< Ἔσδρας Βʹ 13 >

1 ἐν τῇ ἡμέρᾳ ἐκείνῃ ἀνεγνώσθη ἐν βιβλίῳ Μωυσῆ ἐν ὠσὶν τοῦ λαοῦ καὶ εὑρέθη γεγραμμένον ἐν αὐτῷ ὅπως μὴ εἰσέλθωσιν Αμμανῖται καὶ Μωαβῖται ἐν ἐκκλησίᾳ θεοῦ ἕως αἰῶνος
उस दिन सभा के लिए मोशेह की पुस्तक ऊंची आवाज में पढ़ी गई. इस पुस्तक में यह लिखा हुआ पाया गया कि परमेश्वर की सभा में न तो किसी अम्मोनी के और न किसी मोआबी के प्रवेश की आज्ञा है,
2 ὅτι οὐ συνήντησαν τοῖς υἱοῖς Ισραηλ ἐν ἄρτῳ καὶ ἐν ὕδατι καὶ ἐμισθώσαντο ἐπ’ αὐτὸν τὸν Βαλααμ καταράσασθαι καὶ ἔστρεψεν ὁ θεὸς ἡμῶν τὴν κατάραν εἰς εὐλογίαν
क्योंकि उन्होंने इस्राएल के लिए भोजन और पानी का इंतजाम करने की बजाय उन पर शाप देने के लक्ष्य से बिलआम को पैसे दिए थे. मगर हमारे परमेश्वर ने शाप को आशीर्वाद में बदल दिया.
3 καὶ ἐγένετο ὡς ἤκουσαν τὸν νόμον καὶ ἐχωρίσθησαν πᾶς ἐπίμικτος ἐν Ισραηλ
इसलिये जब उन्होंने उस व्यवस्था को सुना, उन्होंने सभी विदेशियों को इस्राएल में से बाहर कर दिया.
4 καὶ πρὸ τούτου Ελιασιβ ὁ ἱερεὺς οἰκῶν ἐν γαζοφυλακίῳ οἴκου θεοῦ ἡμῶν ἐγγίων Τωβια
इसके पहले, पुरोहित एलियाशिब, जिसे हमारे परमेश्वर के भवन के कमरों का अधिकारी चुना गया था, वास्तव में तोबियाह का रिश्तेदार था.
5 καὶ ἐποίησεν αὐτῷ γαζοφυλάκιον μέγα καὶ ἐκεῖ ἦσαν πρότερον διδόντες τὴν μανααν καὶ τὸν λίβανον καὶ τὰ σκεύη καὶ τὴν δεκάτην τοῦ σίτου καὶ τοῦ οἴνου καὶ τοῦ ἐλαίου ἐντολὴν τῶν Λευιτῶν καὶ τῶν ᾀδόντων καὶ τῶν πυλωρῶν καὶ ἀπαρχὰς τῶν ἱερέων
उसने तोबियाह के लिए एक बड़े कमरे को बना रखा था, जहां इसके पहले अन्‍नबलि, लोबान, तरह-तरह के बर्तन और लेवियों, गायकों, द्वारपालों और पुरोहितों के लिए इकट्ठा दानों के ठहराए गए अन्‍न, अंगूर के रस और तेल का दसवां भाग जमा किया जाता था.
6 καὶ ἐν παντὶ τούτῳ οὐκ ἤμην ἐν Ιερουσαλημ ὅτι ἐν ἔτει τριακοστῷ καὶ δευτέρῳ τοῦ Αρθασασθα βασιλέως Βαβυλῶνος ἦλθον πρὸς τὸν βασιλέα καὶ μετὰ τέλος ἡμερῶν ᾐτησάμην παρὰ τοῦ βασιλέως
मगर ऐसा हुआ कि इस समय में मैं येरूशलेम में था ही नहीं, क्योंकि बाबेल के राजा, अर्तहषस्ता के समय के बत्तीसवें साल में मैं राजा से मिलने गया हुआ था, मगर यहां कुछ समय रहने के बाद मैंने राजा की आज्ञा ली
7 καὶ ἦλθον εἰς Ιερουσαλημ καὶ συνῆκα ἐν τῇ πονηρίᾳ ᾗ ἐποίησεν Ελισουβ τῷ Τωβια ποιῆσαι αὐτῷ γαζοφυλάκιον ἐν αὐλῇ οἴκου τοῦ θεοῦ
और येरूशलेम आ गया. मुझे उस बुराई के बारे में पता चला, जो एलियाशिब ने तोबियाह के लिए किया—उसने परमेश्वर के भवन के आंगन में तोबियाह के लिए एक कमरा तैयार किया था.
8 καὶ πονηρόν μοι ἐφάνη σφόδρα καὶ ἔρριψα πάντα τὰ σκεύη οἴκου Τωβια ἔξω ἀπὸ τοῦ γαζοφυλακίου
इससे मैं बहुत नाराज़ हुआ; तब मैंने तोबियाह का सारा सामान उस कमरे के बाहर फेंक दिया.
9 καὶ εἶπα καὶ ἐκαθάρισαν τὰ γαζοφυλάκια καὶ ἐπέστρεψα ἐκεῖ σκεύη οἴκου τοῦ θεοῦ τὴν μαναα καὶ τὸν λίβανον
तब मेरे आदेश पर वे कमरे शुद्ध किए गए. मैंने परमेश्वर के भवन के बर्तन, अन्‍नबलि और लोबान दोबारा उस कमरे में रखाव दिए.
10 καὶ ἔγνων ὅτι μερίδες τῶν Λευιτῶν οὐκ ἐδόθησαν καὶ ἐφύγοσαν ἀνὴρ εἰς ἀγρὸν αὐτοῦ οἱ Λευῖται καὶ οἱ ᾄδοντες ποιοῦντες τὸ ἔργον
तब मुझे यह भी पता चला कि लेवियों के लिए ठहराया हुआ भाग उन्हें दिया ही नहीं गया था, फलस्वरूप तरह-तरह की सेवाओं के लिए चुने गए लेवी और गायक सेवा का काम छोड़कर जा चुके थे-अपने-अपने खेतों में खेती करने.
11 καὶ ἐμαχεσάμην τοῖς στρατηγοῖς καὶ εἶπα διὰ τί ἐγκατελείφθη ὁ οἶκος τοῦ θεοῦ καὶ συνήγαγον αὐτοὺς καὶ ἔστησα αὐτοὺς ἐπὶ τῇ στάσει αὐτῶν
इसलिये मैंने अधिकारियों को फटकार लगाई, “परमेश्वर का भवन क्यों छोड़ दिया गया है?” तब मैंने उन सबको वापस बुलाकर उन्हें सेवा के काम पर दोबारा नियुक्त कर दिया.
12 καὶ πᾶς Ιουδα ἤνεγκαν δεκάτην τοῦ πυροῦ καὶ τοῦ οἴνου καὶ τοῦ ἐλαίου εἰς τοὺς θησαυροὺς
तब सारे यहूदिया के लोगों ने भंडार में अनाज, अंगूर का रस और तेल का दसवां भाग रखवा दिया.
13 ἐπὶ χεῖρα Σελεμια τοῦ ἱερέως καὶ Σαδδουκ τοῦ γραμματέως καὶ Φαδαια ἀπὸ τῶν Λευιτῶν καὶ ἐπὶ χεῖρα αὐτῶν Αναν υἱὸς Ζακχουρ υἱὸς Μαθανια ὅτι πιστοὶ ἐλογίσθησαν ἐπ’ αὐτοὺς μερίζειν τοῖς ἀδελφοῖς αὐτῶν
तब मैंने पुरोहित शेलेमियाह को, शासक सादोक को और लेवियों में से पेदाइयाह को भंडारों का अधिकारी ठहरा दिया. उनके अलावा मैंने, मत्तनियाह के पोते ज़क्‍कूर के पुत्र हनान को चुना, क्योंकि ये सभी विश्वासयोग्य पाए गए. इनकी जवाबदारी थी अपने रिश्तेदारों में सामग्री बांटना.
14 μνήσθητί μου ὁ θεός ἐν ταύτῃ καὶ μὴ ἐξαλειφθήτω ἔλεός μου ὃ ἐποίησα ἐν οἴκῳ κυρίου τοῦ θεοῦ
मेरे परमेश्वर, इस काम के लिए आप मुझे याद रखें. सच्चाई से किए गए मेरे कामों को, जो मैंने परमेश्वर के भवन और इसकी सेवा में किए हैं, आप मिटा न दीजिए.
15 ἐν ταῖς ἡμέραις ἐκείναις εἶδον ἐν Ιουδα πατοῦντας ληνοὺς ἐν τῷ σαββάτῳ καὶ φέροντας δράγματα καὶ ἐπιγεμίζοντας ἐπὶ τοὺς ὄνους καὶ οἶνον καὶ σταφυλὴν καὶ σῦκα καὶ πᾶν βάσταγμα καὶ φέροντας εἰς Ιερουσαλημ ἐν ἡμέρᾳ τοῦ σαββάτου καὶ ἐπεμαρτυράμην ἐν ἡμέρᾳ πράσεως αὐτῶν
उन्हीं दिनों में मेरे सामने यह भी आया कि यहूदिया में कुछ व्यक्ति ऐसे थे, जो शब्बाथ पर अंगूर रौंद रहे थे, कुछ अनाज के बोरे नगर में ला रहे थे, कुछ इन्हें गधों पर लाद रहे थे, सभी प्रकार का सामान शब्बाथ पर येरूशलेम में लाया जा रहा था, वैसे ही अंगूर का रस, अंगूर, अंजीर और सभी प्रकार के बोझ. इसलिये मैंने शब्बाथ पर भोजन बेचने पर उन्हें डांटा.
16 καὶ ἐκάθισαν ἐν αὐτῇ φέροντες ἰχθὺν καὶ πᾶσαν πρᾶσιν πωλοῦντες ἐν τῷ σαββάτῳ τοῖς υἱοῖς Ιουδα καὶ ἐν Ιερουσαλημ
येरूशलेम में कुछ सोरवासी भी रहने लगे थे, जो मछली और सब प्रकार का बिकने वाला सामान वहां से बिक्री कर रहे थे. वे यह सब यहूदाह के वंशजों को शब्बाथ पर बेच रहे थे; हां, येरूशलेम ही में!
17 καὶ ἐμαχεσάμην τοῖς υἱοῖς Ιουδα τοῖς ἐλευθέροις καὶ εἶπα αὐτοῖς τίς ὁ λόγος οὗτος ὁ πονηρός ὃν ὑμεῖς ποιεῖτε καὶ βεβηλοῦτε τὴν ἡμέραν τοῦ σαββάτου
तब मैंने यहूदिया के रईसों को फटकार लगाई. मैंने उनसे कहा, “आप लोग शब्बाथ को अपवित्र कर यह कैसी बुराई कर रहे हैं?
18 οὐχὶ οὕτως ἐποίησαν οἱ πατέρες ὑμῶν καὶ ἤνεγκεν ἐπ’ αὐτοὺς ὁ θεὸς ἡμῶν καὶ ἐφ’ ἡμᾶς πάντα τὰ κακὰ ταῦτα καὶ ἐπὶ τὴν πόλιν ταύτην καὶ ὑμεῖς προστίθετε ὀργὴν ἐπὶ Ισραηλ βεβηλῶσαι τὸ σάββατον
क्या आपके पूर्वजों ने यह नहीं किया था, जिसके फलस्वरूप हमारे परमेश्वर ने हम पर और इस नगर पर यह सारी विपत्ति ड़ाल दी है? यह होने पर भी आप लोग शब्बाथ को अपवित्र करके इस्राएल पर परमेश्वर के क्रोध को बढ़ा रहे हैं.”
19 καὶ ἐγένετο ἡνίκα κατέστησαν πύλαι Ιερουσαλημ πρὸ τοῦ σαββάτου καὶ εἶπα καὶ ἔκλεισαν τὰς πύλας καὶ εἶπα ὥστε μὴ ἀνοιγῆναι αὐτὰς ἕως ὀπίσω τοῦ σαββάτου καὶ ἐκ τῶν παιδαρίων μου ἔστησα ἐπὶ τὰς πύλας ὥστε μὴ αἴρειν βαστάγματα ἐν ἡμέρᾳ τοῦ σαββάτου
तब यह हुआ कि शब्बाथ शुरू होने के ठीक पहले, जब येरूशलेम के फाटकों पर अंधेरा छा ही रहा था, मैंने आदेश दिया कि फाटक बंद कर दिए जाएं और वे शब्बाथ खत्म होने के पहले बिलकुल न खोले जाएं. इसके बाद मैंने अपने ही कुछ सेवकों को फाटकों पर ठहरा दिया कि शब्बाथ पर किसी भी बोझ को अंदर न आने दिया जाए.
20 καὶ ηὐλίσθησαν πάντες καὶ ἐποίησαν πρᾶσιν ἔξω Ιερουσαλημ ἅπαξ καὶ δίς
एक या दो मौके ही ऐसे गए होंगे, जब विभिन्‍न प्रकार के व्यापारियों और बेचने वालों ने येरूशलेम के बाहर रात बिताई थी.
21 καὶ διεμαρτυράμην ἐν αὐτοῖς καὶ εἶπα πρὸς αὐτούς διὰ τί ὑμεῖς αὐλίζεσθε ἀπέναντι τοῦ τείχους ἐὰν δευτερώσητε ἐκτενῶ τὴν χεῖρά μου ἐν ὑμῖν ἀπὸ τοῦ καιροῦ ἐκείνου οὐκ ἤλθοσαν ἐν σαββάτῳ
तब मैंने उन्हें इस प्रकार चेतावनी दी, “क्यों आप लोग शहरपनाह के पास रात बिताते हैं? यदि आप दोबारा यह करते पाए जाएंगे, तो मुझे आप पर ताकत का इस्तेमाल करना पड़ेगा.” इस चेतावनी के बाद वे शब्बाथ पर येरूशलेम कभी नहीं आए.
22 καὶ εἶπα τοῖς Λευίταις οἳ ἦσαν καθαριζόμενοι καὶ ἐρχόμενοι φυλάσσοντες τὰς πύλας ἁγιάζειν τὴν ἡμέραν τοῦ σαββάτου πρὸς ταῦτα μνήσθητί μου ὁ θεός καὶ φεῖσαί μου κατὰ τὸ πλῆθος τοῦ ἐλέους σου
तब मैंने लेवियों को आदेश दिया कि शब्बाथ को पवित्र करने के उद्देश्य से वे अपने आपको शुद्ध कर द्वारपाल के समान आया करें. मेरे परमेश्वर, इस भले काम के लिए भी आप मुझे याद रखिए और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर अपनी दया हमेशा बनाए रखिए.
23 καὶ ἐν ταῖς ἡμέραις ἐκείναις εἶδον τοὺς Ιουδαίους οἳ ἐκάθισαν γυναῖκας Ἀζωτίας Αμμανίτιδας Μωαβίτιδας
उन्हीं दिनों में मेरा ध्यान इस सच्चाई की ओर भी गया, कि यहूदियों ने अशदोद, अम्मोन और मोआब की स्त्रियों से विवाह किया हुआ था.
24 καὶ οἱ υἱοὶ αὐτῶν ἥμισυ λαλοῦντες Ἀζωτιστὶ καὶ οὔκ εἰσιν ἐπιγινώσκοντες λαλεῖν Ιουδαϊστί
उनकी संतान के विषय में सच्चाई यह है कि उनकी संतान के आधे लोग अशदोद की भाषा बोलते है, उनमें से कोई भी यहूदिया की भाषा में बातचीत कर ही नहीं सकता, बल्कि वे सिर्फ अपने ही लोगों की भाषा का इस्तेमाल करते हैं.
25 καὶ ἐμαχεσάμην μετ’ αὐτῶν καὶ κατηρασάμην αὐτοὺς καὶ ἐπάταξα ἐν αὐτοῖς ἄνδρας καὶ ἐμαδάρωσα αὐτοὺς καὶ ὥρκισα αὐτοὺς ἐν τῷ θεῷ ἐὰν δῶτε τὰς θυγατέρας ὑμῶν τοῖς υἱοῖς αὐτῶν καὶ ἐὰν λάβητε ἀπὸ τῶν θυγατέρων αὐτῶν τοῖς υἱοῖς ὑμῶν
इसलिये मैंने उनसे बहस की, उन्हें धिक्कारा, उनमें से कुछ पर तो मैंने हाथ भी छोड़ दिया और कुछ के बाल नोचे. तब मैंने उन्हें परमेश्वर की शपथ दी, “तुम उनके पुत्रों को अपनी पुत्रियां विवाह के लिए नहीं दोगे और न उनकी पुत्रियां को अपने पुत्रों के लिए या खुद अपने विवाह के लिए लोगे.
26 οὐχ οὕτως ἥμαρτεν Σαλωμων βασιλεὺς Ισραηλ καὶ ἐν ἔθνεσιν πολλοῖς οὐκ ἦν βασιλεὺς ὅμοιος αὐτῷ καὶ ἀγαπώμενος τῷ θεῷ ἦν καὶ ἔδωκεν αὐτὸν ὁ θεὸς εἰς βασιλέα ἐπὶ πάντα Ισραηλ καὶ τοῦτον ἐξέκλιναν αἱ γυναῖκες αἱ ἀλλότριαι
क्या इस्राएल के राजा शलोमोन ने इन्हीं विषयों में पाप नहीं किया था? इतना होने पर भी अनेकों देशों में उनके समान राजा कोई न था. उन पर उनके परमेश्वर का प्रेम स्थिर था और परमेश्वर ने उन्हें सारे इस्राएल पर राजा ठहराया दिया; फिर भी, उन विदेशी स्त्रियों ने उन्हें तक पाप करने के लिए फेर दिया था.
27 καὶ ὑμῶν μὴ ἀκουσόμεθα ποιῆσαι τὴν πᾶσαν πονηρίαν ταύτην ἀσυνθετῆσαι ἐν τῷ θεῷ ἡμῶν καθίσαι γυναῖκας ἀλλοτρίας
तब क्या यह सही होगा कि हम आपसे सहमत होकर यह बड़ी बुराई करें और विदेशी स्त्रियों से विवाह करने के द्वारा अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात करें?”
28 καὶ ἀπὸ υἱῶν Ιωαδα τοῦ Ελισουβ τοῦ ἱερέως τοῦ μεγάλου νυμφίου τοῦ Σαναβαλλατ τοῦ Ωρωνίτου καὶ ἐξέβρασα αὐτὸν ἀπ’ ἐμοῦ
यहां तक कि महापुरोहित एलियाशिब के पुत्रों में से एक योइयादा, होरोनी के सनबल्लत का दामाद था. मैंने उसे वहां से निकाल दिया.
29 μνήσθητι αὐτοῖς ὁ θεός ἐπὶ ἀγχιστείᾳ τῆς ἱερατείας καὶ διαθήκης τῆς ἱερατείας καὶ τοὺς Λευίτας
मेरे परमेश्वर, आप इन्हें याद रखिए, क्योंकि इन्होंने पुरोहित के पद को और पुरोहित की और लेवियों की वाचा को अशुद्ध किया है.
30 καὶ ἐκαθάρισα αὐτοὺς ἀπὸ πάσης ἀλλοτριώσεως καὶ ἔστησα ἐφημερίας τοῖς ἱερεῦσιν καὶ τοῖς Λευίταις ἀνὴρ ὡς τὸ ἔργον αὐτοῦ
इस प्रकार मैंने उन्हें उन सभी से शुद्ध कर दिया, जो कुछ विदेशी था. मैंने पुरोहितों और लेवियों के लिए उनके कामों को ठहरा भी दिया-हर एक के लिए निश्चित काम.
31 καὶ τὸ δῶρον τῶν ξυλοφόρων ἐν καιροῖς ἀπὸ χρόνων καὶ ἐν τοῖς βακχουρίοις μνήσθητί μου ὁ θεὸς ἡμῶν εἰς ἀγαθωσύνην
मैंने ठहराए गए अवसरों के लिए लकड़ी और पहले फलों को देने का भी प्रबंध कर दिया. मेरे परमेश्वर, मेरी भलाई के लिए मुझे याद रखिये!

< Ἔσδρας Βʹ 13 >