< 1 John 1 >

1 It is of what has existed from the beginning, of what we have listened to, of what we have seen with our own eyes, of what we have witnessed and touched with our own heads, it is concerning the Logos of Life that we are now writing.
उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हमने सुना, और जिसे अपनी आँखों से देखा, वरन् जिसे हमने ध्यान से देखा और हाथों से छुआ।
2 And the Life was made visible, and we have seen it and are bearing witness, and are bringing you word of that Eternal Life which was face to face with the Father and was made visible to us. (aiōnios g166)
(यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। (aiōnios g166)
3 It is what we have seen and heard that we are announcing to you, in order that you also may have partnership with us; and our partnership is with the Father and with his Son, Jesus Christ.
जो कुछ हमने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिए कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।
4 And we are writing all this to you that our joy may be complete.
और ये बातें हम इसलिए लिखते हैं, कि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
5 This, then, is the message that we have heard from him, and are announcing to you, that God is light, and no darkness what ever is in him.
जो समाचार हमने उससे सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है और उसमें कुछ भी अंधकार नहीं।
6 If we say, "We have partnership with Him," when we are passing our life in the darkness, we are lying and are not doing the truth.
यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अंधकार में चलें, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्य पर नहीं चलते।
7 But is we are passing our life in the light, as he is in the light, we ever have partnership with one another, and the blood of Jesus Christ is cleansing us from every sin.
पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं और उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।
8 If we say, "We have no sin," we are deceiving ourselves and the truth is not in us.
यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आपको धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं।
9 But if we confess our sins, faithful is he and just to forgive us our sins, and to cleanse us from all wrong-doing.
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।
10 If we say, "We have not sinned," we are making him a liar, and his word is not in us.
१०यदि हम कहें कि हमने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।

< 1 John 1 >