< 1 Samuel 6 >
1 And the ark of the Lord was in the fields of the Philistines seven months.
१यहोवा का सन्दूक पलिश्तियों के देश में सात महीने तक रहा।
2 And the Philistines called for the priests and the diviners, saying, What shall we do with the ark of the Lord? let us know wherewith we shall send off it to its place.
२तब पलिश्तियों ने याजकों और भावी कहनेवालों को बुलाकर पूछा, “यहोवा के सन्दूक से हम क्या करें? हमें बताओ कि क्या प्रायश्चित देकर हम उसे उसके स्थान पर भेजें?”
3 And they said, If ye send away the ark of the God of Israel, send it not away empty; but ye must to a certainty return him a trespass-offering: then will ye be healed, and it will be known to you why his hand is not removed from you.
३वे बोले, “यदि तुम इस्राएल के देवता का सन्दूक वहाँ भेजो, तो उसे वैसे ही न भेजना; उसकी हानि भरने के लिये अवश्य ही दोषबलि देना। तब तुम चंगे हो जाओगे, और तुम जान लोगे कि उसका हाथ तुम पर से क्यों नहीं उठाया गया।”
4 And they said, What shall be the trespass-offering that we shall return to him? And they answered, According to the number of the lords of the Philistines, five golden hemorrhoids, and five golden mice; for one plague affected them all, and your lords.
४उन्होंने पूछा, “हम उसकी हानि भरने के लिये कौन सा दोषबलि दें?” वे बोले, “पलिश्ती सरदारों की गिनती के अनुसार सोने की पाँच गिलटियाँ, और सोने के पाँच चूहे; क्योंकि तुम सब और तुम्हारे सरदार दोनों एक ही रोग से ग्रसित हो।
5 Therefore make images of your hemorrhoids, and images of your mice that devastate the land; and give glory unto the God of Israel: perhaps he will lighten his hand from off you, and from off your gods, and from off your land.
५तो तुम अपनी गिलटियों और अपने देश के नष्ट करनेवाले चूहों की भी मूरतें बनाकर इस्राएल के देवता की महिमा मानो; सम्भव है वह अपना हाथ तुम पर से और तुम्हारे देवताओं और देश पर से उठा ले।
6 And why will ye harden your heart, just as the Egyptians and Pharaoh hardened their heart? Did not they, when he had wrought wonderful deeds among them, dismiss them, and they departed?
६तुम अपने मन क्यों ऐसे हठीले करते हो जैसे मिस्रियों और फ़िरौन ने अपने मन हठीले कर दिए थे? जब उसने उनके मध्य में अचम्भित काम किए, तब क्या उन्होंने उन लोगों को जाने न दिया, और क्या वे चले न गए?
7 And now make a new wagon, and take two milch-cows, on which there hath come no yoke, and harness the cows to the wagon, and bring their calves home away from them:
७इसलिए अब तुम एक नई गाड़ी बनाओ, और ऐसी दो दुधार गायें लो जो जूए तले न आई हों, और उन गायों को उस गाड़ी में जोतकर उनके बच्चों को उनके पास से लेकर घर को लौटा दो।
8 And take the ark of the Lord, and place it into the wagon; and the articles of gold, which ye return him as a trespass-offering, ye must put in a casket alongside of it; and then send it away, that it may go.
८तब यहोवा का सन्दूक लेकर उस गाड़ी पर रख दो, और सोने की जो वस्तुएँ तुम उसकी हानि भरने के लिये दोषबलि की रीति से दोगे उन्हें दूसरे सन्दूक में रख के उसके पास रख दो। फिर उसे रवाना कर दो कि चली जाए।
9 And then see, if it go up by the way to its own boundary, to Beth-shemesh, then hath he done us this great evil; but if not, then shall we know that not his hand hath smitten us; it is a chance which hath happened to us.
९और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से होकर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई और यदि नहीं, तो हमको निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।”
10 And the men did so; and they took two milch-cows, and harnessed them to the wagon, and their calves they shut up at home:
१०उन मनुष्यों ने वैसा ही किया; अर्थात् दो दुधार गायें लेकर उस गाड़ी में जोतीं, और उनके बच्चों को घर में बन्द कर दिया।
11 And they placed the ark of the Lord in the wagon, and the casket with the mice of gold and images of their hemorrhoids.
११और यहोवा का सन्दूक, और दूसरा सन्दूक, और सोने के चूहों और अपनी गिलटियों की मूरतों को गाड़ी पर रख दिया।
12 And the cows went straight forward on the way on the road to Beth-shemesh: on one highway they did go along, lowing as they went, and turned not aside to the right or to the left; and the lords of the Philistines went after them as far as the border of Beth-shemesh.
१२तब गायों ने बेतशेमेश का सीधा मार्ग लिया; वे सड़क ही सड़क रम्भाती हुई चली गईं, और न दाहिने मुड़ीं और न बायें; और पलिश्तियों के सरदार उनके पीछे-पीछे बेतशेमेश की सीमा तक गए।
13 And they of Beth-shemesh were reaping their wheat harvest in the valley; and when they lifted up their eyes, and saw the ark, they rejoiced to see it.
१३और बेतशेमेश के लोग तराई में गेहूँ काट रहे थे; और जब उन्होंने आँखें उठाकर सन्दूक को देखा, तब उसके देखने से आनन्दित हुए।
14 And the wagon came to the field of Joshua, the Beth-shemite, and stood still there; and there was a great stone; and they split the wood of the wagon, and the cows they offered as a burnt-offering unto the Lord.
१४गाड़ी यहोशू नामक एक बेतशेमेशी के खेत में जाकर वहाँ ठहर गई, जहाँ एक बड़ा पत्थर था। तब उन्होंने गाड़ी की लकड़ी को चीरा और गायों को होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाया।
15 And the Levites took down the ark of the Lord, and the casket that was with it, wherein were the articles of gold, and put them on the great stone; and the men of Beth-shemesh offered bunt-offerings and sacrificed sacrifices on the same day unto the Lord.
१५और लेवियों ने यहोवा के सन्दूक को उस सन्दूक के समेत जो साथ था, जिसमें सोने की वस्तुएँ थी, उतार के उस बड़े पत्थर पर रख दिया; और बेतशेमेश के लोगों ने उसी दिन यहोवा के लिये होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
16 And when the five lords of the Philistines had seen it, they returned to 'Ekron on the same day.
१६यह देखकर पलिश्तियों के पाँचों सरदार उसी दिन एक्रोन को लौट गए।
17 And these are the golden hemorrhoids which the Philistines returned as a trespass-offering unto the Lord: For Ashdod one, for Gazzah one, for Ashkelon one, for Gath one, for 'Ekron one.
१७सोने की गिलटियाँ जो पलिश्तियों ने यहोवा की हानि भरने के लिये दोषबलि करके दे दी थीं उनमें से एक तो अश्दोद की ओर से, एक गाज़ा, एक अश्कलोन, एक गत, और एक एक्रोन की ओर से दी गई थी।
18 And the golden mice were according to the number of all the cities of the Philistines under the five lords, from the fortified city, down to the open village, even unto the great stone whereon they had set down the ark of the Lord, and which is unto this day in the field of Joshua, the Beth-shemite.
१८और वह सोने के चूहे, क्या शहरपनाह वाले नगर, क्या बिना शहरपनाह के गाँव, वरन् जिस बड़े पत्थर पर यहोवा का सन्दूक रखा गया था वहाँ पलिश्तियों के पाँचों सरदारों के अधिकार तक की सब बस्तियों की गिनती के अनुसार दिए गए। वह पत्थर आज तक बेतशेमेशी यहोशू के खेत में है।
19 And he smote among the men of Beth-shemesh, because they had looked into the ark of the Lord, namely, he smote among the people seventy men and fifty thousand men: and the people mourned because the Lord had caused among the people a great slaughter.
१९फिर इस कारण से कि बेतशेमेश के लोगों ने यहोवा के सन्दूक के भीतर झाँका था उसने उनमें से सत्तर मनुष्य, और फिर पचास हजार मनुष्य मार डाले; और वहाँ के लोगों ने इसलिए विलाप किया कि यहोवा ने लोगों का बड़ा ही संहार किया था।
20 And the men of Beth-shemesh said, Who is able to stand before the Lord, this holy God? and to whom shall it go up away from us?
२०तब बेतशेमेश के लोग कहने लगे, “इस पवित्र परमेश्वर यहोवा के सामने कौन खड़ा रह सकता है? और वह हमारे पास से किसके पास चला जाए?”
21 And they sent messengers to the inhabitants of Kiryath-ye'arim, saying, The Philistines have brought back the ark of the Lord: come ye down, and fetch it up to you.
२१तब उन्होंने किर्यत्यारीम के निवासियों के पास यह कहने को दूत भेजे, “पलिश्तियों ने यहोवा का सन्दूक लौटा दिया है; इसलिए तुम आकर उसे अपने यहाँ ले जाओ।”