< Плач Еремиев 1 >

1 Как седи усамотен градът, който е бил многолюден! Стана като вдовица великата между народите столица! Оная, която беше княгиня между областите, стана поданица!
वह बस्ती जो लोगों से भरी थी, कैसी ख़ाली पड़ी है! वह क़ौमों की 'ख़ातून बेवा की तरह हो गई! वह कुछ गुज़ारे के लिए मुल्क की मलिका बन गई!
2 Непрестанно плаче нощем, и сълзите й са по бузите й; Между всичките й любовници няма кой да я утешава; Всичките й приятели й изневериха; станаха й неприятели.
वह रात को ज़ार — ज़ार रोती है, उसके आँसू चेहरे पर बहते हैं; उसके चाहने वालों में कोई नहीं जो उसे तसल्ली दे; उसके सब दोस्तों ने उसे धोका दिया, वह उसके दुश्मन हो गए।
3 Юда отиде в плен от притеснение и тежко робуване; Живее между езичниците, не намира покой; Всичките му гонители стигнаха го всред теснините му.
यहूदाह ज़ुल्म और सख़्त मेहनत की वजह से जिलावतन हुआ, वह क़ौमों के बीच रहते और बे — आराम है, उसके सब सताने वालों ने उसे घाटियों में जा लिए।
4 Тъжат сионските пътници, защото никой не иде на определените празници; Всичките му порти са пусти; свещениците му въздишат; Девиците му са наскърбени; и сам той е в горест.
सिय्यून के रास्ते मातम करते हैं, क्यूँकि ख़ुशी के लिए कोई नहीं आता; उसके सब दरवाज़े सुनसान हैं, उसके काहिन आहें भरते हैं; उसकी कुँवारियाँ मुसीबत ज़दा हैं और वह ख़ुद ग़मगीन है।
5 Противниците му взеха връх; неприятелите му благоденствуват; Защото Господ го наскърби поради многото му беззакония; Младенците му отидоха в плен пред противника.
उसके मुख़ालिफ़ ग़ालिब आए और दुश्मन खु़शहाल हुए; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने उसके गुनाहों की ज़्यादती के ज़रिए' उसे ग़म में डाला; उसकी औलाद को दुश्मन ग़ुलामी में पकड़ ले गए।
6 И изгуби се от Сионовата дъщеря всичкото й великолепие; Първенците й станаха като елени, които не намират пасбище, И отиват безсилни пред гонещия ги.
सिय्यून की बेटियों की सब शान — ओ — शौकत जाती रही; उसके हाकिम उन हिरनों की तरह हो गए हैं, जिनको चरागाह नहीं मिलती, और शिकारियों के सामने बे बस हो जाते हैं।
7 В дните на скръбта си и на скитанията си Ерусалим си спомни Всичките желателни неща, които имаше от древни времена, Сега, когато са паднали людете му в ръката на противника, и никой не му помага; Противниците го видяха, засмяха се поради опустошението му.
येरूशलेम को अपने ग़म — ओ — मुसीबत के दिनों में, जब उसके रहने वाले दुश्मन का शिकार हुए, और किसी ने मदद न की, अपने गुज़रे ज़माने की सब ने'मतें याद आईं, दुश्मनों ने उसे देखकर उसकी बर्बादी पर हँसी उड़ाई।
8 Тежко съгреши Ерусалимската дъщеря, Затова се отмахна като нечисто нещо; Всички, които бяха я почитали, презряха я, защото видяха голотата й; А тя въздиша и обръща гърба си.
येरूशलेम सख़्त गुनाह करके नापाक हो गया; जो उसकी 'इज़्ज़त करते थे, सब उसे हक़ीर जानते हैं, हाँ, वह ख़ुद आहें भरता, और मुँह फेर लेता है।
9 Нечистотата й беше в полите й; не бе помислила за сетнината си! Затова, чудно се е смирила; няма кой да я утешава; Виж, Господи, скръбта ми, вика тя, защото неприятелят се възвеличи!
उसकी नापाकी उसके दामन में है, उसने अपने अंजाम का ख़्याल न किया; इसलिए वह बहुत बेहाल हुआ; और उसे तसल्ली देने वाला कोई न रहा; ऐ ख़ुदावन्द, मेरी मुसीबत पर नज़र कर; क्यूँकि दुश्मन ने ग़ुरूर किया है।
10 Противникът е прострял ръката си върху всичките й желателни неща; Защото тя видя, че в светилището й влязоха езичниците, За които си заповядал да не влизат в Твоето събрание.
दुश्मन ने उसकी तमाम 'उम्दा चीज़ों पर हाथ बढ़ाया है; उसने अपने मक़्दिस में क़ौमों को दाख़िल होते देखा है। जिनके बारे में तू ने फ़रमाया था, कि वह तेरी जमा'अत में दाख़िल न हों।
11 Всичките й люде въздишат и искат хляб; Дадоха желателните си неща за храна, за да се възобнови животът им; Виж, Господи и погледни; защото станах унижена.
उसके सब रहने वाले कराहते और रोटी ढूंडते हैं, उन्होंने अपनी 'उम्दा चीज़े दे डालीं, ताकि रोटी से ताज़ा दम हों; ऐ ख़ुदावन्द, मुझ पर नज़र कर; क्यूँकि मैं ज़लील हो गया
12 Немарите ли, всички вие, които заминавате по пътя? Погледнете и вижте, има ли страдание като страданието, което падна на мене, Когото Господ оскърби в деня на пламенния Си гняв.
ऐ सब आने जाने वालों, क्या तुम्हारे नज़दीक ये कुछ नहीं? नज़र करो और देखो; क्या कोई ग़म मेरे ग़म की तरह है, जो मुझ पर आया है जिसे ख़ुदावन्द ने अपने बड़े ग़ज़ब के वक़्त नाज़िल किया।
13 От свише Той прати огън в костите ми, който ги облада; Простря примка за нозете ми; върна ме назад; Направи ме пуста и слаба цял ден.
उसने 'आलम — ए — बाला से मेरी हड्डियों में आग भेजी, और वह उन पर ग़ालिब आई; उसने मेरे पैरों के लिए जाल बिछाया, उस ने मुझे पीछे लौटाया: उसने मुझे दिन भर वीरान — ओ — बेताब किया।
14 Нечестията ми бидоха стегнати върху мене като хомот от ръката Му; Те се сплетоха, стигнаха до врата ми; Той направи да намалее силата ми; Господ ме предаде в ръцете на ония, срещу които не мога да стоя.
मेरी ख़ताओं का बोझ उसी के हाथ से बाँधा गया है; वह बाहम पेचीदा मेरी गर्दन पर हैं उसने मुझे कमज़ोर कर दिया है; ख़ुदावन्द ने मुझे उनके हवाले किया है, जिनके मुक़ाबिले की मुझ में हिम्मत नहीं।
15 Господ презря всичките силни мъже всред мене; Свика против мене събор, за да смаже младежите ми; Господ стъпка като в лин девицата, Юдовата дъщеря.
ख़ुदावन्द ने मेरे अन्दर ही मेरे बहादुरों को नाचीज़ ठहराया; उसने मेंरे ख़िलाफ़ एक ख़ास जमा'अत को बुलाया, कि मेरे बहादुरों को कुचले; ख़ुदावन्द ने यहूदाह की कुँवारी बेटी को गोया कोल्हू में कुचल डाला।
16 Затова аз плача; окото ми, окото ми излива вода, Защото се отдалечи от мене утешителят, който би възобновил живота ми; Чадата ми погинаха, защото надделя неприятелят.
इसीलिए मैं रोती हूँ, मेरी आँखें आँसू से भरी हैं, जो मेरी रूह को ताज़ा करे, मुझ से दूर है; मेरे बाल — बच्चे बे सहारा हैं, क्यूँकि दुश्मन ग़ालिब आ गया।
17 Сион простира ръцете си, но няма кой да го утеши; Господ заповяда за Якова, щото окръжаващите го да му станат противници; Ерусалим стана между тях като нечисто нещо.
सिय्यून ने हाथ फैलाए; उसे तसल्ली देने वाला कोई नहीं; या'क़ूब के बारे में ख़ुदावन्द ने हुक्म दिया है, कि उसके इर्दगिर्द वाले उसके दुश्मन हों, येरूशलेम उनके बीच नजासत की तरह है।
18 Праведен е Господ, защото въстанах против заповедите Му; Слушайте, моля, всички племена, и вижте скръбта ми; Девиците ми и младежите ми отидоха в плен.
ख़ुदावन्द सच्चा है, क्यूँकि मैंने उसके हुक्म से नाफ़रमानी की है; ऐ सब लोगों, मैं मिन्नत करता हूँ, सुनो, और मेरे दुख़ पर नज़र करो, मेरी कुँवारिया और जवान ग़ुलाम होकर चले गए।
19 Повиках любовниците си, но те ме излъгаха; Свещениците ми и старейшините ми издъхнаха в града, Когато си търсеха храна, за да се възобнови животът им.
मैंने अपने दोस्तों को पुकारा, उन्होंने मुझे धोका दिया; मेरे काहिन और बुज़ुर्ग अपनी रूह को ताज़ा करने के लिए, शहर में खाना ढूंडते — ढूंडते हलाक हो गए।
20 Виж, Господи, защото съм в утеснение; червата ми се смущават; Сърцето ми от дън се свива, защото зле се разбунтувах против тебе; Навън обезчади нож; у дома като че ли смърт владее.
ऐ ख़ुदावन्द देख: मैं तबाह हाल हूँ, मेरे अन्दर पेच — ओ — ताब है; मेरा दिल मेरे अन्दर मुज़तरिब है; क्यूँकि मैंने सख़्त बग़ावत की है; बाहर तलवार बे — औलाद करती है और घर में मौत का सामना है।
21 Чуха, че съм въздишала; няма кой да ме утеши; Всичките ми неприятели чуха за злощастието ми, и се радваха, че си сторил това; Обаче, Ти ще докараш възгласения от Тебе ден, когато и те ще станат като мене.
उन्होंने मेरी आहें सुनी हैं; मुझे तसल्ली देनेवाला कोई नहीं; मेरे सब दुश्मनों ने मेरी मुसीबत सुनी; वह ख़ुश हैं कि तू ने ऐसा किया; तू वह दिन लाएगा, जिसका तू ने 'ऐलान किया है, और वह मेरी तरह हो जाएँगे।
22 Нека дойде пред Тебе всичкото им нечестие; И стори на тях както стори на мене поради всичките ми престъпления; Защото много са въздишките ми, и сърцето ми чезне.
उनकी तमाम शरारत तेरे सामने आयें; उनसे वही कर जो तू ने मेरी तमाम ख़ताओं के ज़रिए' मुझसे किया है; क्यूँकि मेरी आहें बेशुमार हैं और मेरा दिल बेबस है।

< Плач Еремиев 1 >