< मत्ती 28 >
1 आराम कै दुसरे दिन पाच्छै, हफ्तै कै पैहल्ड़े दिन, तड़कै ए तड़कै मगदला कस्बे की मरियम अर दुसरी मरियम कब्र नै देखण आई।
१सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहले दिन पौ फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं।
2 अर देक्खो, एक बड्ड़ा हाल्लण आया, क्यूँके प्रभु का सुर्गदूत सुर्ग तै उतरया अर धोरै आकै उसनै पत्थर ताहीं गिरड़या दिया, अर उसपै बैठग्या।
२तब एक बड़ा भूकम्प हुआ, क्योंकि परमेश्वर का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया।
3 उसका रूप बिजळी बरगा था अर उसके लत्ते पाळे की ढाळ धोळे थे।
३उसका रूप बिजली के समान और उसका वस्त्र हिम के समान उज्ज्वल था।
4 उसकै डर तै पहरेदार काम्बगें, अर मुर्दे की ढाळ होग्ये।
४उसके भय से पहरेदार काँप उठे, और मृतक समान हो गए।
5 सुर्गदूत नै बिरबानियाँ ताहीं कह्या, “मतना डरो, मन्नै बेरा सै के थम यीशु नै जो क्रूस पै चढ़ाया गया था, टोह्वो सो।
५स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, “मत डरो, मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रूस पर चढ़ाया गया था ढूँढ़ती हो।
6 वो उरै न्ही सै, पर अपणे वचन कै मुताबिक जिन्दा होग्या सै। आओ, या जगहां देक्खो, जित्त प्रभु राख्या गया था,
६वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु रखा गया था।
7 अर तावळे जाकै उसके चेल्यां ताहीं कहो के वो मरे होया म्ह तै जिन्दा होग्या सै, अर वो थारे तै पैहल्या गलील परदेस म्ह जावै सै, उड़ै उसका दर्शन पाओगे! देक्खो, मन्नै थारे तै कह दिया।”
७और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैंने तुम से कह दिया।”
8 वे भय अर घणी खुशी कै गेल्या कब्र तै तावळी बोहड़कै उसके चेल्यां ताहीं खबर देण नै भाज्जी गई।
८और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गईं।
9 फेर यीशु उन ताहीं मिल्या। अर कह्या, “सुखी रहो।” उननै धोरै आकै अर उसके पाँ पकड़कै उस ताहीं प्रणाम करया।
९तब, यीशु उन्हें मिला और कहा; “सुखी रहो” और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उसको दण्डवत् किया।
10 फेर यीशु नै उनतै कह्या, “मतना डरो; मेरे चेल्यां तै जाकै कहो के गलील परदेस म्ह चले जावै, उड़ै वो मन्नै देखैगें।”
१०तब यीशु ने उनसे कहा, “मत डरो; मेरे भाइयों से जाकर कहो, कि गलील को चले जाएँ वहाँ मुझे देखेंगे।”
11 जिब वे चेल्यां ताहीं या खबर देण जाण लागरी थी। तो पैहरेदारां म्ह तै, जो कब्र की रुखाळी करै थे, उन म्ह तै कईयाँ नै नगर म्ह आकै सारा हाल प्रधान याजकां तै कह सुणाया।
११वे जा ही रही थी, कि पहरेदारों में से कितनों ने नगर में आकर पूरा हाल प्रधान याजकों से कह सुनाया।
12 फेर उननै यहूदी अगुवां कै गेल्या कठ्ठे होकै सलाह करी अर सिपाहियाँ ताहीं घणाए धन देकै हुकम दिया,
१२तब उन्होंने प्राचीनों के साथ इकट्ठे होकर सम्मति की, और सिपाहियों को बहुत चाँदी देकर कहा।
13 “के माणसां तै न्यू कहियो के जिब हम रात नै सोण लागरे थे, तो उसके चेल्लें आकै उसकी लाश नै चुरा लेगे।
१३“यह कहना कि रात को जब हम सो रहे थे, तो उसके चेले आकर उसे चुरा ले गए।
14 जै थारे सोण की खबर राज्यपाल कै कान्नां ताहीं पोहोचैगी, तो हम उसनै समझा लेवैगें अर थमनै जोखिम तै बचा लेवांगें।”
१४और यदि यह बात राज्यपाल के कान तक पहुँचेगी, तो हम उसे समझा लेंगे और तुम्हें जोखिम से बचा लेंगे।”
15 आखर उननै रपिये लेकै जिसे सिखाए गये थे, उस्से तरियां ए करया। या बात आज ताहीं यहूदी माणसां म्ह मान्नी जावै सै।
१५अतः उन्होंने रुपये लेकर जैसा सिखाए गए थे, वैसा ही किया; और यह बात आज तक यहूदियों में प्रचलित है।
16 ग्यारहां चेल्लें गलील परदेस म्ह उस पहाड़ पै गये, जिस ताहीं यीशु नै उन ताहीं बताया था।
१६और ग्यारह चेले गलील में उस पहाड़ पर गए, जिसे यीशु ने उन्हें बताया था।
17 उननै उसका दर्शन पाकै उस ताहीं प्रणाम करया, पर कईयाँ नै शक होया के यीशु जिन्दा होग्या सै।
१७और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ।
18 यीशु नै उनकै धोरै आकै कह्या, “सुर्ग अर धरती का सारा हक मेरै ताहीं दिया गया सै।
१८यीशु ने उनके पास आकर कहा, “स्वर्ग और पृथ्वी का साराअधिकार मुझे दिया गया है।
19 इस करकै थम जाओ, सारी जात्तां के माणसां ताहीं चेल्ला बणाओ; अर उननै पिता, पुत्र अर पवित्र आत्मा कै नाम तै बपतिस्मा द्यो,
१९इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,
20 अर उननै सारी बात जो मन्नै थारे ताहीं हुकम दिया सै, मानना सिखाओ: अर देक्खो मै दुनिया कै अंत तक सदा थारे गैल रहूँगा।” (aiōn )
२०और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगहूँ।” (aiōn )