+ Jesaja 1 >

1 Gesicht Jesajahs, des Sohnes Amoz, das er erschaute über Jehudah und Jerusalem in den Tagen Ussijahs, Jothams, Achas, Chiskijahus, der Könige von Jehudah.
यहूदिया तथा येरूशलेम के विषय में आमोज़ के पुत्र यशायाह का दर्शन, जो उन्हें यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़, और हिज़किय्याह के शासनकाल में प्राप्‍त हुआ.
2 Höret, ihr Himmel und nimm zu Ohren du Erde, denn Jehovah redet: Söhne habe Ich großgezogen und erhöht und sie sind von Mir abgefallen.
हे आकाश! और पृथ्वी सुनो! क्योंकि यह याहवेह की आज्ञा है: “कि मैंने अपने बच्चों का पालन पोषण किया और उन्हें बढ़ाया, किंतु उन्होंने मुझसे नफरत की.
3 Der Ochse kennt seinen Besitzer und der Esel die Krippe seines Meisters; Israel weiß es nicht, und Mein Volk hat keine Einsicht.
बैल अपने स्वामी को जानता है, और गधा अपने स्वामी की चरनी को, किंतु इस्राएल, मेरी प्रजा को इसकी समझ नहीं.”
4 Wehe der sündhaften Völkerschaft, dem Volk mit Missetat beschwert, dem Samen der Bösewichter, den verdorbenen Söhnen! Verlassen haben sie Jehovah, verlästert den Heiligen Israels, und sind Ihm entfremdet.
हाय है तुम लोगों पर, जो पाप और अधर्म से भरे हो, जिनमें सच्चाई नहीं, और जिनका स्वभाव बुरा है! जिसने याहवेह को छोड़ दिया है; और जिसने इस्राएल के पवित्र स्वामी का अपमान किया और जो याहवेह से दूर हो गया है!
5 Was sollt ihr weiter geschlagen werden? Ihr mehret den Abfall. Das ganze Haupt ist krank und es siecht das ganze Herz.
तुम क्यों बुरा बनना चाहते हो? विद्रोह करते हो? तुम्हारे सिर में घाव है, और तुम्हारा मन दुःखी है.
6 Von der Fußsohle und bis zum Haupt ist nichts Gesundes an ihm. Wunde und Strieme und frischer Schlag, nicht ausgedrückt noch verbunden, noch mit Öl erweicht.
सिर से पांव तक घाव और शरीर में खरोंच चोट है जिन्हें न तो पोंछा गया, न ही पट्टी बांधी गई और कोमल बनाने के लिए न ही उन पर तेल लगाया गया.
7 Euer Land ist wüste, eure Städte verbrannt mit Feuer. Vor euch fressen Fremde euren Boden auf; und er ist wüste, als von Fremden umgekehrt.
तुम्हारा देश उजड़ गया, नगर आग से भस्म कर दिए गए; लोगों ने तुम्हारे खेतों को ले लिया.
8 Und Zions Tochter bleibt übrig, wie eine Hütte im Weinberg, wie eine Nachthütte im Gurkenfeld, wie eine belagerte Stadt.
ज़ियोन की पुत्री अंगूर के बगीचे में छोड़ दी गई, ककड़ी के खेत में आश्रय के जैसे, या पिछड़े हुए नगर में अकेली खड़ी है.
9 Hätte uns Jehovah der Heerscharen nicht einen Rest übriggelassen, wie ein Kleines, wie Sodom wären wir, Gomorrah glichen wir.
यदि सर्वशक्तिमान याहवेह ने हमें न बचाया होता, तो हम भी सोदोम और अमोराह के समान हो जाते.
10 Höret das Wort Jehovahs, Sodoms Anführer; nimm zu Ohren das Gesetz unseres Gottes, Volk Gomorrahs!
सोदोम के शासको, याहवेह का वचन सुनो; अमोराह के लोगों! हमारे परमेश्वर के व्यवस्था-विधान पर ध्यान दो.
11 Was soll Mir eurer Opfer Menge? spricht Jehovah. Satt bin Ich der Brandopfer der Widder und des Fettes der Gemästeten, und habe keine Lust am Blut der Farren und der Schafe und Böcke.
याहवेह कहता है, “तुम्हारे बहुत से मेल बलि मेरे किस काम के? तुम्हारे मेढ़ों की अग्निबलियां और पशुओं की चर्बी; और बैलों, मेमनों और बकरों के रक्त से मैं खुश नहीं होता.
12 Wenn ihr hereinkommt, Mein Angesicht zu sehen, wer hat solches von eurer Hand gefordert, daß ihr Meine Vorhöfe zerstampfen sollt?
जब तुम मेरे सामने आते हो, तो तुम किस अधिकार से, मेरे आंगनों में चलते हो?
13 Bringt nicht mehr eitel Speiseopfer herein! Ein Greuel ist Mir Räuchwerk, Neumond und Sabbath, das Ausrufen der Zusammenberufung. Nicht ertrag Ich das Unrecht und die Festversammlung.
अब मुझे अन्‍नबलि न चढ़ाना और धूप से नये चांद. विश्राम दिन और सभाओं का आयोजन मुझे अच्छा नहीं लगता.
14 Eure Neumonde und Festzeiten hasset Meine Seele, zur Beschwerde sind sie geworden Mir, Ich bin es müde, sie zu tragen.
नफरत है मुझे तुम्हारे नये चांद पर्वों तथा वार्षिक उत्सवों से. बोझ बन गए हैं ये मेरे लिए; थक गया हूं मैं इन्हें सहते सहते.
15 Und wenn ihr eure Hände ausbreitet, so decke Ich Meine Augen zu vor euch. Auch wenn ihr viel des Betens macht, höre Ich es nicht: eure Hände sind voll Blut.
तब जब तुम प्रार्थना में मेरी ओर अपने हाथ फैलाओगे, मैं तुमसे अपना मुंह छिपा लूंगा; चाहे तुम कितनी भी प्रार्थनाएं करते रहो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा. “क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं!
16 Waschet, läutert euch, tut weg vor meinen Augen das Böse eurer Werke. Höret auf, Böses zu tun.
“तुम अपने आपको शुद्ध करो. और मेरे सामने से अपने बुरे कामों को हटा दो; बुराई करना छोड़ दो.
17 Lernet Gutes tun, fraget nach Recht, helfet auf den Unterdrückten, richtet die Waise, hadert für die Witwe.
अच्छा काम करना सीखो; दुखियों की सहायता करो. अनाथों की रक्षा करो; और विधवाओं को न्याय दिलवाओ.”
18 Kommt doch und laßt uns rechten, spricht Jehovah. Sind wie Scharlach eure Sünden, sie sollen weiß wie der Schnee werden, und sind sie rot wie Rosinfarbe, sie sollen wie die Wolle werden.
याहवेह यों कहते हैं, “अब आओ, हम मिलकर इसका निष्कर्ष निकालें, चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों, वे हिम समान श्वेत हो जाएंगे; चाहे वे बैंगनी रंग के हों, तो भी वे ऊन के समान सफेद हो जाएंगे.
19 Seid ihr willig und höret, sollet ihr essen das Gute des Landes.
यदि सच्चाई से मेरी बात मानोगे, तो इस देश की उत्तम से उत्तम चीज़ें खा पाओगे;
20 Weigert ihr euch aber, und seid widerspenstig, werdet ihr vom Schwert gefressen, denn der Mund Jehovahs hat es geredet.
और यदि तुम विरोध करो और बात न मानोगे, तो तलवार से मार दिये जाओगे.” यह याहवेह का यही वचन है!
21 Wie ist zur Buhlerin geworden die treue Stadt, sie war voll von Recht, Gerechtigkeit übernachtete in ihr, jetzt aber Mörder.
वह नगर जिसमें सत्य, न्याय और धार्मिकता पाई जाती है, उसमें व्यभिचार कैसे बढ़ गया!
22 Dein Silber ist zu Schlacken geworden, dein Wein mit Wasser vermischt.
तुम्हारी चांदी में मिलावट है, और तुम्हारे दाखरस में पानी मिला दिया गया है.
23 Störrisch sind deine Obersten und Gesellen von Dieben, jeder liebt Geschenke und jagen der Vergeltung nach, schaffen nicht Recht dem Waisen, lassen der Witwe Rechtshandel nicht vor sich kommen.
राज्य करनेवाले विद्रोही, और चोरों के मित्र हैं; सब घूस लेते हैं और लालची हैं. वे अनाथों की रक्षा नहीं करते; और न विधवाओं को न्याय दिलाते हैं.
24 Darum, so spricht der Herr, Jehovah der Heerscharen, der Gewaltige Israels: Wehe! Ich tröste Mich an Meinen Drängern und räche Mich an Meinen Feinden.
अतः इस्राएल के सर्वशक्तिमान, प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहते हैं: “मैं अपने बैरियों से बदला लूंगा.
25 Und Ich wende Meine Hand zurück gegen dich und läutere wie Lauterkeit deine Schlacken und tue weg all dein Zinn.
मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना हाथ उठाऊंगा; मैं तुम्हारे धातु की गंदगी को दूर कर दूंगा और उसमें जो मिलावट है उसे दूर करूंगा.
26 Und gebe dir wieder deine Richter, wie zuerst, und deine Räte, wie zu Anbeginn. Danach wird man dich nennen Stadt der Gerechtigkeit, die getreue Stadt.
मैं फिर से न्यायी और मंत्री बनाऊंगा और उनको उनका पद दूंगा. फिर इस नगर में कोई कमी नहीं होगी.”
27 Zion wird durch das Gericht eingelöst werden, und durch Gerechtigkeit, die in ihm zurückkehren.
ज़ियोन को न्याय से, और जो अपने आपको बदलेगा वे धर्म से छुड़ा लिये जायेंगे.
28 Und Bruch über die Übertreter und Sünder allzumal, und verzehrt werden, die Jehovah verließen.
लेकिन विद्रोहियों और पापियों को एक साथ नष्ट कर दिया जाएगा, जिन्होंने याहवेह को त्याग दिया है.
29 Denn sie werden sich der Eichen schämen, die ihr begehrtet, und erröten ob den Gärten, die ihr euch erwähltet.
“वे उन बांज वृक्षों से, जिनकी तुम चाह रखते थे लज्जित हो जाएंगे; और जिन क्यारियों में मेहनत करके खुश होते थे अब उसी से लज्जित होना पड़ेगा.
30 Denn ihr werdet wie eine Eiche sein, deren Blatt welkt, und wie ein Garten, der kein Wasser hat.
तुम उस बांज वृक्ष के समान हो जाओगे जिसके पत्ते सूख गए हैं, और सूखी क्यारियां जिसमें पानी नहीं पिलाया गया हो.
31 Und werden wird zu Werg der Mächtige und sein Tun zum Funken, daß beide zusammen brennen und niemand es lösche.
बलवान व्यक्ति आग और उसका काम चिंगारी होगा; और वे एक साथ जल जायेंगे, और कोई उन्हें बचा नहीं पाएगा.”

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