< المَزامِير 60 >

لِقَائِدِ الْمُنْشِدِينَ عَلَى السُّوسَنِّ. شَهَادَةٌ مُذَهَّبَةٌ لِدَاوُدَ لِلتَّعْلِيمِ لَمَّا حَارَبَ سُورِيِّي مَا بَيْنَ النَّهْرَيْنِ وَسُورِيِّي صُوبَةَ، فَرَجَعَ يُوآبُ وَصَرَعَ مِنَ الأَدُومِيِّينَ فِي وَادِي الْمِلْحِ اثْنَيْ عَشَرَ أَلْفاً. يَا اللهُ قَدْ رَذَلْتَنَا، وَبَدَّدْتَنَا وَسَخِطْتَ عَلَيْنَا، فَرُدَّنَا إِلَيْكَ. ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. “शूशन एदूथ” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम गीत रचना. यह सिखाए जाने के लिए. लिखा गया है. यह उस स्थिति का संदर्भ है जब दावीद अरम-नहरयिम और अरम-ज़ोबाह देशों से युद्धरत थे. उसी समय सेनापति योआब ने नमक की घाटी में लौटते हुए बारह हजार एदोमी सैनिकों को नाश किया था. परमेश्वर, आपने हमें शोकित छोड़ दिया, मानो आप हम पर टूट पड़े हैं; आप हमसे क्रोधित हो गए हैं. अब हमें पुनः अपना लीजिए!
زَلْزَلْتَ الأَرْضَ وَصَدَّعْتَهَا، فَاجْبُرْ كَسْرَهَا لأَنَّهَا تَهْتَزُّ. ٢ 2
आपने पृथ्वी को कंपाया था, धरती फट गई थी; अब जोड़कर इसे शांत कर दीजिए, क्योंकि यह कांप रही है.
جَعَلْتَ شَعْبَكَ يُعَانِي الْمَشَقَّاتِ. وَتَرَنَّحْنَا تَحْتَ وَقْعِ ضَرَبَاتِكَ كَالسُّكَارَى. ٣ 3
आपने अपनी प्रजा को विषम परिस्थितियों का अनुभव कराया; आपने हमें पीने के लिए वह दाखमधु दी, जिसके सेवन से हमारे पांव लड़खड़ा गए,
أَعْطَيْتَ خَائِفِيكَ رَايَةً تُرْفَعُ لأَجْلِ الْحَقِّ. ٤ 4
किंतु अपने श्रद्धालुओं के लिए आपने एक ध्वजा ऊंची उठाई है, कि वह सत्य के प्रतीक स्वरूप प्रदर्शित की जाए.
لِكَيْ يَنْجُوَ أَحِبَّاؤُكَ. خَلِّصْ بِيَمِينِكَ وَاسْتَجِبْ لِي. ٥ 5
अपने दायें हाथ से हमें छुड़ाकर हमें उत्तर दीजिए, कि आपके प्रिय पात्र छुड़ाए जा सकें.
قَدْ تَكَلَّمَ اللهُ فِي قَدَاسَتِهِ، لِذَلِكَ أَبْتَهِجُ وَأَقْسِمُ أَرْضَ شَكِيمَ وَأَقِيسُ وَادِي سُكُّوتَ، ٦ 6
परमेश्वर ने अपने पवित्र स्थान में घोषणा की है: “अपने विजय में मैं शेकेम को विभाजित करूंगा तथा मैं सुक्कोथ घाटी को नाप कर बंटवारा कर दूंगा.
لِي جِلْعَادُ، وَلِي مَنَسَّى. أَفْرَايِمُ خُوذَةُ رَأْسِي، وَيَهُوذَا صَوْلَجَانِي. ٧ 7
गिलआद पर मेरा अधिकार है, मनश्शेह पर मेरा अधिकार है; एफ्राईम मेरे सिर का रखवाला है, यहूदाह मेरा राजदंड है.
مُوآبُ مِرْحَضَتِي، وَعَلَى أَدُومَ أُلْقِي حِذَائِي، وَعَلَى فَلَسْطِينَ أَهْتِفُ مُنْتَصِراً. ٨ 8
मोआब राष्ट्र मेरे हाथ धोने का पात्र है, और एदोम राष्ट्र पर मैं अपनी पादुका फेंकूंगा; फिलिस्तिया के ऊपर उच्च स्वर में जयघोष करूंगा.”
مَنْ يَقُودُنِي لِمُحَارَبَةِ الْمَدِينَةِ الْمُحَصَّنَةِ؟ مَنْ يَهْدِينِي إِلَى أَدُومَ؟ ٩ 9
कौन ले जाएगा मुझे सुदृढ़-सुरक्षित नगर तक? कौन पहुंचाएगा मुझे एदोम नगर तक?
أَلَيْسَ أَنْتَ يَا اللهُ الَّذِي أَقْصَيْتَنَا وَلَمْ تَعُدْ تَخْرُجُ مَعَ جُيُوشِنَا؟ ١٠ 10
परमेश्वर, क्या आप ही नहीं, जिन्होंने हमें अब शोकित छोड़ दिया है और हमारी सेनाओं को साथ देना भी छोड़ दिया है?
هَبْ لَنَا عَوْناً فِي الضِّيقِ، فَعَبَثٌ هُوَ خَلاصُ الإِنْسَانِ. ١١ 11
शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कीजिए, क्योंकि किसी भी मनुष्य द्वारा लायी गयी सहायता निरर्थक है.
بِعَوْنِ اللهِ نُحَارِبُ بِبَأْسٍ، وَهُوَ الَّذِي يَدُوسُ أَعْدَاءَنَا. ١٢ 12
परमेश्वर के साथ मिलकर हमारी विजय सुनिश्चित होती है, वही हमारे शत्रुओं को कुचल डालेगा.

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