< Leviticus 4 >
1 And the LORD spoke to Moses, saying,
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी:
2 Speak to the children of Israel, saying, If a soul shall sin through ignorance against any of the commandments of the LORD [concerning things] which ought not to be done, and shall violate any of them:
“इस्राएल की प्रजा को यह आज्ञा दो, ‘यदि कोई व्यक्ति अनजाने में उन कार्यों को करता है, जो याहवेह की व्यवस्थाओं में मना हैं—
3 If the priest that is anointed shall sin according to the sin of the people; then let him bring, for his sin which he hath sinned, a young bullock without blemish to the LORD for a sin-offering.
“‘यदि कोई अभिषिक्त पुरोहित पाप करता है, जिससे कि वह प्रजा पर भी दोष ले आता है, तब वह उस पाप के लिए, जो उसने किया है, याहवेह के सामने एक निर्दोष बछड़े को पापबलि के रूप में भेंट करे!
4 And he shall bring the bullock to the door of the tabernacle of the congregation before the LORD; and shall lay his hand upon the bullock's head, and kill the bullock before the LORD.
उस बैल को वह याहवेह के सामने, मिलनवाले तंबू के द्वार पर, लेकर आए, अपना हाथ उस बैल के सिर पर रखे और याहवेह के सामने उसका वध करे.
5 And the priest that is anointed shall take of the bullock's blood, and bring it to the tabernacle of the congregation:
फिर वह अभिषिक्त पुरोहित उस बैल के रक्त में से कुछ रक्त लेकर उसे मिलनवाले तंबू में लेकर आए,
6 And the priest shall dip his finger in the blood, and sprinkle of the blood seven times before the LORD, before the vail of the sanctuary.
पुरोहित अपनी उंगली उस रक्त में डुबोकर उसमें से कुछ रक्त को सात बार याहवेह के सामने पवित्र स्थान के पर्दे के सामने छिड़के.
7 And the priest shall put [some] of the blood upon the horns of the altar of sweet incense before the LORD, which [is] in the tabernacle of the congregation; and shall pour all the blood of the bullock at the bottom of the altar of the burnt-offering, which [is at] the door of the tabernacle of the congregation.
पुरोहित कुछ रक्त को सुगंधधूप वेदी के सींगों पर भी डाले, जो याहवेह के सामने मिलनवाले तंबू में है. पुरोहित बैल के पूरे रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे, जो मिलनवाले तंबू के द्वार पर है.
8 And he shall take off from it all the fat of the bullock for the sin-offering; the fat that covereth the inwards, and all the fat that [is] upon the inwards,
वह पापबलि के लिए प्रयोग किए जानेवाले बैल की पूरी चर्बी उससे हटा दे; वह चर्बी, जो आंतों को ढकती है, वह पूरी चर्बी, जो आंतों पर है,
9 And the two kidneys, and the fat that [is] upon them, which [is] by the flanks, and the caul above the liver, with the kidneys, that shall he take away,
दोनों गुर्दे उस चर्बी के साथ, जो कमर पर है तथा कलेजे के ऊपर की झिल्ली, जिसे वह गुर्दों सहित अलग करेगा.
10 As it was taken off from the bullock of the sacrifice of peace-offerings: and the priest shall burn them upon the altar of the burnt-offering.
ठीक वैसे ही जैसे वह मेल बलि के लिए प्रयोग किए जानेवाले बैल से हटाई गई; पुरोहित होमबलि की वेदी पर इसे धुएं में भेंट करे,
11 And the skin of the bullock, and all his flesh, with his head, and with his legs, and his inwards, and his dung,
किंतु बैल की खाल और इसका सारा मांस, सिर, टांगें, आंतें तथा इस प्रक्रिया में उत्पन्न गंदगी,
12 Even the whole bullock shall he carry forth without the camp to a clean place, where the ashes are poured out, and burn him on the wood with fire: where the ashes are poured out shall he be burnt.
तथा बैल के शेष अंश को छावनी के बाहर, एक साफ़ स्थान पर, जहां राख फेंक दी जाती है, लेकर आए. यहां वह लकड़ियों पर इसको जलाए.
13 And if the whole congregation of Israel shall sin through ignorance, and the thing be hid from the eyes of the assembly, and they have done [somewhat against] any of the commandments of the LORD [concerning things] which should not be done, and are guilty;
“‘यदि इस्राएली प्रजा कोई विसंगत कार्य करे, जिसके विषय में सभा अनजान है, और वे उन कार्यों के कारण दोषी ठहरें, जो याहवेह की ओर से मना हैं;
14 When the sin which they have sinned against it is known, then the congregation shall offer a young bullock for the sin, and bring him before the tabernacle of the congregation.
जब सभा के सामने पाप प्रकट हो जाए, तब सभा पापबलि के लिए ढोरों में से एक बैल को मिलनवाले तंबू के सामने लेकर आए.
15 And the elders of the congregation shall lay their hands upon the head of the bullock before the LORD: and the bullock shall be killed before the LORD.
सभा के प्रधान याहवेह के सामने अपना हाथ बैल के सिर पर रखें और वह याहवेह के सामने बैल का वध करे.
16 And the priest that is anointed shall bring of the bullock's blood to the tabernacle of the congregation:
अभिषिक्त पुरोहित बैल के रक्त में से कुछ रक्त मिलनवाले तंबू में लेकर आए.
17 And the priest shall dip his finger [in some] of the blood, and sprinkle [it] seven times before the LORD, [even] before the vail.
पुरोहित अपनी उंगली बैल के रक्त में डुबाकर उसमें से कुछ रक्त को सात बार याहवेह के सामने पवित्र स्थान के पर्दे के सामने छिड़के.
18 And he shall put [some] of the blood upon the horns of the altar which [is] before the LORD, that [is] in the tabernacle of the congregation, and shall pour out all the blood at the bottom of the altar of the burnt-offering, which [is] at the door of the tabernacle of the congregation.
पुरोहित कुछ रक्त को उस वेदी की सींगों पर भी डाले, जो याहवेह के सामने मिलनवाले तंबू में है, पुरोहित बैल के सारे रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे, जो मिलनवाले तंबू के द्वार पर है.
19 And he shall take all his fat from him, and burn [it] upon the altar.
वह उस बैल से उसकी सारी चर्बी को हटाकर उस चर्बी को वेदी पर जलाए.
20 And he shall do with the bullock as he did with the bullock for a sin-offering, so shall he do with this: and the priest shall make an atonement for them, and it shall be forgiven them.
वह इस बैल के साथ भी ठीक वैसा ही करे, जैसा उसने पापबलि के बैल के साथ किया था. पुरोहित प्रजा के लिए प्रायश्चित करे; और उन्हें क्षमा की जाएगी.
21 And he shall carry forth the bullock without the camp, and burn him as he burned the first bullock: it [is] a sin-offering for the congregation.
फिर वह इस बैल को छावनी के बाहर लेकर आए और इसको उसी प्रकार जलाए, जैसे उसने पहले बैल को जलाया था; यह सभा के लिए पापबलि है.
22 When a ruler hath sinned, and done [somewhat] through ignorance [against] any of the commandments of the LORD his God [concerning things] which should not be done, and is guilty;
“‘जब कोई प्रधान पुरुष अनजाने में पाप करता है, यानी वे कार्य करता है, जो याहवेह अपने परमेश्वर की ओर से मना हैं, और जब उसे पाप-बोध होता है,
23 Or if his sin, in which he hath sinned, shall come to his knowledge; he shall bring his offering, a kid of the goats, a male without blemish:
और जो पाप उसने किया है, वह प्रकट हो जाता है, तो वह अपनी बलि के लिए एक निर्दोष रोमयुक्त बकरा लेकर आए,
24 And he shall lay his hand upon the head of the goat, and kill it in the place where they kill the burnt-offering before the LORD: it [is] a sin-offering.
वह अपना हाथ उस बकरे के सिर पर रखे और उस स्थान पर उसको बलि कर दे, जहां वे याहवेह के सामने होमबलि के पशु को बलि करते हैं; यह एक पापबलि है.
25 And the priest shall take of the blood of the sin-offering with his finger, and put [it] upon the horns of the altar of burnt-offering, and shall pour out his blood at the bottom of the altar of burnt-offering.
फिर पुरोहित अपनी उंगली से उस पापबलि से कुछ रक्त लेकर होमबलि की वेदी की सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को वह होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे.
26 And he shall burn all his fat upon the altar, as the fat of the sacrifice of peace-offerings: and the priest shall make an atonement for him as concerning his sin, and it shall be forgiven him.
वह इसकी सारी चर्बी को ठीक वैसे ही वेदी पर जला दे, जैसे उसने मेल बलि को की थी. इस प्रकार पुरोहित उस प्रधान द्वारा किए गए पाप के लिए प्रायश्चित करे; और उसे क्षमा प्रदान कर दी जाएगी.
27 And if any one of the common people shall sin through ignorance, while he doeth [somewhat against] any of the commandments of the LORD [concerning things] which ought not to be done, and be guilty;
“‘जब कोई जनसाधारण व्यक्ति अनजाने में उन कार्यों को करने के द्वारा पाप करता है, जो याहवेह ने न करने की आज्ञा दी है, और इसके द्वारा वह दोषी हो जाता है,
28 Or if his sin which he hath sinned shall come to his knowledge: then he shall bring his offering, a kid of the goats, a female without blemish, for his sin which he hath sinned.
तथा उसका वह पाप, जो उससे हो गया है उस पर प्रकट कर दिया जाता है, तो वह अपने उस पाप की बलि के लिए, जो उसने किया है, एक निर्दोष बकरी लेकर आए.
29 And he shall lay his hand upon the head of the sin-offering, and slay the sin-offering in the place of the burnt-offering.
वह अपना हाथ उस पापबलि के सिर पर रखे तथा होमबलि के स्थान पर इस पापबलि का बलिदान करे दे.
30 And the priest shall take of the blood of it with his finger, and put [it] upon the horns of the altar of burnt-offering, and shall pour out all the blood thereof at the bottom of the altar.
फिर पुरोहित अपनी उंगली से इसके कुछ रक्त को लेकर होमबलि वेदी की सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे.
31 And he shall take away all its fat, as the fat is taken away from off the sacrifice of peace-offerings; and the priest shall burn it upon the altar for a sweet savor to the LORD; and the priest shall make an atonement for him, and it shall be forgiven him.
फिर वह इसकी सारी चर्बी को हटा दे, ठीक जैसे मेल बलि पर से चर्बी हटाई गई थी, पुरोहित याहवेह को सुखद-सुगंध के लिए इसे वेदी पर अग्नि में भेंट कर दे. इस प्रकार पुरोहित उसके लिए प्रायश्चित करेंगे, और उसे पाप क्षमा दी जाएगी.
32 And if he shall bring a lamb for a sin-offering, he shall bring it a female without blemish.
“‘किंतु यदि वह बलि स्वरूप एक मेमना पापबलि के लिए लेकर आता है, तो यह एक निर्दोष मादा हो.
33 And he shall lay his hand upon the head of the sin-offering, and slay it for a sin-offering in the place where they kill the burnt-offering.
वह अपना हाथ उस पशु के सिर पर रखे तथा पापबलि के लिए इसकी बलि उस स्थान पर कर दे, जहां होमबलि पशु को बलि किया जाता है.
34 And the priest shall take of the blood of the sin-offering with his finger, and put [it] upon the horns of the altar of burnt-offering, and shall pour out all the blood of it at the bottom of the altar:
पुरोहित इस पापबलि के कुछ रक्त में से अपनी उंगली से होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को वह वेदी के आधार पर उंडेल दे.
35 And he shall take away all its fat, as the fat of the lamb is taken away from the sacrifice of the peace-offerings; and the priest shall burn them upon the altar, according to the offerings made by fire to the LORD: and the priest shall make an atonement for his sin that he hath committed, and it shall be forgiven him.
फिर वह इसकी सारी चर्बी को हटा दे, ठीक जैसे मेल बलि के मेमने से चर्बी हटाई गई थी, पुरोहित इसे याहवेह को होमबलि के लिए वेदी पर अग्नि में भेंट कर दे. इस प्रकार पुरोहित उसके इस पाप के लिए उसका प्रायश्चित करेगा और उसे क्षमा दे दी जाएगी.