीन पहुंची, और रिम्मोन की ओर बढ़ गई, जो नेआह तक विस्तृत है.
וְנָסַ֤ב אֹתֹו֙ הַגְּב֔וּל מִצְּפֹ֖ון חַנָּתֹ֑ן וְהָיוּ֙ תֹּֽצְאֹתָ֔יו גֵּ֖י יִפְתַּח־אֵֽל׃ | 14 |
यह सीमा उत्तर में हन्नाथोन की परिक्रमा कर यिफतह-एल की घाटी में जाकर समाप्त हो गई.
וְקַטָּ֤ת וְנֽ͏ַהֲלָל֙ וְשִׁמְרֹ֔ון וְיִדְאֲלָ֖ה וּבֵ֣ית לָ֑חֶם עָרִ֥ים שְׁתֵּים־עֶשְׂרֵ֖ה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 15 |
इसमें कट्टाथ, नहलाल, शिम्रोन, यिदअला तथा बेथलेहेम भी सम्मिलित हैं; ये बारह नगर, इनके गांवों के साथ.
זֹ֛את נַחֲלַ֥ת בְּנֵֽי־זְבוּלֻ֖ן לְמִשְׁפְּחֹותָ֑ם הֶֽעָרִ֥ים הָאֵ֖לֶּה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ | 16 |
ये नगर इनके गांवों के सहित ज़ेबुलून वंशजों को उनके परिवार के अनुसार प्राप्त मीरास थी.
לְיִ֨שָּׂשכָ֔ר יָצָ֖א הַגֹּורָ֣ל הָֽרְבִיעִ֑י לִבְנֵ֥י יִשָּׂשכָ֖ר לְמִשְׁפְּחֹותָֽם׃ | 17 |
चौथा पासा इस्साखार के पक्ष में पड़ा-यिस्साकार के गोत्र के पक्ष में, उसके परिवारों के अनुसार.
וַיְהִ֖י גְּבוּלָ֑ם יִזְרְעֶ֥אלָה וְהַכְּסוּלֹ֖ת וְשׁוּנֵֽם׃ | 18 |
इसकी सीमा में था: येज़्रील तथा इसमें सम्मिलित थे कसुल्लोथ, शूनेम,
וַחֲפָרַ֥יִם וְשִׁיאֹ֖ן וַאֲנָחֲרַֽת׃ | 19 |
हफारयिम, सियोन, अनाहरथ,
וְהָֽרַבִּ֥ית וְקִשְׁיֹ֖ון וָאָֽבֶץ׃ | 20 |
रब्बीथ, किशयोन, एबेज़,
וְרֶ֧מֶת וְעֵין־גַּנִּ֛ים וְעֵ֥ין חַדָּ֖ה וּבֵ֥ית פַּצֵּֽץ׃ | 21 |
रेमेथ, एन-गन्नीम, एन-हद्दाह तथा बेथ-पत्सेत्स,
וּפָגַע֩ הַגְּב֨וּל בְּתָבֹ֤ור וְשַׁחֲצוּמָה (וְשַׁחֲצִ֙ימָה֙) וּבֵ֣ית שֶׁ֔מֶשׁ וְהָי֛וּ תֹּצְאֹ֥ות גְּבוּלָ֖ם הַיַּרְדֵּ֑ן עָרִ֥ים שֵׁשׁ־עֶשְׂרֵ֖ה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 22 |
सीमा ताबोर, शहत्सीमा तथा बेथ-शेमेश पहुंची और उनकी सीमा यरदन पर जा समाप्त हो गई; ये इनके गांवों के सहित सोलह नगर थे.
זֹ֗את נַחֲלַ֛ת מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־יִשָּׂשכָ֖ר לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם הֶעָרִ֖ים וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ | 23 |
ये नगर इनके गांवों के सहित इस्साखार गोत्र को उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी.
וַיֵּצֵא֙ הַגֹּורָ֣ל הַֽחֲמִישִׁ֔י לְמַטֵּ֥ה בְנֵֽי־אָשֵׁ֖ר לְמִשְׁפְּחֹותָֽם׃ | 24 |
पांचवां पासा आशेर गोत्र के नाम उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
וַיְהִ֖י גְּבוּלָ֑ם חֶלְקַ֥ת וַחֲלִ֖י וָבֶ֥טֶן וְאַכְשָֽׁף׃ | 25 |
उनकी सीमा थी, हेलकथ, हली, बेटेन, अकशाफ,
וְאַֽלַמֶּ֥לֶךְ וְעַמְעָ֖ד וּמִשְׁאָ֑ל וּפָגַ֤ע בְּכַרְמֶל֙ הַיָּ֔מָּה וּבְשִׁיחֹ֖ור לִבְנָֽת׃ | 26 |
अलम्मेलेख, अमआद तथा मिशआल; यह पश्चिम में कर्मेल तथा शीहोर-लिबनाथ तक पहुंची थी.
וְשָׁ֨ב מִזְרַ֣ח הַשֶּׁמֶשׁ֮ בֵּ֣ית דָּגֹן֒ וּפָגַ֣ע בִּ֠זְבֻלוּן וּבְגֵ֨י יִפְתַּח־אֵ֥ל צָפֹ֛ונָה בֵּ֥ית הָעֵ֖מֶק וּנְעִיאֵ֑ל וְיָצָ֥א אֶל־כָּב֖וּל מִשְּׂמֹֽאל׃ | 27 |
तब यह पूर्व की ओर बेथ-दागोन की ओर मुड़कर ज़ेबुलून पहुंच गई और वहां से यिफतह-एल घाटी को और फिर उत्तर की ओर बेथ-एमेक तथा नईएल को; वहां से यह उत्तर में काबूल
וְעֶבְרֹ֥ן וּרְחֹ֖ב וְחַמֹּ֣ון וְקָנָ֑ה עַ֖ד צִידֹ֥ון רַבָּֽה׃ | 28 |
एबदोन, रेहोब, हम्मोन तथा कानाह होते हुए बढ़कर वृहत्तर सीदोन पहुंचती है.
וְשָׁ֤ב הַגְּבוּל֙ הָֽרָמָ֔ה וְעַד־עִ֖יר מִבְצַר־צֹ֑ר וְשָׁ֤ב הַגְּבוּל֙ חֹסָ֔ה וְיִהְיוּ (וְהָי֧וּ) תֹצְאֹתָ֛יו הַיָּ֖מָּה מֵחֶ֥בֶל אַכְזִֽיבָה׃ | 29 |
वहां सीमा रामाह तथा गढ़नगर सोर की ओर बढ़ती है, फिर यह सीमा होसाह की ओर बढ़ती है और अंततः अकज़ीब क्षेत्र में समुद्र पर जाकर समाप्त हो जाती है.
וְעֻמָ֥ה וַאֲפֵ֖ק וּרְחֹ֑ב עָרִ֛ים עֶשְׂרִ֥ים וּשְׁתַּ֖יִם וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 30 |
तब इसमें उमाह, अफेक तथा रेहोब, भी सम्मिलित थे; बाईस नगर जिनके साथ सम्मिलित थे इनके गांव.
זֹ֗את נַחֲלַ֛ת מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־אָשֵׁ֖ר לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם הֶעָרִ֥ים הָאֵ֖לֶּה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ | 31 |
यह आशेर गोत्र को, उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी; ये नगर तथा उनके साथ इनके गांव भी.
לִבְנֵ֣י נַפְתָּלִ֔י יָצָ֖א הַגֹּורָ֣ל הַשִּׁשִּׁ֑י לִבְנֵ֥י נַפְתָּלִ֖י לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ | 32 |
छठा पासा नफताली वंशजों के पक्ष में पड़ा; नफताली वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार.
וַיְהִ֣י גְבוּלָ֗ם מֵחֵ֨לֶף מֵֽאֵלֹ֜ון בְּצַעֲנַנִּ֗ים וַאֲדָמִ֥י הַנֶּ֛קֶב וְיַבְנְאֵ֖ל עַד־לַקּ֑וּם וַיְהִ֥י תֹצְאֹתָ֖יו הַיַּרְדֵּֽן׃ | 33 |
उनकी सीमा प्रारंभ हुई थी हेलेफ से, सानन्नीम के बांज वृक्ष से अदामी-नेकेब, यबनेएल से लेकर लक्कूम तक और यरदन नदी पर जाकर समाप्त हो गई.
וְשָׁ֨ב הַגְּב֥וּל יָ֙מָּה֙ אַזְנֹ֣ות תָּבֹ֔ור וְיָצָ֥א מִשָּׁ֖ם חוּקֹ֑קָה וּפָגַ֨ע בִּזְבֻל֜וּן מִנֶּ֗גֶב וּבְאָשֵׁר֙ פָּגַ֣ע מִיָּ֔ם וּבִ֣יהוּדָ֔ה הַיַּרְדֵּ֖ן מִזְרַ֥ח הַשָּֽׁמֶשׁ׃ | 34 |
उसके बाद सीमा पश्चिम में अज़नोथ-ताबोर की ओर मुड़ गई और बढ़ते हुए वहां से हूक्कोक पहुंची. वहां से वह ज़ेबुलून की ओर बढ़ी, जो दक्षिण में है. वहां उसने पश्चिम में आशेर को स्पर्श किया तथा पूर्व में यरदन तटवर्ती यहूदिया को.
וְעָרֵ֖י מִבְצָ֑ר הַצִּדִּ֣ים צֵ֔ר וְחַמַּ֖ת רַקַּ֥ת וְכִנָּֽרֶת׃ | 35 |
वहां ये गढ़नगर थे: ज़िद्दीम, ज़ेर, हम्माथ, रक्कथ, किन्नेरेथ,
וַאֲדָמָ֥ה וְהָרָמָ֖ה וְחָצֹֽור׃ | 36 |
अदामा, रामाह, हाज़ोर,
וְקֶ֥דֶשׁ וְאֶדְרֶ֖עִי וְעֵ֥ין חָצֹֽור׃ | 37 |
केदेश, एद्रेइ, एन-हाज़ेर,
וְיִרְאֹון֙ וּמִגְדַּל־אֵ֔ל חֳרֵ֥ם וּבֵית־עֲנָ֖ת וּבֵ֣ית שָׁ֑מֶשׁ עָרִ֥ים תְּשַֽׁע־עֶשְׂרֵ֖ה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 38 |
यिरओन, मिगदल-एल, होरेम, बेथ-अनात तथा बेथ-शेमेश; इनके गांवों सहित ये उन्नीस नगर.
זֹ֗את נַחֲלַ֛ת מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־נַפְתָּלִ֖י לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם הֶעָרִ֖ים וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ | 39 |
यह उनके परिवारों के अनुसार नफताली गोत्र को दी गयी मीरास थी; ये सभी नगर, उनके गांवों के साथ.
לְמַטֵּ֥ה בְנֵי־דָ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם יָצָ֖א הַגֹּורָ֥ל הַשְּׁבִיעִֽי׃ | 40 |
सातवां पासा दान गोत्र के कुलों के पक्ष में उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
וַיְהִ֖י גְּב֣וּל נַחֲלָתָ֑ם צָרְעָ֥ה וְאֶשְׁתָּאֹ֖ול וְעִ֥יר שָֽׁמֶשׁ׃ | 41 |
उनकी मीरास की सीमा थी: ज़ोराह तथा एशताओल, ईर-शेमेश,
וְשַֽׁעֲלַבִּ֥ין וְאַיָּלֹ֖ון וְיִתְלָֽה׃ | 42 |
शअलब्बीन, अय्जालोन, यिथला,
וְאֵילֹ֥ון וְתִמְנָ֖תָה וְעֶקְרֹֽון׃ | 43 |
एलोन, तिमनाह, एक्रोन,
וְאֶלְתְּקֵ֥ה וְגִבְּתֹ֖ון וּבַעֲלָֽת׃ | 44 |
एलतकेह, गिब्बथोन, बालाथ,
וִיהֻ֥ד וּבְנֵֽי־בְרַ֖ק וְגַת־רִמֹּֽון׃ | 45 |
येहुद, बेने-बरक, गथ-रिम्मोन,
וּמֵ֥י הַיַּרְקֹ֖ון וְהָֽרַקֹּ֑ון עִֽם־הַגְּב֖וּל מ֥וּל יָפֹֽו׃ | 46 |
मे-यरकोन अर्थात् यरकोन की जल राशि, रक्कोन तथा योप्पा से लगी हुई सीमा.
וַיֵּצֵ֥א גְבוּל־בְּנֵי־דָ֖ן מֵהֶ֑ם וַיַּעֲל֣וּ בְנֵֽי־דָ֠ן וַיִּלָּחֲמ֨וּ עִם־לֶ֜שֶׁם וַיִּלְכְּד֥וּ אֹותָ֣הּ ׀ וַיַּכּ֧וּ אֹותָ֣הּ לְפִי־חֶ֗רֶב וַיִּֽרְשׁ֤וּ אֹותָהּ֙ וַיֵּ֣שְׁבוּ בָ֔הּ וַיִּקְרְא֤וּ לְלֶ֙שֶׁם֙ דָּ֔ן כְּשֵׁ֖ם דָּ֥ן אֲבִיהֶֽם׃ | 47 |
(दान के वंशजों की सीमा इनके भी आगे गई है; क्योंकि दान वंशजों ने लेशेम पर आक्रमण किया और उसे अधीन कर लिया. तत्पश्चात उन्होंने उस पर तलवार का प्रहार किया, उन पर अधिकार कर वे उसमें बस गए और उसे अपने पूर्वज के नाम के आधार पर लेशेम-दान नाम दिया.)
זֹ֗את נַחֲלַ֛ת מַטֵּ֥ה בְנֵי־דָ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם הֶֽעָרִ֥ים הָאֵ֖לֶּה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ | 48 |
ये नगर उनके गांवों के साथ दान के गोत्र की, उनके परिवारों के अनुसार उनकी मीरास हो गए.
וַיְכַלּ֥וּ לִנְחֹל־אֶת־הָאָ֖רֶץ לִגְבֽוּלֹתֶ֑יהָ וַיִּתְּנ֨וּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵ֧ל נַחֲלָ֛ה לִיהֹושֻׁ֥עַ בִּן־נ֖וּן בְּתֹוכָֽם׃ | 49 |
जब मीरास के लिए सीमा के अनुसार बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण हो गई, इस्राएल वंशजों ने नून के पुत्र यहोशू को अपने मध्य एक मीरास प्रदान की.
עַל־פִּ֨י יְהוָ֜ה נָ֣תְנוּ לֹ֗ו אֶת־הָעִיר֙ אֲשֶׁ֣ר שָׁאָ֔ל אֶת־תִּמְנַת־סֶ֖רַח בְּהַ֣ר אֶפְרָ֑יִם וַיִּבְנֶ֥ה אֶת־הָעִ֖יר וַיֵּ֥שֶׁב בָּֽהּ׃ | 50 |
याहवेह के आदेश के अनुसार उन्होंने यहोशू को वही नगर प्रदान किया, जिसकी उन्होंने याचना की थी—एफ्राईम के पर्वतीय प्रदेश में तिमनथ-सेरह. यहोशू ने इस नगर का निर्माण किया और वहीं बस गए.
אֵ֣לֶּה הַנְּחָלֹ֡ת אֲשֶׁ֣ר נִחֲל֣וּ אֶלְעָזָ֣ר הַכֹּהֵ֣ן ׀ וִיהֹושֻׁ֪עַ בִּן־נ֟וּן וְרָאשֵׁ֣י הָֽאָבֹ֣ות לְמַטֹּות֩ בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֨ל ׀ בְּגֹורָ֤ל ׀ בְּשִׁלֹה֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה פֶּ֖תַח אֹ֣הֶל מֹועֵ֑ד וַיְכַלּ֕וּ מֵֽחַלֵּ֖ק אֶת־הָאָֽרֶץ׃ פ | 51 |
ये ही हैं वे क्षेत्र, जो पुरोहित एलिएज़र, नून के पुत्र यहोशू तथा इस्राएल वंशजों के गोत्रों के परिवारों के प्रधानों ने शीलो में याहवेह के समक्ष मिलनवाले तंबू के प्रवेश पर आवंटित की. इस प्रकार समस्त भूमि का विभाजन सम्पन्न हो गया.