< 4 Mose 28 >
1 Und der HERR redete zu Mose und sprach: Gebiete den Kindern Israel und sprich zu ihnen:
१फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 Ihr sollt darauf achten, daß ihr meine Opfergaben, meine Nahrung der Feueropfer lieblichen Geruchs, mir darbringet zu ihrer bestimmten Zeit.
२“इस्राएलियों को यह आज्ञा सुना, ‘मेरा चढ़ावा, अर्थात् मुझे सुखदायक सुगन्ध देनेवाला मेरा हव्यरूपी भोजन, तुम लोग मेरे लिये उनके नियत समयों पर चढ़ाने के लिये स्मरण रखना।’
3 Und sprich zu ihnen: Das ist das Feueropfer, welches ihr dem HERRN darbringen sollt: einjährige, tadellose Lämmer; täglich zwei zum beständigen Brandopfer.
३और तू उनसे कह: जो-जो तुम्हें यहोवा के लिये चढ़ाना होगा वे ये हैं; अर्थात् नित्य होमबलि के लिये एक-एक वर्ष के दो निर्दोष भेड़ी के नर बच्चे प्रतिदिन चढ़ाया करना।
4 Das eine Lamm sollst du am Morgen, das andere gegen Abend zurüsten;
४एक बच्चे को भोर को और दूसरे को साँझ के समय चढ़ाना;
5 dazu ein Zehntel Epha Semmelmehl zum Speisopfer, gemengt mit einem Viertel Hin gestoßenen Öls.
५और भेड़ के बच्चे के साथ एक चौथाई हीन कूटकर निकाले हुए तेल से सने हुए एपा के दसवें अंश मैदे का अन्नबलि चढ़ाना।
6 Das ist das beständige Brandopfer, welches am Berg Sinai geopfert ward zum lieblichen Geruch, als Feueropfer für den HERRN.
६यह नित्य होमबलि है, जो सीनै पर्वत पर यहोवा का सुखदायक सुगन्धवाला हव्य होने के लिये ठहराया गया।
7 Dazu sein Trankopfer, zu jedem Lamm ein Viertel Hin. Im Heiligtum soll man dem HERRN das Trankopfer von starkem Getränk ausgießen.
७और उसका अर्घ प्रति एक भेड़ के बच्चे के संग एक चौथाई हीन हो; मदिरा का यह अर्घ यहोवा के लिये पवित्रस्थान में देना।
8 Das andere Lamm sollst du gegen Abend opfern, wie das Speisopfer am Morgen und wie sein Trankopfer, als wohlriechendes Feuer für den HERRN.
८और दूसरे बच्चे को साँझ के समय चढ़ाना; अन्नबलि और अर्घ समेत भोर के होमबलि के समान उसे यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य करके चढ़ाना।
9 Am Sabbattag aber zwei einjährige, tadellose Lämmer und zwei Zehntel Semmelmehl zum Speisopfer, mit Öl gemengt, dazu sein Trankopfer.
९“फिर विश्रामदिन को दो निर्दोष भेड़ के एक वर्ष के नर बच्चे, और अन्नबलि के लिये तेल से सना हुआ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा अर्घ समेत चढ़ाना।
10 Das ist das Brandopfer eines jeden Sabbats, außer dem beständigen Brandopfer und seinem Trankopfer.
१०नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा प्रत्येक विश्रामदिन का यही होमबलि ठहरा है।
11 Aber am ersten Tag eurer Monate sollt ihr dem HERRN zum Brandopfer darbringen: zwei junge Farren, einen Widder, sieben einjährige, tadellose Lämmer;
११“फिर अपने महीनों के आरम्भ में प्रतिमाह यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाना; अर्थात् दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक-एक वर्ष के निर्दोष भेड़ के सात नर बच्चे;
12 und drei Zehntel Semmelmehl zum Speisopfer, mit Öl gemengt, zu jedem Farren; zwei Zehntel Semmelmehl, mit Öl gemengt, zu dem Widder,
१२और बछड़े के साथ तेल से सना हुआ एपा का तीन दसवाँ अंश मैदा, और उस एक मेढ़े के साथ तेल से सना हुआ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा;
13 und ein Zehntel Semmelmehl zum Speisopfer, mit Öl gemengt, zu jedem Lamm. Das ist das Brandopfer des wohlriechenden Feuers für den HERRN.
१३और प्रत्येक भेड़ के बच्चे के पीछे तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ अंश मैदा, उन सभी को अन्नबलि करके चढ़ाना; वह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये होमबलि और यहोवा के लिये हव्य ठहरेगा।
14 Und ihr Trankopfer soll sein ein halbes Hin Wein zu jedem Farren, ein Drittel Hin zu dem Widder, ein Viertel Hin zu jedem Lamm. Das ist das Brandopfer eines jeden Monats im Jahre.
१४और उनके साथ ये अर्घ हों; अर्थात् बछड़े के साथ आधा हीन, मेढ़े के साथ तिहाई हीन, और भेड़ के बच्चे के साथ चौथाई हीन दाखमधु दिया जाए; वर्ष के सब महीनों में से प्रत्येक महीने का यही होमबलि ठहरे।
15 Dazu soll man einen Ziegenbock zum Sündopfer dem HERRN darbringen, außer dem beständigen Brandopfer und seinem Trankopfer.
१५और एक बकरा पापबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाया जाए; यह नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा चढ़ाया जाए।
16 Aber am vierzehnten Tage des ersten Monats ist das Passah des HERRN;
१६“फिर पहले महीने के चौदहवें दिन को यहोवा का फसह हुआ करे।
17 und am fünfzehnten Tage desselben Monats ist das Fest; sieben Tage soll man ungesäuertes Brot essen.
१७और उसी महीने के पन्द्रहवें दिन को पर्व लगा करे; सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाई जाए।
18 Am ersten Tage soll heilige Versammlung sein; da sollt ihr keine Werktagsarbeit verrichten,
१८पहले दिन पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न किया जाए;
19 sondern sollt dem HERRN feurige Brandopfer darbringen, zwei junge Farren, einen Widder, sieben einjährige Lämmer; tadellos sollen sie sein;
१९उसमें तुम यहोवा के लिये हव्य, अर्थात् होमबलि चढ़ाना; अतः दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक-एक वर्ष के सात भेड़ के नर बच्चे हों; ये सब निर्दोष हों;
20 dazu ihre Speisopfer von Semmelmehl, mit Öl gemengt; drei Zehntel sollt ihr zu jedem Farren tun und zwei Zehntel zum Widder
२०और उनका अन्नबलि तेल से सने हुए मैदे का हो; बछड़े के साथ एपा का तीन दसवाँ अंश और मेढ़े के साथ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा हो।
21 und ein Zehntel zu jedem der sieben Lämmer;
२१और सातों भेड़ के बच्चों में से प्रति बच्चे के साथ एपा का दसवाँ अंश चढ़ाना।
22 dazu einen Sündopferbock, um Sühnung für euch zu erwirken.
२२और एक बकरा भी पापबलि करके चढ़ाना, जिससे तुम्हारे लिये प्रायश्चित हो।
23 Und solches sollt ihr tun außer dem Brandopfer vom Morgen, welches ein beständiges Brandopfer ist.
२३भोर का होमबलि जो नित्य होमबलि ठहरा है, उसके अलावा इनको चढ़ाना।
24 Auf diese Weise sollt ihr täglich, sieben Tage lang, dem HERRN die Nahrung des wohlriechenden Feuers darbringen, neben dem beständigen Brandopfer; dazu sein Trankopfer.
२४इस रीति से तुम उन सातों दिनों में भी हव्य का भोजन चढ़ाना, जो यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देने के लिये हो; यह नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा चढ़ाया जाए।
25 Und am siebenten Tage sollt ihr eine heilige Versammlung halten; da sollt ihr keine Werktagsarbeit verrichten.
२५और सातवें दिन भी तुम्हारी पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना।
26 Auch am Tage der Erstlinge, wenn ihr dem HERRN das neue Speisopfer an eurem Wochenfeste darbringet, sollt ihr eine heilige Versammlung halten; da sollt ihr keine Werktagsarbeit verrichten,
२६“फिर पहली उपज के दिन में, जब तुम अपने कटनी के पर्व में यहोवा के लिये नया अन्नबलि चढ़ाओगे, तब भी तुम्हारी पवित्र सभा हो; और परिश्रम का कोई काम न करना।
27 sondern ihr sollt dem HERRN zum Brandopfer lieblichen Geruchs darbringen zwei junge Farren, einen Widder,
२७और एक होमबलि चढ़ाना, जिससे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो; अर्थात् दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक-एक वर्ष के सात भेड़ के नर बच्चे;
28 sieben einjährige Lämmer samt ihrem Speisopfer von Semmelmehl, mit Öl gemengt; drei Zehntel auf jeden Farren,
२८और उनका अन्नबलि तेल से सने हुए मैदे का हो; अर्थात् बछड़े के साथ एपा का तीन दसवाँ अंश, और मेढ़े के संग एपा का दो दसवाँ अंश,
29 zwei Zehntel auf jeden Widder; und ein Zehntel auf jedes der sieben Lämmer,
२९और सातों भेड़ के बच्चों में से एक-एक बच्चे के पीछे एपा का दसवाँ अंश मैदा चढ़ाना।
30 und einen Ziegenbock, um Sühnung für euch zu erwirken.
३०और एक बकरा भी चढ़ाना, जिससे तुम्हारे लिये प्रायश्चित हो।
31 Diese Opfer sollt ihr verrichten, außer dem beständigen Brandopfer mit seinem Speisopfer (sie sollen tadellos sein) und ihre Trankopfer dazu.
३१ये सब निर्दोष हों; और नित्य होमबलि और उसके अन्नबलि और अर्घ के अलावा इसको भी चढ़ाना।