< 2 Corinthians 9 >
1 Concerning now for the service for the saints excessive for me it is to write to you;
मन्नै इब उन पवित्र माणसां नै जो यरुशलेम म्ह रहवै सै, उन ताहीं दान देण की सेवकाई कै बारै म्ह लिखण की जरूरत कोनी।
2 I know for the readiness of you which concerning you I boast of to Macedonians, that Achaia has prepared itself from a year ago, and (*N(k)O*) (from *k*) your zeal has been provoking the greater number.
क्यूँके मदद करण की थारी मन की लालसा नै मै पैहले तै ए जांणु सूं, जिसकै कारण मै थारे बारै म्ह मकिदुनिया कलीसिया के बिश्वासी भाईयाँ कै स्याम्ही गर्व करुँ सूं, के थम अखाया परदेस के माणस एक साल पैहल्या तै दान देण खात्तर त्यार थे, अर थारे जोश नै घणखरे मकिदुनिया परदेस के बिश्वासियाँ ताहीं भी दान देण खात्तर उत्साहित करया सै।
3 I have sent however the brothers, that not the boasting of us which [is] about you may be made void in matter this, that even as I was saying having prepared yourselves you may be,
पर मै थारे धोरै तीतुस अर दो बिश्वासी भाईयाँ नै भेज्जू सूं, के हमनै जो गर्व थारे बारै म्ह दिखाया, वो इस बात म्ह बेकार ना ठहरै; पर जिसा मन्नै कह्या उसाए थम यरुशलेम के बिश्वासी भाईयाँ नै दान देण खात्तर त्यार रहो।
4 lest perhaps maybe shall come with me myself Macedonians and shall find you unprepared, shall be put to shame we ourselves — that not (I may say *N(k)O*) you yourselves — in confidence this (of boasting. *K*)
इसा ना हो के जिब मकिदुनिया के कुछ बिश्वासी भाई मेरै गेल्या आवै अर वो थमनै दान देण खात्तर त्यार न्ही पावै, तो हो सकै सै, के हम थारे पै भरोस्से करण के कारण शर्मिन्दा होवां, पर थम म्हारे तै भी ज्यादा शर्मिन्दा होओगे।
5 Necessary therefore I esteemed [it] to exhort the brothers that they may go before (into *NK(o)*) you and may complete beforehand the (having pre-promised *N(K)O*) blessing of you this ready to be thus as a blessing and not (as *N(k)O*) covetousness.
ज्यांतै मन्नै बिश्वासी भाईयाँ तै या बिनती करणा जरूरी समझया के वे पैहल्या तै थारे धोरै जावै, अर जो दान देण का वादा थमनै करया था, उसका इन्तजाम कर ल्यो, जो थमनै कंजूसी तै न्ही पर खुल्ले दिल तै देण खात्तर कह्या।
6 This now: The [one] sowing sparingly sparingly also will reap, and the [one] sowing upon blessings upon blessings also will reap.
पर बात या सै, जो थोड़ा-सा बोवै सै, वो थोड़ा-सा काट्टैगा भी, अर जो घणा बोवै सै, वो घणा काट्टैगा।
7 each even as (he himself has purposed *N(k)O*) in the heart, not out of regret or of necessity; a cheerful for giver loves God.
हरेक माणस जिसा मन म्ह सोच्चै उसाए दान करै, ना कुढ़-कुढ़ कै अर मन म्ह दाब तै, क्यूँके परमेसवर राज्जी होकै देण आळे तै प्यार करै सै।
8 (is able *N(k)O*) now God all grace to make abound to you, so that in every [way] always all sufficiency having you may abound in every work good
परमेसवर इस योग्य सै, के वो थारे ताहीं भोत-ए घणा अनुग्रह दे, ताके सब कुछ थमनै हर बात म्ह हर बखत पर्याप्त मात्रा म्ह मिलता रहवै, अर हरेक भले काम कै खात्तर थारे धोरै भोत घणा होवै।
9 Even as it has been written: He has scattered abroad, He has given to the poor, the righteousness of Him abides to the age. (aiōn )
जिसा पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै, “परमेसवर जरूरतमंदां नै खुल्ले दिल तै देवै सै, उसकी धार्मिकता सारी हाण बणी रहवै सै।” (aiōn )
10 The [One] now supplying (seed *N(k)O*) to him sowing and bread for food (will supply *N(k)O*) and (will multiply *N(k)O*) the seed for sowing of you and (will increase *N(k)O*) the (fruits *N(k)O*) of the righteousness of you.
परमेसवर ए सै जो किसानां नै बीज अर खाण खात्तर रोट्टी देवै सै। इस तरियां परमेसवर हमेशा थारे खात्तर धन देवैगा, ताके थम उन माणसां की मदद कर सकों जिन ताहीं धन की जरूरत सै।
11 in every [way] enriching you to all generosity, which produces through us thanksgiving to God,
थम हरेक तरियां तै आशीष पाओ, ताके थम खुल्ले दिल तै दे सकों, अर जिब थारा दान गरीब माणसां म्ह बाट्या जावै तो वे सारे परमेसवर का धन्यवाद करै।
12 For the ministry of the service this not only is completely filling up the needs of the saints but also is overflowing through many thanksgivings to God;
क्यूँके इस दान की सेवकाई तै ना सिर्फ पवित्र माणसां की जरूरत पूरी होवै सै, पर भोत-से लोग भी दिल तै परमेसवर का धन्यवाद करै सै।
13 through the proof of the service this [they] glorifying God at the submission of the of confession of you to the gospel of Christ and to [the] generosity of the participation toward them and toward all,
क्यूँके इस दान की सेवकाई नै सबूत मानकै, वे परमेसवर की महिमा करैंगें, क्यूँके थमनै मसीह कै सुसमाचार के हुकम नै मानकै उस ताहीं अपणाया सै, अर गरीब बिश्वासियाँ की मदद खुल्ले दिल तै करी सै।
14 and by their supplication for you a longing for you on account of the surpassing grace of God upon you.
अर वे थारे खात्तर परमेसवर तै प्रार्थना करै सै। वे थारे तै प्यार करै सै, क्यूँके वे जाणै सै, के परमेसवर नै थारे पै बड़ा अनुग्रह करया सै।
15 Thanks [be] (now *k*) to God for the indescribable of Him gift!
परमेसवर का उसकै उस दान कै खात्तर धन्यवाद हो। जिस ताहीं हम ब्यान न्ही कर सकदे।