< 4 Царе 20 >
1 В това врема Езекия се разболя до смърт; и пророк Исаия, Амосовият син, дойде при наго та му рече: Така казва Господ, нареди за дома си, понеже ще узреш и нама да живееш.
१उन दिनों में हिजकिय्याह ऐसा रोगी हुआ कि मरने पर था, और आमोस के पुत्र यशायाह भविष्यद्वक्ता ने उसके पास जाकर कहा, “यहोवा यह कहता है, कि अपने घराने के विषय जो आज्ञा देनी हो वह दे; क्योंकि तू नहीं बचेगा, मर जाएगा।”
2 Тогава церят обърна лицето си към стената та се помоли Господу, казвайки:
२तब उसने दीवार की ओर मुँह फेर, यहोवा से प्रार्थना करके कहा, “हे यहोवा!
3 Моля Ти се, Господи, спомни си сега как ходих пред Тебе с вярност и с цяло сърце, и върших това, което е угодно пред Тебе. И Езекия плака горко.
३मैं विनती करता हूँ, स्मरण कर, कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूँ; और जो तुझे अच्छा लगता है वही मैं करता आया हूँ।” तब हिजकिय्याह फूट फूटकर रोया।
4 А преди да беше излязъл Исаия до средната част на града, Господното слово дойде към него и рече:
४तब ऐसा हुआ कि यशायाह आँगन के बीच तक जाने भी न पाया था कि यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा,
5 Върни се та кажи на вожда на Моите люде, Езекия, така казва Господ, Бог на баща ти Давида: Чух молитвата ти, видях сълзите ти; ето Аз ще те изцеля; след три дена ще възлезеш в Господния дом.
५“लौटकर मेरी प्रजा के प्रधान हिजकिय्याह से कह, कि तेरे मूलपुरुष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि मैंने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आँसू देखे हैं; देख, मैं तुझे चंगा करता हूँ; परसों तू यहोवा के भवन में जा सकेगा।
6 Ще приложа на живота ти петнадесет години; и ще избавя тебе и тоя град от ръката на асирийския цар; и ще защитя тоя град заради Себе Си и заради слугата Ми Давида.
६मैं तेरी आयु पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूँगा। अश्शूर के राजा के हाथ से तुझे और इस नगर को बचाऊँगा, और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा करूँगा।”
7 Тогава Исаия каза: Вземете низаница смокини. И взеха та я туриха на цирея; и циреят оздравя.
७तब यशायाह ने कहा, “अंजीरों की एक टिकिया लो।” जब उन्होंने उसे लेकर फोड़े पर बाँधा, तब वह चंगा हो गया।
8 А Езекия беше казал на Исаия: Какво ще бъде знамението, че Господ ще ме изцели, и че след три дена ще отида в Господния дом?
८हिजकिय्याह ने यशायाह से पूछा, “यहोवा जो मुझे चंगा करेगा और मैं परसों यहोवा के भवन को जा सकूँगा, इसका क्या चिन्ह होगा?”
9 И Исаия беше рекъл: Ето какво ще ти бъде знамението от Господа, че Господ ще извърши това, което каза: избери - да напредне ли сянката дсет стъпала, или да се върне надире десет стъпала?
९यशायाह ने कहा, “यहोवा जो अपने कहे हुए वचन को पूरा करेगा, इस बात का यहोवा की ओर से तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि धूपघड़ी की छाया दस अंश आगे बढ़ जाएगी, या दस अंश घट जाएगी।”
10 И Езекия отговори: Лесно нещо е да слезе сянката десет стъпала; не, но нека се върне сянката десет стъпала надире.
१०हिजकिय्याह ने कहा, “छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है, इसलिए ऐसा हो कि छाया दस अंश पीछे लौट जाए।”
11 И пророк Исаия извика към Господа; и Той върна сянката десет стъпала надире, по които беше слязла в слънчевия часовник на Ахаза.
११तब यशायाह भविष्यद्वक्ता ने यहोवा को पुकारा, और आहाज की धूपघड़ी की छाया, जो दस अंश ढल चुकी थी, यहोवा ने उसको पीछे की ओर लौटा दिया।
12 В онова време вавилонският цар Веродах-валадан, Валадановият син, прати писмо и подарък на Езекия, защото чу, че Езекия бил се разболял.
१२उस समय बलदान का पुत्र बरोदक-बलदान जो बाबेल का राजा था, उसने हिजकिय्याह के रोगी होने की चर्चा सुनकर, उसके पास पत्री और भेंट भेजी।
13 И Езекия ги изслуша, и показа им цялата къща със скъпоценните си вещи - среброто и златото, ароматите и скъпоценните масла, целия си оръжеен склад, и всичко каквото се намираше между съкровищата му; в къщата му и в цялото му владение не остана нищо, което Езекия не им показа.
१३उनके लानेवालों की मानकर हिजकिय्याह ने उनको अपने अनमोल पदार्थों का सब भण्डार, और चाँदी और सोना और सुगन्ध-द्रव्य और उत्तम तेल और अपने हथियारों का पूरा घर और अपने भण्डारों में जो-जो वस्तुएँ थीं, वे सब दिखाईं; हिजकिय्याह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु न रही, जो उसने उन्हें न दिखाई हो।
14 Тогава дойде пророк Исаия при цар Езекия та му рече: Какво казаха тия човеци? и от где дойдоха при тебе? И Езекия рече: От далечна земя идат, от Вавилон.
१४तब यशायाह भविष्यद्वक्ता ने हिजकिय्याह राजा के पास जाकर पूछा, “वे मनुष्य क्या कह गए? और कहाँ से तेरे पास आए थे?” हिजकिय्याह ने कहा, “वे तो दूर देश से अर्थात् बाबेल से आए थे।”
15 Тогава каза: Що видяха в къщата ти? И Езекия отговори: Видяха всичко що има в къщата ми; няма нищо между съкровищата ми, което не им показах.
१५फिर उसने पूछा, “तेरे भवन में उन्होंने क्या-क्या देखा है?” हिजकिय्याह ने कहा, “जो कुछ मेरे भवन में है, वह सब उन्होंने देखा। मेरे भण्डारों में कोई ऐसी वस्तु नहीं, जो मैंने उन्हें न दिखाई हो।”
16 Тогава Исаия рече на Езекия: Слушай Господното слово:
१६तब यशायाह ने हिजकिय्याह से कहा, “यहोवा का वचन सुन ले।
17 Ето, идат дни, когато всичко що е в къщата ти, и каквото бащите ти са събрали до тоя ден, ще се пренесе у Вавилон; няма да остани нищо, казва Господ.
१७ऐसे दिन आनेवाले हैं, जिनमें जो कुछ तेरे भवन में हैं, और जो कुछ तेरे पुरखाओं का रखा हुआ आज के दिन तक भण्डारों में है वह सब बाबेल को उठ जाएगा; यहोवा यह कहता है, कि कोई वस्तु न बचेगी।
18 И ще отведат от синовете, които излязат от тебе, които ще родиш; и те ще станат скопци в палата на вавилонския цар.
१८और जो पुत्र तेरे वंश में उत्पन्न हों, उनमें से भी कुछ को वे बन्दी बनाकर ले जाएँगे; और वे खोजे बनकर बाबेल के राजभवन में रहेंगे।”
19 Тогава Езекия рече на Исаия: Добро е Господното слово, което ти изрече. Прибави още: Не е ли тъй, щом в моите дни ще има мир и вярност?
१९तब हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तूने कहा है, वह भला ही है;” क्योंकि उसने सोचा, “यदि मेरे दिनों में शान्ति और सच्चाई बनी रहेंगी? तो क्या यह भला नहीं है?”
20 А останалите дела на Езекия, и всичкото му юначество, и как направи водоема и водопровода та доведе вода в града, не сали написани в Книгата на летописите на Юдовите царе?
२०हिजकिय्याह के और सब काम और उसकी सारी वीरता और किस रीति उसने एक जलाशय और नहर खुदवाकर नगर में पानी पहुँचा दिया, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
21 И Езекия заспа с бащите си: и вместо него се възцари син му Манасия.
२१अन्त में हिजकिय्याह मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसका पुत्र मनश्शे उसके स्थान पर राज्य करने लगा।