< Psalms 80 >
1 [For the Chief Musician. To the tune of "The Lilies of the Covenant." A Psalm by Asaph.] Hear us, Shepherd of Israel, you who lead Joseph like a flock, you who sit above the cherubim, shine forth.
१प्रधान बजानेवाले के लिये: शोशन्नीमेदूत राग में आसाप का भजन हे इस्राएल के चरवाहे, तू जो यूसुफ की अगुआई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो करूबों पर विराजमान है, अपना तेज दिखा!
2 Before Ephraim and Benjamin and Manasseh, stir up your might. Come to save us.
२एप्रैम, बिन्यामीन, और मनश्शे के सामने अपना पराक्रम दिखाकर, हमारा उद्धार करने को आ!
3 Restore us, God. Cause your face to shine, and we will be saved.
३हे परमेश्वर, हमको ज्यों के त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!
4 YHWH, the God of hosts, How long will you be angry against the prayer of your people?
४हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, तू कब तक अपनी प्रजा की प्रार्थना पर क्रोधित रहेगा?
5 You have fed them with the bread of tears, and given them tears to drink in large measure.
५तूने आँसुओं को उनका आहार बना दिया, और मटके भर भरकर उन्हें आँसू पिलाए हैं।
6 You make us a source of contention to our neighbors. Our enemies have mocked us.
६तू हमें हमारे पड़ोसियों के झगड़ने का कारण बना देता है; और हमारे शत्रु मनमाना ठट्ठा करते हैं।
7 Restore us, God of hosts. Cause your face to shine, and we will be saved.
७हे सेनाओं के परमेश्वर, हमको ज्यों के त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा।
8 You brought a vine out of Egypt. You drove out the nations, and planted it.
८तू मिस्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकालकर उसे लगा दिया।
9 You cleared the ground for it. It took deep root, and filled the land.
९तूने उसके लिये स्थान तैयार किया है; और उसने जड़ पकड़ी और फैलकर देश को भर दिया।
10 The mountains were covered with its shadow. Its boughs were like God's cedars.
१०उसकी छाया पहाड़ों पर फैल गई, और उसकी डालियाँ महा देवदारों के समान हुई;
11 It sent out its branches to the sea, Its shoots to the River.
११उसकी शाखाएँ समुद्र तक बढ़ गई, और उसके अंकुर फरात तक फैल गए।
12 Why have you broken down its walls, so that all those who pass by the way pluck it?
१२फिर तूने उसके बाड़ों को क्यों गिरा दिया, कि सब बटोही उसके फलों को तोड़ते है?
13 The boar out of the wood ravages it. The wild animals of the field feed on it.
१३जंगली सूअर उसको नाश किए डालता है, और मैदान के सब पशु उसे चर जाते हैं।
14 Return, we beg you, God of hosts. Look down from heaven, and see, and visit this vine,
१४हे सेनाओं के परमेश्वर, फिर आ! स्वर्ग से ध्यान देकर देख, और इस दाखलता की सुधि ले,
15 the stock which your right hand planted, the branch that you made strong for yourself.
१५ये पौधा तूने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तूने अपने लिये दृढ़ की है।
16 It's burned with fire. It's cut down. They perish at your rebuke.
१६वह जल गई, वह कट गई है; तेरी घुड़की से तेरे शत्रु नाश हो जाए।
17 Let your hand be on the man of your right hand, on the son of man whom you made strong for yourself.
१७तेरे दाहिने हाथ के सम्भाले हुए पुरुष पर तेरा हाथ रखा रहे, उस आदमी पर, जिसे तूने अपने लिये दृढ़ किया है।
18 So we will not turn away from you. Revive us, and we will call on your name.
१८तब हम लोग तुझ से न मुड़ेंगे: तू हमको जिला, और हम तुझ से प्रार्थना कर सकेंगे।
19 Restore us, YHWH, the God of hosts. Cause your face to shine, and we will be saved.
१९हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हमको ज्यों का त्यों कर दे! और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!