< Nombres 17 >
1 Le Seigneur dit ensuite à Moïse:
१तब यहोवा ने मूसा से कहा,
2 Parle aux fils d'Israël, prends de chacun des chefs de tribu une baguette, et, sur chacune des douze baguettes, écris le nom de chacun d'eux.
२“इस्राएलियों से बातें करके उनके पूर्वजों के घरानों के अनुसार, उनके सब प्रधानों के पास से एक-एक छड़ी ले; और उन बारह छड़ियों में से एक-एक पर एक-एक के मूलपुरुष का नाम लिख,
3 Ecris aussi le nom d'Aaron sur la baguette de Lévi, c'est une baguette à part; et les chefs feront l'offrande de ces baguettes par tribus.
३और लेवियों की छड़ी पर हारून का नाम लिख। क्योंकि इस्राएलियों के पूर्वजों के घरानों के एक-एक मुख्य पुरुष की एक-एक छड़ी होगी।
4 Place-les ensuite dans le tabernacle devant le témoignage; c'est par elles que je me manifesterai à toi.
४और उन छड़ियों को मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के आगे, जहाँ मैं तुम लोगों से मिला करता हूँ, रख दे।
5 Et la baguette de celui que j'aurai choisi reverdira, et je rejetterai loin de moi le murmure que les fils d'Israël ont fait éclater contre vous.
५और जिस पुरुष को मैं चुनूँगा उसकी छड़ी में कलियाँ फूट निकलेंगी; और इस्राएली जो तुम पर बुड़बुड़ाते रहते हैं, वह बुड़बुड़ाना मैं अपने ऊपर से दूर करूँगा।”
6 Moïse parla donc aux fils d'Israël; tous les chefs donnèrent chacun une baguette, et il y eut douze baguettes pour les douze tribus, et en outre celle d'Aaron parmi les autres.
६अतः मूसा ने इस्राएलियों से यह बात कही; और उनके सब प्रधानों ने अपने-अपने लिए, अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के अनुसार, एक-एक छड़ी उसे दी, सो बारह छड़ियाँ हुई; और उन छड़ियों में हारून की भी छड़ी थी।
7 Moïse plaça les baguettes devant le Seigneur dans le tabernacle du témoignage.
७उन छड़ियों को मूसा ने साक्षीपत्र के तम्बू में यहोवा के सामने रख दिया।
8 Et le lendemain il entra avec Aaron dans le tabernacle du témoignage; la baguette d'Aaron, de la maison de Lévi, avait germé; elle portait un bourgeon, une fleur s'y épanouissait, et elle promettait des fruits.
८दूसरे दिन मूसा साक्षीपत्र के तम्बू में गया; तो क्या देखा, कि हारून की छड़ी जो लेवी के घराने के लिये थी उसमें कलियाँ फूट निकली, उसमें कलियाँ लगीं, और फूल भी फूले, और पके बादाम भी लगे हैं।
9 Après cela, Moïse ôta toutes les baguettes de devant le Seigneur, et il les porta aux fils d'Israël; ils les virent, et chaque chef reprit la sienne.
९तब मूसा उन सब छड़ियों को यहोवा के सामने से निकालकर सब इस्राएलियों के पास ले गया; और उन्होंने अपनी-अपनी छड़ी पहचानकर ले ली।
10 Et le Seigneur dit à Moïse: Dépose la baguette d'Aaron devant le témoignage, afin qu'elle soit conservée comme signe pour les fils des indociles; que le murmure de ceux-ci s'apaise, et ils ne mourront point.
१०फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून की छड़ी को साक्षीपत्र के सामने फिर रख दे, कि यह उन बलवा करनेवालों के लिये एक निशान बनकर रखी रहे, कि तू उनका बुड़बुड़ाना जो मेरे विरुद्ध होता रहता है भविष्य में रोक सके, ऐसा न हो कि वे मर जाएँ।”
11 Moïse et Aaron firent ce qu'avait prescrit le Seigneur; ainsi firent- ils.
११और मूसा ने यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार ही किया।
12 Et les fils d'Israël parlèrent à Moïse, disant: Voilà que nous périssons, que nous sommes consumés.
१२तब इस्राएली मूसा से कहने लगे, देख, “हमारे प्राण निकलने वाले हैं, हम नष्ट हुए, हम सब के सब नष्ट हुए जाते हैं।
13 Tous ceux qui touchent au tabernacle du témoignage meurent; mourrons- nous tous jusqu'au dernier?
१३जो कोई यहोवा के निवास के तम्बू के समीप जाता है वह मारा जाता है। तो क्या हम सब के सब मर ही जाएँगे?”