< יְחֶזְקֵאל 9 >
וַיִּקְרָ֣א בְאָזְנַ֗י קֹ֤ול גָּדֹול֙ לֵאמֹ֔ר קָרְב֖וּ פְּקֻדֹּ֣ות הָעִ֑יר וְאִ֛ישׁ כְּלִ֥י מַשְׁחֵתֹ֖ו בְּיָדֹֽו׃ | 1 |
तब मैंने उसे ऊंची आवाज में यह कहते हुए सुना, “उनको मेरे पास लाओ, जिनको शहर के लोगों का न्याय करने के लिये ठहराया गया है, और उनमें से हर एक के हाथ में हथियार हो.”
וְהִנֵּ֣ה שִׁשָּׁ֣ה אֲנָשִׁ֡ים בָּאִ֣ים ׀ מִדֶּרֶךְ־שַׁ֨עַר הָעֶלְיֹ֜ון אֲשֶׁ֣ר ׀ מָפְנֶ֣ה צָפֹ֗ונָה וְאִ֨ישׁ כְּלִ֤י מַפָּצֹו֙ בְּיָדֹ֔ו וְאִישׁ־אֶחָ֤ד בְּתֹוכָם֙ לָבֻ֣שׁ בַּדִּ֔ים וְקֶ֥סֶת הַסֹּפֵ֖ר בְּמָתְנָ֑יו וַיָּבֹ֙אוּ֙ וַיַּ֣עַמְד֔וּ אֵ֖צֶל מִזְבַּ֥ח הַנְּחֹֽשֶׁת׃ | 2 |
और मैंने देखा कि उत्तर की तरफ खुलनेवाले ऊपरी द्वार की दिशा से छः पुरुष चले आ रहे हैं, और उनमें से हर एक के हाथ में एक-एक घातक हथियार है. उनमें से एक व्यक्ति मलमल का कपड़ा पहने हुए था, जिसके बगल में लेखन सामग्री का एक झोला था. वे भीतर आए और कांस्य-वेदी के बाजू में खड़े हो गए.
וּכְבֹ֣וד ׀ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל נַעֲלָה֙ מֵעַ֤ל הַכְּרוּב֙ אֲשֶׁ֣ר הָיָ֣ה עָלָ֔יו אֶ֖ל מִפְתַּ֣ן הַבָּ֑יִת וַיִּקְרָ֗א אֶל־הָאִישׁ֙ הַלָּבֻ֣שׁ הַבַּדִּ֔ים אֲשֶׁ֛ר קֶ֥סֶת הַסֹּפֵ֖ר בְּמָתְנָֽיו׃ ס | 3 |
तब करूबों के ऊपर रहनेवाला इस्राएल के परमेश्वर का तेज, वहां से ऊपर उठा और मंदिर के डेवढ़ी में आ गया. तब याहवेह ने मलमल कपड़ा पहने उस व्यक्ति को पुकारा, जिसके बगल में लेखन सामग्री का झोला था.
וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֵלֹו (אֵלָ֔יו) עֲבֹר֙ בְּתֹ֣וךְ הָעִ֔יר בְּתֹ֖וךְ יְרֽוּשָׁלָ֑͏ִם וְהִתְוִ֨יתָ תָּ֜ו עַל־מִצְחֹ֣ות הָאֲנָשִׁ֗ים הַנֶּֽאֱנָחִים֙ וְהַנֶּ֣אֱנָקִ֔ים עַ֚ל כָּל־הַתֹּ֣ועֵבֹ֔ות הַֽנַּעֲשֹׂ֖ות בְּתֹוכָֽהּ׃ | 4 |
उससे कहा, “पूरे येरूशलेम शहर में जाओ और उन सब लोगों के माथे पर एक चिन्ह लगाओ, जो शहर में हो रहे सब घृणित कामों से दुःखी हैं और शोक मनाते हैं.”
וּלְאֵ֙לֶּה֙ אָמַ֣ר בְּאָזְנַ֔י עִבְר֥וּ בָעִ֛יר אַחֲרָ֖יו וְהַכּ֑וּ עַל־ (אַל)־תָּחֹ֥ס עֵינֵיכֶם (עֵינְכֶ֖ם) וְאַל־תַּחְמֹֽלוּ׃ | 5 |
जैसे कि मैंने सुना, उसने दूसरों से कहा, “उसके पीछे-पीछे पूरे शहर में जाओ और बिना दया या सहानुभूति दिखाये लोगों को जान से मारते जाओ.
זָקֵ֡ן בָּח֣וּר וּבְתוּלָה֩ וְטַ֨ף וְנָשִׁ֜ים תַּהַרְג֣וּ לְמַשְׁחִ֗ית וְעַל־כָּל־אִ֨ישׁ אֲשֶׁר־עָלָ֤יו הַתָּו֙ אַל־תִּגַּ֔שׁוּ וּמִמִּקְדָּשִׁ֖י תָּחֵ֑לּוּ וַיָּחֵ֙לּוּ֙ בָּאֲנָשִׁ֣ים הַזְּקֵנִ֔ים אֲשֶׁ֖ר לִפְנֵ֥י הַבָּֽיִת׃ | 6 |
बूढ़े, जवान युवक और युवती, मां और बच्चे सबको मार डालना, परंतु किसी भी ऐसे व्यक्ति को न छूना, जिसमें चिन्ह लगा हो. मेरे पवित्र स्थान से शुरू करना.” अतः उन्होंने उन बूढ़े लोगों से शुरू किया, जो मंदिर के सामने थे.
וַיֹּ֨אמֶר אֲלֵיהֶ֜ם טַמְּא֣וּ אֶת־הַבַּ֗יִת וּמַלְא֧וּ אֶת־הַחֲצֵרֹ֛ות חֲלָלִ֖ים צֵ֑אוּ וְיָצְא֖וּ וְהִכּ֥וּ בָעִֽיר׃ | 7 |
तब उसने उनसे कहा, “मंदिर को अशुद्ध कर देना और मारे गये लोगों से आंगनों को भर देना. जाओ!” अतः वे बाहर निकले और पूरे शहर में लोगों को मारने लगे.
וַֽיְהִי֙ כְּהַכֹּותָ֔ם וְנֵֽאשֲׁאַ֖ר אָ֑נִי וָאֶפְּלָ֨ה עַל־פָּנַ֜י וָאֶזְעַ֗ק וָֽאֹמַר֙ אֲהָהּ֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה הֲמַשְׁחִ֣ית אַתָּ֗ה אֵ֚ת כָּל־שְׁאֵרִ֣ית יִשְׂרָאֵ֔ל בְּשָׁפְכְּךָ֥ אֶת־חֲמָתְךָ֖ עַל־יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃ | 8 |
जब वे मार रहे थे और मैं अकेला रह गया, तब मैं मुंह के बल गिरा और चिल्लाकर कहा, “हे परम प्रधान याहवेह, हाय! क्या आप येरूशलेम पर अपने भयंकर कोप में आकर इस्राएल के सब बचे हुओं को नाश कर देंगे?”
וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֗י עֲוֹ֨ן בֵּֽית־יִשְׂרָאֵ֤ל וִֽיהוּדָה֙ גָּדֹול֙ בִּמְאֹ֣ד מְאֹ֔ד וַתִּמָּלֵ֤א הָאָ֙רֶץ֙ דָּמִ֔ים וְהָעִ֖יר מָלְאָ֣ה מֻטֶּ֑ה כִּ֣י אָמְר֗וּ עָזַ֤ב יְהוָה֙ אֶת־הָאָ֔רֶץ וְאֵ֥ין יְהוָ֖ה רֹאֶֽה׃ | 9 |
तब उसने मुझे उत्तर दिया, “इस्राएल और यहूदाह के लोगों का पाप बहुत ही ज्यादा है; सारा देश रक्तपात से और शहर अन्याय से भरा हुआ है. वे कहते हैं, ‘याहवेह ने तो देश को त्याग दिया है; याहवेह नहीं देखते.’
וְגַ֨ם־אֲנִ֔י לֹא־תָחֹ֥וס עֵינִ֖י וְלֹ֣א אֶחְמֹ֑ל דַּרְכָּ֖ם בְּרֹאשָׁ֥ם נָתָֽתִּי׃ | 10 |
इसलिये मैं उन पर दया दृष्टि नहीं करूंगा या उन्हें नहीं छोड़ूंगा, पर मैं उनके कामों को उन्हीं पर डाल दूंगा.”
וְהִנֵּ֞ה הָאִ֣ישׁ ׀ לְבֻ֣שׁ הַבַּדִּ֗ים אֲשֶׁ֤ר הַקֶּ֙סֶת֙ בְּמָתְנָ֔יו מֵשִׁ֥יב דָּבָ֖ר לֵאמֹ֑ר עָשִׂ֕יתִי כַאֲשֶׁר (כְּכֹ֖ל אֲשֶׁ֥ר) צִוִּיתָֽנִי׃ ס | 11 |
तब वह व्यक्ति, जो मलमल का कपड़ा पहने अपने बगल में लेखन सामग्री लिये हुए था, वापस आकर कहा, “आपने जैसा आदेश दिया था, मैंने वैसा कर दिया है.”