< Esther 6 >

1 In that night the king could not sleep, and he commanded to bring the book of records of the chronicles; and they were read before the king.
उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिए उसकी आज्ञा से इतिहास की पुस्तक लाई गई, और पढ़कर राजा को सुनाई गई।
2 And it was found written, that Mordecai had informed of Bigthana and Teresh, two of the king's chamberlains, the keepers of the door, who sought to lay hand on the king Ahasuerus.
उसमें यह लिखा हुआ मिला, कि जब राजा क्षयर्ष के हाकिम जो द्वारपाल भी थे, उनमें से बिगताना और तेरेश नामक दो जनों ने उस पर हाथ चलाने की युक्ति की थी उसे मोर्दकै ने प्रगट किया था।
3 And the king said, What honor and dignity hath been done to Mordecai for this? Then said the king's servants that ministered to him, There is nothing done for him.
तब राजा ने पूछा, “इसके बदले मोर्दकै की क्या प्रतिष्ठा और बड़ाई की गई?” राजा के जो सेवक उसकी सेवा टहल कर रहे थे, उन्होंने उसको उत्तर दिया, “उसके लिये कुछ भी नहीं किया गया।”
4 And the king said, Who [is] in the court? Now Haman had come into the outward court of the king's house, to speak to the king to hang Mordecai on the gallows that he had prepared for him.
राजा ने पूछा, “आँगन में कौन है?” उसी समय हामान राजा के भवन से बाहरी आँगन में इस मनसा से आया था, कि जो खम्भा उसने मोर्दकै के लिये तैयार कराया था, उस पर उसको लटका देने की चर्चा राजा से करे।
5 And the king's servants said to him, Behold, Haman standeth in the court. And the king said, Let him come in.
तब राजा के सेवकों ने उससे कहा, “आँगन में तो हामान खड़ा है।” राजा ने कहा, “उसे भीतर बुलवा लाओ।”
6 So Haman came in. And the king said to him, What shall be done to the man whom the king delighteth to honor? Now Haman thought in his heart, To whom would the king delight to do honor more than to myself?
जब हामान भीतर आया, तब राजा ने उससे पूछा, “जिस मनुष्य की प्रतिष्ठा राजा करना चाहता हो तो उसके लिये क्या करना उचित होगा?” हामान ने यह सोचकर, कि मुझसे अधिक राजा किसकी प्रतिष्ठा करना चाहता होगा?
7 And Haman answered the king, For the man whom the king delighteth to honor,
राजा को उत्तर दिया, “जिस मनुष्य की प्रतिष्ठा राजा करना चाहे,
8 Let the royal apparel be brought which the king [useth] to wear, and the horse that the king rideth upon, and the crown royal which is set upon his head:
उसके लिये राजकीय वस्त्र लाया जाए, जो राजा पहनता है, और एक घोड़ा भी, जिस पर राजा सवार होता है, और उसके सिर पर जो राजकीय मुकुट धरा जाता है वह भी लाया जाए।
9 And let this apparel and horse be delivered to the hand of one of the king's most noble princes, that they may array the man whom the king delighteth to honor, and bring him on horseback through the street of the city, and proclaim before him, Thus shall it be done to the man whom the king delighteth to honor.
फिर वह वस्त्र, और वह घोड़ा राजा के किसी बड़े हाकिम को सौंपा जाए, और जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता हो, उसको वह वस्त्र पहनाया जाए, और उस घोड़े पर सवार करके, नगर के चौक में उसे फिराया जाए; और उसके आगे-आगे यह प्रचार किया जाए, ‘जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता है, उसके साथ ऐसा ही किया जाएगा।’”
10 Then the king said to Haman, Make haste, [and] take the apparel and the horse, as thou hast said, and do even so to Mordecai the Jew, that sitteth at the king's gate: let nothing fail of all that thou hast spoken.
१०राजा ने हामान से कहा, “फुर्ती करके अपने कहने के अनुसार उस वस्त्र और उस घोड़े को लेकर, उस यहूदी मोर्दकै से जो राजभवन के फाटक में बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा तूने कहा है उसमें कुछ भी कमी होने न पाए।”
11 Then Haman took the apparel and the horse, and arrayed Mordecai, and brought him on horseback through the street of the city, and proclaimed before him, Thus shall it be done to the man whom the king delighteth to honor.
११तब हामान ने उस वस्त्र, और उस घोड़े को लेकर, मोर्दकै को पहनाया, और उसे घोड़े पर चढ़ाकर, नगर के चौक में इस प्रकार पुकारता हुआ घुमाया, “जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता है उसके साथ ऐसा ही किया जाएगा।”
12 And Mordecai came again to the king's gate. But Haman hasted to his house mourning, and having his head covered.
१२तब मोर्दकै तो राजभवन के फाटक में लौट गया परन्तु हामान शोक करता हुआ और सिर ढाँपे हुए झट अपने घर को गया।
13 And Haman told Zeresh his wife and all his friends every [thing] that had befallen him. Then said his wise men and Zeresh his wife to him, If Mordecai [is] of the seed of the Jews, before whom thou hast begun to fall, thou wilt not prevail against him, but wilt surely fall before him.
१३हामान ने अपनी पत्नी जेरेश और अपने सब मित्रों से सब कुछ जो उस पर बीता था वर्णन किया। तब उसके बुद्धिमान मित्रों और उसकी पत्नी जेरेश ने उससे कहा, “मोर्दकै जिसे तू नीचा दिखाना चाहता है, यदि वह यहूदियों के वंश में का है, तो तू उस पर प्रबल न होने पाएगा उससे पूरी रीति नीचा हो जाएगा।”
14 And while they [were] yet talking with him, came the king's chamberlains, and hasted to bring Haman to the banquet that Esther had prepared.
१४वे उससे बातें कर ही रहे थे, कि राजा के खोजे आकर, हामान को एस्तेर के किए हुए भोज में फुर्ती से बुला ले गए।

< Esther 6 >