< গীতসংহিতা 61 >
1 সংগীত পরিচালকের জন্য। তারযন্ত্র সহযোগে দাউদের গীত। হে ঈশ্বর, আমার কান্না শোনো; আমার প্রার্থনায় কর্ণপাত করো।
संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की रचना परमेश्वर, मेरे चिल्लाने को सुनिए; मेरी प्रार्थना पर ध्यान दीजिए.
2 পৃথিবীর সুদূর প্রান্ত থেকে আমি তোমাকে ডাকি, আমি তোমাকে ডাকি যখন আমার হৃদয় নিস্তেজ হয়; আমার থেকে সুরক্ষিত উচ্চ শৈলের উপরে আমাকে নিয়ে চলো।
मैं पृथ्वी की छोर से आपको पुकार रहा हूं, आपको पुकारते-पुकारते मेरा हृदय डूबा जा रहा है; मुझे उस उच्च, अगम्य चट्टान पर खड़ा कीजिए जिसमें मेरी सुरक्षा है.
3 কারণ তুমি আমার আশ্রয় হয়েছ, বিপক্ষের বিরুদ্ধে তুমি আমার সুদৃঢ় দুর্গ।
शत्रुओं के विरुद्ध मेरे लिए आप एक सुदृढ़ स्तंभ, एक आश्रय-स्थल रहे हैं.
4 আমি চিরকাল তোমার তাঁবুতে বসবাস করার আকাঙ্ক্ষা করি এবং তোমার ডানার ছায়াতে আশ্রয় নিই।
मेरी लालसा है कि मैं आपके आश्रय में चिरकाल निवास करूं और आपके पंखों की छाया में मेरी सुरक्षा रहे.
5 হে ঈশ্বর, তুমি আমার প্রতিটি শপথ শুনেছ; যারা তোমার নাম ভয় করে তাদের উত্তরাধিকার তুমি আমাকে দিয়েছ।
परमेश्वर, आपने मेरी मन्नतें सुनी हैं; आपने मुझे वह सब प्रदान किया है, जो आपके श्रद्धालुओं का निज भाग होता है.
6 রাজার জীবনের দিনগুলি, বহু প্রজন্ম ধরে তাঁর আয়ু বৃদ্ধি করো।
आप राजा को आयुष्मान करेंगे, उनकी आयु के वर्ष अनेक पीढ़ियों के तुल्य हो जाएंगे.
7 তিনি চিরকাল ঈশ্বরের সামনে সিংহাসনে অধিষ্ঠিত থাকুন; তোমার দয়া ও বিশ্বস্ততা তাঁকে সুরক্ষিত রাখুক।
परमेश्वर की उपस्थिति में वह सदा-सर्वदा सिंहासन पर विराजमान रहेंगे; उनकी सुरक्षा के निमित्त आप अपने करुणा-प्रेम एवं सत्य को प्रगट करें.
8 তখন আমি চিরকাল তোমার নামের স্তুতিগান গাইব এবং দিনের পর দিন আমার শপথ পালন করব।
तब मैं आपकी महिमा का गुणगान करूंगा और दिन-प्रतिदिन अपनी मन्नतें पूरी करता रहूंगा.