< লেবীয় পুস্তক 13 >
1 ১ পাছত যিহোৱাই মোচি আৰু হাৰোণক ক’লে,
याहवेह ने मोशेह और अहरोन को यह आदेश दिया,
2 ২ “যদি কোনো এজন লোকৰ গাৰ ছাল উখহি উঠে, বা চোকোৰা বান্ধি উঠে, বা জিলিকা দাগ হয়, আৰু সেয়ে যদি গাৰ ছালত কুষ্ঠৰোগৰ ঘা হৈ যায়, তেতিয়া তেওঁক হাৰোণ পুৰোহিত বা তেওঁৰ পুত্ৰ পুৰোহিতসকলৰ মাজৰ এজনৰ ওচৰলৈ অনা হ’ব।
“यदि किसी व्यक्ति की त्वचा पर सूजन, चकत्ते अथवा कोई चमकीला धब्बा हो, और यदि यह उसकी त्वचा पर कोढ़ का संक्रमण बन जाए, तब उस व्यक्ति को पुरोहित अहरोन अथवा उनके किसी पुरोहित पुत्र के सामने लाया जाए.
3 ৩ তেতিয়া পুৰোহিত জনে তেওঁৰ গাৰ ছালত থকা সেই ঘাটো চাব; যদি সেই ঘাৰ নোম বগা হৈ উঠে, আৰু ঘা যদি গাৰ ছালতকৈ দ যেন বোধ হয়, তেতিয়া সেই ঘা কুষ্ঠৰোগৰ ঘা; তেওঁৰ সেই ঘা চোৱাৰ পাছত পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি জনাব।
पुरोहित उस व्यक्ति की त्वचा पर के धब्बे का निरीक्षण करेगा और यदि उस संक्रमित स्थान के रोएं सफेद हो गए हों, और संक्रमण त्वचा से गहरा ज्ञात होता हो, तो यह निश्चित ही कोढ़ का संक्रमण है. फिर जब पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण पूरा कर ले, तब उसे अशुद्ध घोषित कर दे.
4 ৪ আৰু যদি তেওঁৰ সেই জিলিকা দাগ ঘাৰ ছালত বগা হয়, কিন্তু ছালতকৈ দ যেন বোধ নহয়, আৰু তেওঁৰ ঘাৰ নোম বগা হৈ যোৱা নাই, তেতিয়া সেই ঘা হোৱা লোক জনক পুৰোহিতে সাতদিন আতৰ কৰি ৰাখিব।
यदि त्वचा पर का धब्बा सफेद तो है, किंतु संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम नहीं होता है, और इस स्थान के रोएं भी सफेद नहीं हुए हैं, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को सात दिन के लिए अलग रखे.
5 ৫ পাছত সপ্তম দিনা পুৰোহিত জনে সেই ঘা হোৱা লোকজনক চাই যদি তেওঁৰ দৃষ্টিত ঘা সেই একেদৰে থাকে বা ছালত ব্যাপি যোৱা নাই, তেতিয়া পুৰোহিত জনে তেওঁক আকৌ সাত দিনলৈ আতৰত ৰাখিব।
सातवें दिन पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण करे और यदि उसे प्रतीत हो कि संक्रमण तो ज्यों का त्यों है, किंतु वह त्वचा में फैला नहीं है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को और सात दिन के लिए अलग रखे.
6 ৬ আৰু সপ্তমদিনা পুৰোহিত জনে তেওঁক আকৌ চাব; তেতিয়া যদি সেই ঘা শুকাবলৈ ধৰে, আৰু ছালত যদি বিয়পি যোৱা নেদেখে, তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক শুচি বুলি জনাব; সেয়ে কেৱল চোকোৰা বন্ধা ঘা হে; পাছত তেওঁ নিজ বস্ত্ৰ ধুই শুচি হ’ব।
सातवें दिन पुरोहित दोबारा उस व्यक्ति का निरीक्षण करे; यदि संक्रमित स्थान का सुधार होने के कारण उसका रंग हल्का हो गया है, और वह त्वचा पर नहीं फैला है; तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे; यह एक चकत्ते मात्र है. वह व्यक्ति अपने वस्त्र धो ले और शुद्ध हो जाए.
7 ৭ কিন্তু তেওঁৰ শুচিৰ অৰ্থে নিজকে পুৰোহিতক দেখুউৱাৰ পাছত যদি সেই চোকোৰা বন্ধা ঘা ছালত বিয়পি যায়, তেতিয়া তেওঁ পুনৰায় নিজকে পুৰোহিতক দেখুৱাব লাগিব।
किंतु यदि पुरोहित के सामने शुद्ध प्रमाणित होने के बाद वह धब्बा त्वचा पर फैलने लगे, तो वह व्यक्ति स्वयं को दोबारा पुरोहित के सामने प्रस्तुत करे.
8 ৮ তেতিয়া পুৰোহিতে সেই ঘা চাই যদি তেওঁৰ চোকোৰা বন্ধা ঘা ছালত বিয়পি যোৱা দেখে, তেতিয়া তেওঁ লোকজনক অশুচি বুলি জনাব; সেয়ে কুষ্ঠৰোগ।
पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि उसे यह जान पड़े कि त्वचा पर धब्बा फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का रोग है.
9 ৯ কোনো এজন লোকৰ কুষ্ঠৰোগৰ ঘা হ’লে, তেওঁক পুৰোহিতৰ ওচৰলৈ অনা হ’ব।
“यदि कोढ़ का संक्रमण किसी पुरुष पर है, तो उसे पुरोहित के सामने लाया जाए.
10 ১০ তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক চাব; যদি তেওঁৰ ছালত বগা ধৰণৰ টেমুনা বান্ধে, আৰু তাৰ দ্বাৰাই তাৰ নোম বগা হৈ উঠে, আৰু সেই টেমুনাত কেঁচা মঙহ থাকে,
पुरोहित उसका निरीक्षण करे. यदि उसकी त्वचा में सफेद रंग की सूजन है और उसके उस स्थान के रोएं भी सफेद हो गए हैं तथा सूजन में खुला घाव है,
11 ১১ তেতিয়া তেওঁৰ গাৰ ছালত সেয়ে পুৰণি কুষ্ঠৰোগ; তাতে পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি জনাব; তেওঁ সেই লোকজনক আতৰত নাৰাখিব, কিয়নো তেওঁ আগৰে পৰা অশুচি।
तो यह उस व्यक्ति की त्वचा पर पुराना कोढ़ का रोग है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे, किंतु वह उस व्यक्ति को इसलिये दूसरे लोगों से अलग न करे, कि वह अशुद्ध है.
12 ১২ যদি ছালৰ সকলোতে সেই কুষ্ঠৰোগ ব্যাপি যায়, আৰু পুৰোহিতৰ যিমানলৈকে চকু পৰে, সিমানলৈকে সেই ঘা থকা লোকজনৰ মূৰৰ পৰা ভৰিলৈকে গোটেই ছাল কুষ্ঠৰোগেৰে ঢাকে,
“यदि कोढ़ त्वचा में और अधिक फूट जाए और कोढ़ उस व्यक्ति के सिर से लेकर पांव तक पूरी देह में फैल जाए, जहां तक पुरोहित इसको देख सके,
13 ১৩ তেতিয়া তেওঁৰ গোটেই গা কুষ্ঠৰোগেৰে ঢকা দেখি, পুৰোহিতে সেই ঘা থকা লোকজনক শুচি বুলি ক’ব; তেওঁৰ গোটেই গা বগা হোৱাত তেওঁ শুচি।
जब पुरोहित इसको बारीकी से देख ले कि कोढ़ उस व्यक्ति के पूरे शरीर में फैल गया है, तो वह उस व्यक्ति को इस रोग से शुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि यह पूरी तरह से सफेद रंग का हो गया है, इसलिये वह व्यक्ति शुद्ध होगा.
14 ১৪ কিন্তু যেতিয়া সেই ঘাত কেঁচা মঙহ দেখা যায়, তেতিয়া তেওঁ অশুচি হ’ব।
किंतु यदि उसे त्वचा पर घाव दिखाई दें, तो वह व्यक्ति अशुद्ध होगा.
15 ১৫ তেতিয়া পুৰোহিতে সেই কেঁচা মঙহ দেখি, তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব, কিয়নো সেই কেঁচা মঙহ অশুচি; সেয়ে কুষ্ঠৰোগ।
पुरोहित त्वचा के उस घाव को ध्यान से देखे और उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; बिना चमड़ी का मांस अशुद्ध है और यह कोढ़ का रोग है.
16 ১৬ আৰু সেই কেঁচা মঙহ যদি পুনৰায় বগা হৈ যায়, তেতিয়া তেওঁ পুৰোহিতৰ ওচৰলৈ যাব।
किंतु यदि त्वचा का घाव दोबारा सफेद रंग का हो जाए, तो वह व्यक्ति पुरोहित के सामने आए,
17 ১৭ তেতিয়া পুৰোহিতে সেই লোকজনৰ বগা হৈ উঠা ঘাটো চাব, আৰু যদি সেই ঘা বগা হোৱা দেখে, তেতিয়া পুৰোহিতে সেই ঘা থকা লোকজনক শুচি বুলি ক’ব।
पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि वह धब्बा सफेद रंग का हो गया है, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह शुद्ध है.
18 ১৮ আৰু গাৰ ছালত ফোঁহোৰা হৈ ভাল হোৱাৰ পাছত,
“जब किसी व्यक्ति की त्वचा पर फोड़ा हो गया है और वह फोड़ा स्वस्थ हो जाए,
19 ১৯ যদি সেই ফোঁহোৰাৰ ঠাইত বগা বৰণৰ টেমুনা বান্ধে, বা বগা আৰু অলপ ৰঙা বৰণৰ জিলিকা দাগ হয়, তেতিয়া তাক পুৰোহিতক দেখুউৱা হ’ব।
तथा उस फोड़े के स्थान पर सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन हो जाए, तब पुरोहित को इसको दिखवाया जाए;
20 ২০ তেতিয়া পুৰোহিতে তাক চাব; যদি সেয়ে ছালতকৈ দ যেন বোধ হয়, আৰু তাৰ নোম বগা হৈ গ’ল, তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব; সেয়ে ফোঁহোৰাত ওলোৱা কুষ্ঠৰোগৰ ঘা।
पुरोहित इसको ध्यान से देखे; यदि उसे यह लगे कि यह त्वचा में फैल रहा है और इसके रोएं भी सफेद हो गए हैं, तब पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है, जिसकी शुरुआत फोड़े से हुई है.
21 ২১ কিন্তু পুৰোহিতে তাক চাই যদি বগা নোম নেদেখে, আৰু সেয়ে ছালতকৈ দ নহয়, কিন্তু শুকাই গৈছে, তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক সাত দিন আতৰত ৰাখিব।
किंतु यदि पुरोहित इसको ध्यान से देखे और पाए, कि त्वचा के रोएं सफेद नहीं हुए हैं, और यह त्वचा में फैल नहीं रहा है तथा त्वचा का रंग हल्का हो रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे;
22 ২২ পাছত সেয়ে যদি ছালত বিয়পি যায়, তেন্তে পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব; সেয়ে কুষ্ঠ ৰোগৰ ঘা।
यदि यह त्वचा में और अधिक फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह एक संक्रमण है.
23 ২৩ কিন্তু যদি সেই জিলিকা দাগ নিজ ঠাইতে থাকে, আৰু বিয়পি নাযায়, তেন্তে সেয়ে ফোঁহোৰাৰ দাগ মাত্ৰ; আৰু পুৰোহিতে তেওঁক শুচি বুলি ক’ব।
किंतु यदि सफेद रंग का धब्बा त्वचा पर तो है, परंतु यह त्वचा में फैल नहीं रहा है, तो यह फोड़े का चिन्ह मात्र है, तब पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे.
24 ২৪ যদি গাৰ ছালত পোৰা দাগ হয়, আৰু সেই দাগৰ নতুন ছালৰ ৰঙচুৱা বগা বা শুদ্ধ বগা বা জিলিকা দাগ হয়,
“यदि किसी की त्वचा अग्नि से जल गई है, और त्वचा पर घाव से एक सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद धब्बा हो गया है,
25 ২৫ তেন্তে পুৰোহিতে তাক চাব; যদি জিলিকা দাগত থকা নোম বগা হৈ গ’ল, আৰু আন ছালতকৈ দ যেন দেখা যায়, তেতিয়া সেয়ে জুইয়ে পোৰা দাগত ওলোৱা কুষ্ঠ ৰোগ; পুৰোহিতে তাক অশুচি বুলি ক’ব, কিয়নো সেয়ে কুষ্ঠ ৰোগৰ ঘা।
तो पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि इस धब्बे पर के रोएं सफेद हो गए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम होता हो, तो यह कोढ़ का रोग है. जिसकी शुरुआत जलने के घाव से हुई है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
26 ২৬ কিন্তু যদি পুৰোহিতে চাই জিলিকা দাগত বগা নোম নেদেখে, আৰু সেই দাগ ছালতকৈ দ নহয়, কিন্তু শুকাই গ’ল, তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক সাত দিন আতৰত ৰাখিব।
किंतु यदि पुरोहित इसको जांचता है और यह पाता है कि उस धब्बे पर के रोएं सफेद नहीं हुए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है, परंतु इसका रंग हल्का पड़ गया है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे.
27 ২৭ পাছত সপ্তম দিনা পুৰোহিতে তেওঁক চাব; তেতিয়া যদি ছালত সেয়ে বিয়পি যায়, তেন্তে পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব; সেয়ে কুষ্ঠ ৰোগৰ ঘা।
सातवें दिन पुरोहित उसको दोबारा जांचे. यदि यह त्वचा में फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
28 ২৮ আৰু যদি সেই জিলিকা দাগ নিজ ঠাইতে থাকে, আৰু ছালত ব্যাপি নাযায়, কিন্তু শুকাই যায়, তেন্তে সেয়ে পোৰা ঠাইত উঠা টেমুনা মাথোন; আৰু পুৰোহিতে তেওঁক শুচি বুলি ক’ব, কিয়নো সেয়ে জুইয়ে পোৰা ঘাৰ দাগহে মাথোন।
किंतु यदि धब्बा तो त्वचा पर ज्यों का त्यों है, परंतु वह त्वचा में फैला नहीं हैं परंतु उसका रंग हल्का पड़ गया है, तो यह जलने के घाव से उत्पन्न सूजन है; पुरोहित उस व्यक्ति को तब शुद्ध घोषित कर दे, क्योंकि यह तो जलने से उत्पन्न हुआ चिन्ह मात्र है.
29 ২৯ কোনো পুৰুষ বা স্ত্ৰীৰ মূৰত বা থুঁতৰিৰ তলত ঘা হ’লে,
“यदि किसी पुरुष अथवा महिला के सिर या दाढ़ी पर रोग का संक्रमण हो,
30 ৩০ পুৰোহিতে সেই ঘা চাব; সেয়ে যদি ছালতকৈ দ যেন বোধ হয়, আৰু তাত হালধীয়া মিহি নোম থাকে তেন্তে পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব; সেয়ে খজুৱা ৰোগ; মূৰৰ চুলি বা দাড়ি সৰা কুষ্ঠ ৰোগ।
तो पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि संक्रमण त्वचा में गहरा मालूम हो और उस स्थान के रोम महीन भूरे रंग के हो गए हों, तो पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे, यह सेहुंआ है, सिर एवं दाढ़ी का कोढ़.
31 ৩১ আৰু পুৰোহিতে সেই খজুৱা চুলি বা দাড়ি সৰা ৰোগৰ ঘা চালে, যদি সেয়ে ছালতকৈ দ যেন বোধ নহয়, আৰু তাত ক’লা নোম নাথাকে, তেন্তে পুৰোহিতে সেই চুলি কি দাড়ি সৰা ৰোগ থকা লোকজনক সাতদিন আতৰ কৰি ৰাখিব।
किंतु यदि पुरोहित इस घाव के संक्रमण की जांच करे और यह पाए कि संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है और न ही उस स्थान में काले रोएं हैं, तो पुरोहित उस व्यक्ति को घाव के संक्रमण के कारण सात दिन अलग रखे.
32 ৩২ পাছত পুৰোহিতে সপ্তম দিনা সেই ঘা চাব; যদি সেই ঘা বিয়পি যোৱা নাই, আৰু তাত হালধীয়া নোম নাই, আৰু ছালতকৈ ঘাৰ ছাল দ যেন বোধ নহয়,
सातवें दिन पुरोहित संक्रमण की जांच करे और यदि सेहुंआ त्वचा में नहीं फैला है और उस स्थान पर भूरे रोएं भी नहीं हैं, तथा सेहुंए के कारण संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है,
33 ৩৩ তেন্তে সেই ঘাৰ কাষৰ চৰিওফালে থকা চুলি খুৰুউৱা হ’ব, কিন্তু ঘা থকা ঠাইডোখৰ নুখুৰাব; তেতিয়া পুৰোহিতে সেই খজুৱা ঘা থকা লোকজনক আৰু সাতদিন আতৰ কৰি ৰাখিব।
तो वह व्यक्ति अपना सिर मुंड़ा ले किंतु वह अपने सेहुंए पर उस्तरा न चलाए. तब पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन और अलग रखे.
34 ৩৪ পাছত সপ্তমদিনা পুৰোহিতে সেই ঘা চাব; তাতে, যদি সেই ঘা ছালত ব্যাপি যোৱা নাই, আৰু ছালতকৈ দ যেন বোধ নহয়, তেন্তে পুৰোহিতে তেওঁক শুচি বুলি ক’ব; পাছত সেই লোকজনে নিজ বস্ত্ৰ ধুই শুচি হ’ব।
फिर सातवें दिन पुरोहित उस सेहुंए की जांच करे; यदि सेहुंआ त्वचा में और अधिक नहीं फैल रहा है और यह त्वचा में गहरा मालूम नहीं होता, तो पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर शुद्ध हो जाए.
35 ৩৫ কিন্তু পুৰোহিতে শুচি কৰোঁৱাৰ পাছত, যদি তেওঁৰ ছালত সেই ঘা ব্যাপি যায়,
किंतु यदि उसके शुद्ध होने के बाद वह सेहुंआ उसकी त्वचा में और अधिक फैलता जाता है,
36 ৩৬ তেন্তে পুৰোহিতে তেওঁক পুনৰায় চাব; যদি তেওঁৰ ছালত সেই ঘা ব্যাপি যোৱা দেখে, তেন্তে পুৰোহিতে হালধীয়া নোম নিবিচাৰিব; সেই লোকজন অশুচি।
तो पुरोहित उसकी जांच करे और यदि यह पाए कि यह त्वचा में फैल गया है, तो वह रोम के भूरे होने की प्रतीक्षा न करे; वह व्यक्ति अशुद्ध है.
37 ৩৭ কিন্তু তেওঁৰ দৃষ্টিত যদি সেই ঘা একেদৰে থাকে, আৰু তাৰ মাজত ক’লা নোম গজে, তেন্তে সেই ৰোগ ভাল হ’ল; তেওঁ শুচি; আৰু পুৰোহিতে তেওঁক শুচি বুলি ক’ব।
किंतु यदि उसकी जांच के अनुसार सेहुंए में कोई बदलाव नहीं है, किंतु उसमें काले रोएं उग आए हैं, तो वह सेहुंआ स्वस्थ हो गया है, वह व्यक्ति शुद्ध है और पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे.
38 ৩৮ আৰু যদি কোনো পুৰুষ বা স্ত্ৰীৰ গাৰ ছালত ঠায়ে ঠায়ে বগা দাগ হয়,
“जब किसी पुरुष अथवा स्त्री की त्वचा पर सफेद चमकदार धब्बे हों,
39 ৩৯ তেন্তে পুৰোহিতে সেই লোকজনক চাব; যদি তেওঁৰ ছালত হোৱা জিলিকা দাগবোৰ গোম বৰণীয়া বগা হয়, তেন্তে সেয়ে ছালত উৎপন্ন হোৱা এবিধ ফোঁহা; আৰু তেওঁ শুচি।
तो पुरोहित इसकी जांच करे और यदि त्वचा पर यह चमकदार धब्बे हल्के सफेद रंग के हों, तो यह दाद हैं, जो त्वचा में फूट निकले हैं; वह व्यक्ति शुद्ध है.
40 ৪০ আৰু যদি কোনো মানুহৰ মূৰৰ চুলি সৰি যায়, তেন্তে তেওঁ টকলা মূৰা; কিন্তু তেওঁ শুচি।
“यदि किसी पुरुष के बाल झड़ गए हों, तो वह गंजापन है, किंतु वह शुद्ध है.
41 ৪১ আৰু যদি তেওঁৰ মূৰৰ আগফালৰ চুলি সৰি যায় আৰু টপা; তেৱোঁ শুচি।
किंतु यदि उसके सिर के सामने के और सिर के दोनों ओर के बाल झड़ गए हैं और उसका माथा चंदला हो गया है, तो वह शुद्ध है.
42 ৪২ কিন্তু যদি তেওঁৰ টকলা বা টপা মূৰত ৰঙচীয়া বগা ঘা হয়, তেন্তে সেয়ে তাৰ টকলা মূৰত বা টপা মূৰত হোৱা কুষ্ঠ ৰোগ।
परंतु यदि उसका सिर अथवा माथा चंदला हो गया है और उस पर लालिमा युक्त सफेद रंग का संक्रमण हो गया है, तो यह कोढ़ है, जो उसके चंदूले माथे और सिर से फूट निकला है.
43 ৪৩ তেতিয়া পুৰোহিতে তেওঁক চাব; যদি গাৰ ছালত হোৱা কুষ্ঠ ৰোগৰ দৰে তেওঁৰ টকলা বা টপা মূৰত সেই ঘা দমলা ৰঙচীয়া বগা হয়,
तब पुरोहित इसकी जांच करे और यदि सिर अथवा बाल के संक्रमण की सूजन त्वचा पर कोढ़ की लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन के समान है,
44 ৪৪ তেন্তে তেওঁ কুষ্ঠ ৰোগী আৰু অশুচি; অৱশ্যে পুৰোহিতে তেওঁক অশুচি বুলি ক’ব; তাৰ কুষ্ঠৰোগৰ ঘা তেওঁৰ মূৰতে আছে।
तो वह व्यक्ति कोढ़ का रोगी है, तब अशुद्ध है. निश्चित ही पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि संक्रमण उसके सिर पर हुआ है.
45 ৪৫ যি কুষ্ঠৰোগীৰ গাত কুষ্ঠৰোগৰ ঘা থাকে, তেওঁ ফলা বস্ত্ৰ পিন্ধিব, আৰু তেওঁৰ মূৰৰ চুলি মুকলিকৈ ৰখা হ’ব, আৰু তেওঁ নিজৰ ওপৰ ওঁঠ ঢাকিব, আৰু ‘অশুচি, অশুচি,’ বুলি চিঞৰিব।
“वह व्यक्ति, जो कोढ़ के रोग से संक्रमित हुआ है, उसके वस्त्र फाड़ दिए जाएं, उसका सिर उघाड़ दिया जाए और वह अपने मुख का निचला भाग ढक कर ऊंचे स्वर में कहे, ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’
46 ৪৬ যিমান দিন তেওঁৰ গাত সেই কুষ্ঠৰোগ ঘা থাকিব, সিমান দিন তেওঁ অশুচি হৈ থাকিব; তেওঁ অশুচি হোৱাত আৰু তেওঁৰ সেই ৰোগ যেন ব্যাপি নাযায় সেই কাৰণে তেওঁ অকলে থাকিব; তেওঁৰ থকা ঠাই ছাউনিৰ বাহিৰত হ’ব।
अपने संक्रमण की पूरी अवधि में वह अशुद्धि की स्थिति में ही होगा; वह अशुद्ध है तथा अकेले में रहेगा; उसका निवास छावनी के बाहर ही होगा.
47 ৪৭ আৰু নোমৰ কি শণ সুতাৰ এটা বস্ত্ৰত, কুষ্ঠৰোগৰ কোনো দাগ থাকিলে
“यदि किसी वस्त्र में कोढ़ की फफूंदी पाई जाती है, चाहे वह वस्त्र ऊनी हो अथवा मलमल का,
48 ৪৮ বা শণৰ কি নোমৰ দীঘ সুতা বা বাণী সুতাত, বা কোনো ছালত, কি ছালেৰে সজা
मलमल अथवा ऊन के ताने-बाने का हो, चमड़ा हो या चमड़े से बनी कोई वस्तु हो,
49 ৪৯ কোনো বস্ত্ৰত, বস্ত্ৰ বা ছালত, বা দীঘ সুতাত বা বাণী সুতাত, বা ছালৰ কোনো বস্ত্ৰত থকা সেই দাগ যদি অলপ কেঁচা বৰণীয়া বা ৰঙচুৱা হয়, তেন্তে সেয়ে কুষ্ঠৰোগ দাগ, তাক পুৰোহিতক দেখুউৱা যাব।
यदि यह संक्रमण वस्त्र अथवा चमड़े के वस्त्र में अथवा ताने में अथवा बाने में हो, या चमड़े से बनी किसी वस्तु में हरे रंग की अथवा लालिमा हो, तो यह कोढ़ है और इसे पुरोहित को दिखाया जाना आवश्यक है.
50 ৫০ পাছত পুৰোহিতে সেই দাগ চাই, দাগ থকা বস্তুটো সাতদিন আতৰ কৰি ৰাখিব।
तब पुरोहित उस चिन्ह की जांच करे और इस संक्रमित वस्तु को सात दिन अलग रखे.
51 ৫১ পাছত সপ্তমদিনা পুৰোহিতে সেই দাগ চাই যদি কাপোৰত, বা দীঘ সুতা কি বাণী সুতাত, বা কোনো কামৰ কাৰণে ব্যৱহাৰ কৰা ছালত সেই দাগ ব্যাপি যোৱা দেখে, তেন্তে সেই দাগ সংহাৰক কুষ্ঠৰোগৰ দাগ; সেয়ে অশুচি বস্তু।
सातवें दिन पुरोहित इस चिन्ह की दोबारा जांच करे और यदि संक्रमण वस्त्र में, ताने में अथवा बाने में अथवा चमड़े में फैल गया हो और चाहे वह चमड़ा किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता हो, तो यह असाध्य कुष्ठ रोग का लक्षण है. यह अशुद्ध है.
52 ৫২ এই কাৰণে যি বস্ত্ৰত, বা নোমৰ যি শণ বা যি দীঘ সুতাত বা বাণী সুতাত, বা ছালেৰে সজা যি বস্ত্ৰত সেই দাগ হয়, তাক পুৰি ভস্ম কৰিব; কিয়নো সেয়ে সংহাৰক কুষ্ঠ; তাক সম্পূৰ্ণৰূপে জুইত পুৰি ভস্ম কৰা হ’ব।
जिस वस्त्र, ताने-बाने, ऊन, मलमल अथवा चमड़े की किसी वस्तु में यह संक्रमण पाया जाए, तो आवश्यक है कि उसको जला दिया जाए, क्योंकि यह असाध्य कोढ़ है; आवश्यक है कि इसको अग्नि में जला दिया जाए.
53 ৫৩ কিন্তু পুৰোহিতে চাই যদি সেই দাগ কাপোৰত, বা দীঘ সুতাত কি বাণী সুতাত, বা ছালৰ কোনো বস্ত্ৰত সেই দাগ ব্যাপি যোৱা নেদেখে,
“किंतु यदि पुरोहित इसकी जांच करे और यह पाए कि संक्रमण वस्त्र में, ताने-बाने में अथवा चमड़े की वस्तु में नहीं फैला है,
54 ৫৪ তেতিয়া পুৰোহিতে সেই দাগ থকা বস্তুটো ধুবলৈ আজ্ঞা দিব; পাছত আৰু সাতদিন সেই বস্তুটো আতৰত ৰাখিব।
तो पुरोहित उस संक्रमित वस्त्र को धोने का आदेश दे तथा और सात दिन के लिए उसे अलग कर दे.
55 ৫৫ সেই দাগ থকা বস্তু ধোৱাৰ পাছত পুৰোহিতে সেই দাগ চাব; আৰু সেই দাগ ব্যাপি নগলেও যদি আন বৰণ ধৰা নাই, তেন্তে সেয়ে অশুচি; যি ঠাইতে সেই দাগে বস্তুটোক অশুচি নকৰক, তুমি তাক জুইত পুৰি ভস্ম কৰিবা।
जब जिस वस्त्र में संक्रमण पाया गया है और उसको धो लिया गया है, तो पुरोहित इसकी दोबारा जांच करे और यदि इस वस्तु में मौजूद धब्बे में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह फैला भी नहीं है, तो यह अशुद्ध ही माना जाएगा, और आवश्यक है कि तुम अग्नि में इसको जला दे, चाहे यह फफूंद पीछे के भाग में हो अथवा आगे.
56 ৫৬ কিন্তু ধোৱাৰ পাছত পুৰোহিতে চাই যদি সেই দাগ গোমা দেখে, তেন্তে তেওঁ সেই বস্ত্ৰৰ পৰা, বা ছালৰ পৰা, বা দীঘ সুতা বা বাণী সুতাৰ পৰা তাক চিঙি পেলাব।
यदि पुरोहित इसकी जांच करे और उसे यह मालूम हो कि धोने के बाद इसकी चमक कम नहीं हुई है, तब पुरोहित उसे उस वस्त्र या चमड़े में से फाड़कर निकाल दे;
57 ৫৭ তথাপিও যদি সেই বস্ত্ৰত, বা দীঘ সুতা কি বাণী সুতাত, বা ছালেৰে সজা কোনো বস্ত্ৰত তাক পুনৰাই দেখা যায়, তেন্তে সেয়ে ব্যাপি যোৱা কুষ্ঠ; সেই দাগ থকা যিয়ে বস্তু তুমি তাক জুইত পুৰি ভস্ম কৰিবা।
किंतु यदि यह चिन्ह वस्त्र, ताने अथवा बाने और चमड़े पर दोबारा उभर आए, तो यह उसमें फैल रहा है. आवश्यक है कि उस संक्रमित वस्तु को आग में जला दिया जाए.
58 ৫৮ আৰু ধোৱাৰ পাছত সেই দাগ বস্ত্ৰৰ পৰা বা দীঘ সুতা কি বাণী সুতাৰ পৰা, বা ছালৰ কোনো বস্তুৰ পৰা এৰাই, তেন্তে দ্বিতীয়বাৰ তাক ধোৱা হ’ব; তেতিয়া সেয়ে শুচি হব।
जब तुमने उस संक्रमित वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की वस्तु को धो दिया है, तो इसको दूसरी बार धो दिया जाए और यह शुद्ध माना जाएगा.”
59 ৫৯ নোমৰ বা শণ সুতাৰ বস্ত্ৰত, বা দীঘ সুতা কি বাণী সুতাত বা ছালৰ কোনো বস্তুত হোৱা কুষ্ঠ ৰোগৰ দাগৰ বিষয়ে শুচি অশুচি বুলি কোৱা নিয়ম এই।”
यह किसी कोढ़ से संक्रमित ऊन या मलमल के वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की किसी वस्तु को शुद्ध अथवा अशुद्ध घोषित करने की विधि है.