< Exodus 7 >

1 Then Yahweh said to Moses/me, “Listen [carefully]. [Just like I enabled prophet to speak my messages], I will cause the king [to consider that] you are like a god, and that Aaron is like a prophet.
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “सुन, मैं तुझे फ़िरौन के लिये परमेश्वर सा ठहराता हूँ; और तेरा भाई हारून तेरा नबी ठहरेगा।
2 You must tell everything I command you [to tell to your older] brother Aaron, and he will tell that to the king. He must tell the king to let the Israeli people leave his land.
जो-जो आज्ञा मैं तुझे दूँ वही तू कहना, और हारून उसे फ़िरौन से कहेगा जिससे वह इस्राएलियों को अपने देश से निकल जाने दे।
3 But I will make the king stubborn [IDM]. As a result, even though I perform many kinds of (miracles/terrifying things) [DOU] [here] in Egypt,
परन्तु मैं फ़िरौन के मन को कठोर कर दूँगा, और अपने चिन्ह और चमत्कार मिस्र देश में बहुत से दिखलाऊँगा।
4 the king will not pay any attention to what you say. Then I will punish [MTY] the people of Egypt [MTY] very severely [MTY], and I will lead/bring the tribes of the Israeli people out of Egypt.
तो भी फ़िरौन तुम्हारी न सुनेगा; और मैं मिस्र देश पर अपना हाथ बढ़ाकर मिस्रियों को भारी दण्ड देकर अपनी सेना अर्थात् अपनी इस्राएली प्रजा को मिस्र देश से निकाल लूँगा।
5 Then, when I show my great power [MTY] to the Egyptian people and bring the Israeli people out from among them, they will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do].”
और जब मैं मिस्र पर हाथ बढ़ाकर इस्राएलियों को उनके बीच से निकालूँगा तब मिस्री जान लेंगे, कि मैं यहोवा हूँ।”
6 Aaron and Moses/I did what Yahweh told them/us to do. They/We [went and spoke to the king].
तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार ही किया।
7 At that time, Moses/I was 80 years old, and Aaron was 83 years old.
तब जब मूसा और हारून फ़िरौन से बात करने लगे तब मूसा तो अस्सी वर्ष का था, और हारून तिरासी वर्ष का था।
8 Yahweh said to Moses/me,
फिर यहोवा ने मूसा और हारून से इस प्रकार कहा,
9 “If the king says to you, ‘Prove [that God sent] you by performing a miracle,’ then say to Aaron, ‘Throw your stick down in front of the king, in order that it may become a snake.’”
“जब फ़िरौन तुम से कहे, ‘अपने प्रमाण का कोई चमत्कार दिखाओ,’ तब तू हारून से कहना, ‘अपनी लाठी को लेकर फ़िरौन के सामने डाल दे, कि वह अजगर बन जाए।’”
10 So Aaron and Moses/I went to the king and did what Yahweh had commanded [them/us to do]. Aaron threw his stick down in front of the king and his officials, and it became a snake.
१०तब मूसा और हारून ने फ़िरौन के पास जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया; और जब हारून ने अपनी लाठी को फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के सामने डाल दिया, तब वह अजगर बन गई।
11 Then the king summoned his sorcerers and men who performed magic. They did the same thing, using their magic.
११तब फ़िरौन ने पंडितों और टोनहा करनेवालों को बुलवाया; और मिस्र के जादूगरों ने आकर अपने-अपने तंत्र-मंत्र से वैसा ही किया।
12 They all threw down their sticks, and they became snakes. But Aaron’s stick, [which had become a snake], swallowed up all their sticks!
१२उन्होंने भी अपनी-अपनी लाठी को डाल दिया, और वे भी अजगर बन गई। पर हारून की लाठी उनकी लाठियों को निगल गई।
13 But the king continued to be stubborn [IDM], just as Yahweh had predicted, and he would not pay attention to [what Aaron and Moses/I said].
१३परन्तु फ़िरौन का मन और हठीला हो गया, और यहोवा के वचन के अनुसार उसने मूसा और हारून की बातों को नहीं माना।
14 Then Yahweh said to Moses/me, “The king is very stubborn [IDM]. He refuses to allow [my] people to go.
१४तब यहोवा ने मूसा से कहा, “फ़िरौन का मन कठोर हो गया है और वह इस प्रजा को जाने नहीं देता।
15 So [tomorrow] morning, go to him as he is going down to the [Nile] River [to bathe]. Wait for him at the riverbank. [When he comes out of the water, show] him the stick, the one which became a snake.
१५इसलिए सवेरे के समय फ़िरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उससे भेंट करने के लिये खड़े रहना।
16 Say to him, ‘Yahweh God, the one [we] Hebrews [worship], sent me to you to tell you to let my people go, in order that they may worship him in the desert. [We told you that], but you have not paid any attention to it.
१६और उससे इस प्रकार कहना, ‘इब्रियों के परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि जिससे वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तूने मेरा कहना नहीं माना।
17 [So now] Yahweh says this: “This is the way you will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do]. Watch this: I am going to strike the water that is in the Nile [River] with the stick that is in my hand. [When I do that], the water will become blood (OR, [red like] blood [MTY]).
१७यहोवा यह कहता है, इससे तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्वर हूँ; देख, मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूँगा, और जल लहू बन जाएगा,
18 Then the fish in the Nile [River] will die, and the [water in] the river will stink, and the Egyptians will not be able to drink water from the Nile River.”’”
१८और जो मछलियाँ नील नदी में हैं वे मर जाएँगी, और नील नदी से दुर्गन्ध आने लगेगी, और मिस्रियों का जी नदी का पानी पीने के लिये न चाहेगा।’”
19 Yahweh said to Moses/me, “[When you are talking to the king], say to Aaron, ‘Hold your stick out [as though you were holding it] over the water in Egypt—over the rivers, the canals, the ponds, and over the pools of water, in order that [all of it] may become [red like] blood.’ When Aaron does that, there will be blood throughout Egypt, even in wooden jars and in stone jars.”
१९फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून से कह कि अपनी लाठी लेकर मिस्र देश में जितना जल है, अर्थात् उसकी नदियाँ, नहरें, झीलें, और जलकुण्ड, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लहू बन जाए; और सारे मिस्र देश में काठ और पत्थर दोनों भाँति के जलपात्रों में लहू ही लहू हो जाएगा।”
20 So Aaron and Moses/I did what Yahweh commanded. As the king and his officials were watching, Aaron lifted up his stick and then struck the water in the Nile [River] with it. And all the water in the river turned [red like] blood.
२०तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात् उसने लाठी को उठाकर फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लहू बन गया।
21 Then all the fish died. And the water stank, with the result that the Egyptians could not drink water from the river. Everywhere in Egypt [the water] became [red like] blood.
२१और नील नदी में जो मछलियाँ थीं वे मर गई; और नदी से दुर्गन्ध आने लगी, और मिस्री लोग नदी का पानी न पी सके; और सारे मिस्र देश में लहू हो गया।
22 But the men who performed magic did the same thing using their magic. So the king remained stubborn [IDM], and he would not pay attention to what Aaron and Moses/I said, just as Yahweh had predicted.
२२तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र-मंत्रों से वैसा ही किया; तो भी फ़िरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हारून की न मानी।
23 The king turned and went back to his palace, and he did not think any more about it [IDM].
२३फ़िरौन ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया, और मुँह फेरकर अपने घर में चला गया।
24 The Egyptians [HYP] dug [into the ground] near the Nile [River] to get water to drink, because they could not drink the water from the river.
२४और सब मिस्री लोग पीने के जल के लिये नील नदी के आस-पास खोदने लगे, क्योंकि वे नदी का जल नहीं पी सकते थे।
25 (One week/Seven days) passed after Yahweh caused the water in the Nile [River to become red like blood].
२५जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात दिन हो चुके थे।

< Exodus 7 >