< תהילים 31 >

למנצח מזמור לדוד ב בך-יהוה חסיתי אל-אבושה לעולם בצדקתך פלטני 1
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे यहोवा, मैं तुझ में शरण लेता हूँ; मुझे कभी लज्जित होना न पड़े; तू अपने धर्मी होने के कारण मुझे छुड़ा ले!
הטה אלי אזנך-- מהרה הצילני היה לי לצור-מעוז--לבית מצודות להושיעני 2
अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले!
כי-סלעי ומצודתי אתה ולמען שמך תנחני ותנהלני 3
क्योंकि तू मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है; इसलिए अपने नाम के निमित्त मेरी अगुआई कर, और मुझे आगे ले चल।
תוציאני--מרשת זו טמנו לי כי-אתה מעוזי 4
जो जाल उन्होंने मेरे लिये बिछाया है उससे तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है।
בידך אפקיד רוחי פדית אותי יהוה--אל אמת 5
मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूँ; हे यहोवा, हे विश्वासयोग्य परमेश्वर, तूने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है।
שנאתי השמרים הבלי-שוא ואני אל-יהוה בטחתי 6
जो व्यर्थ मूर्तियों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ; परन्तु मेरा भरोसा यहोवा ही पर है।
אגילה ואשמחה בחסדך אשר ראית את-עניי ידעת בצרות נפשי 7
मैं तेरी करुणा से मगन और आनन्दित हूँ, क्योंकि तूने मेरे दुःख पर दृष्टि की है, मेरे कष्ट के समय तूने मेरी सुधि ली है,
ולא הסגרתני ביד-אויב העמדת במרחב רגלי 8
और तूने मुझे शत्रु के हाथ में पड़ने नहीं दिया; तूने मेरे पाँवों को चौड़े स्थान में खड़ा किया है।
חנני יהוה כי צר-לי עששה בכעס עיני נפשי ובטני 9
हे यहोवा, मुझ पर दया कर क्योंकि मैं संकट में हूँ; मेरी आँखें वरन् मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं।
כי כלו ביגון חיי-- ושנותי באנחה כשל בעוני כחי ועצמי עששו 10
१०मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी आयु कराहते-कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रहा, ओर मेरी हड्डियाँ घुल गई।
מכל-צררי הייתי חרפה ולשכני מאד-- ופחד למידעי ראי בחוץ-- נדדו ממני 11
११अपने सब विरोधियों के कारण मेरे पड़ोसियों में मेरी नामधराई हुई है, अपने जान-पहचानवालों के लिये डर का कारण हूँ; जो मुझ को सड़क पर देखते है वह मुझसे दूर भाग जाते हैं।
נשכחתי כמת מלב הייתי ככלי אבד 12
१२मैं मृतक के समान लोगों के मन से बिसर गया; मैं टूटे बर्तन के समान हो गया हूँ।
כי שמעתי דבת רבים-- מגור מסביב בהוסדם יחד עלי לקחת נפשי זממו 13
१३मैंने बहुतों के मुँह से अपनी निन्दा सुनी, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की।
ואני עליך בטחתי יהוה אמרתי אלהי אתה 14
१४परन्तु हे यहोवा, मैंने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैंने कहा, “तू मेरा परमेश्वर है।”
בידך עתתי הצילני מיד-אויבי ומרדפי 15
१५मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सतानेवालों के हाथ से छुड़ा।
האירה פניך על-עבדך הושיעני בחסדך 16
१६अपने दास पर अपने मुँह का प्रकाश चमका; अपनी करुणा से मेरा उद्धार कर।
יהוה--אל-אבושה כי קראתיך יבשו רשעים ידמו לשאול (Sheol h7585) 17
१७हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैंने तुझको पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। (Sheol h7585)
תאלמנה שפתי-שקר הדברות על-צדיק עתק--בגאוה ובוז 18
१८जो अहंकार और अपमान से धर्मी की निन्दा करते हैं, उनके झूठ बोलनेवाले मुँह बन्द किए जाएँ।
מה רב-טובך אשר-צפנת ליראיך פעלת לחסים בך נגד בני אדם 19
१९आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तूने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के सामने प्रगट भी की है।
תסתירם בסתר פניך-- מרכסי-איש תצפנם בסכה מריב לשנות 20
२०तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उनको अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा।
ברוך יהוה כי הפליא חסדו לי בעיר מצור 21
२१यहोवा धन्य है, क्योंकि उसने मुझे गढ़वाले नगर में रखकर मुझ पर अद्भुत करुणा की है।
ואני אמרתי בחפזי-- נגרזתי מנגד עיניך אכן--שמעת קול תחנוני בשועי אליך 22
२२मैंने तो घबराकर कहा था कि मैं यहोवा की दृष्टि से दूर हो गया। तो भी जब मैंने तेरी दुहाई दी, तब तूने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुन लिया।
אהבו את-יהוה כל-חסידיו אמונים נצר יהוה ומשלם על-יתר עשה גאוה 23
२३हे यहोवा के सब भक्तों, उससे प्रेम रखो! यहोवा विश्वासयोग्य लोगों की तो रक्षा करता है, परन्तु जो अहंकार करता है, उसको वह भली भाँति बदला देता है।
חזקו ויאמץ לבבכם-- כל-המיחלים ליהוה 24
२४हे यहोवा पर आशा रखनेवालों, हियाव बाँधो और तुम्हारे हृदय दृढ़ रहें!

< תהילים 31 >