< المَزامِير 6 >

لِقَائِدِ الْمُنْشِدِينَ عَلَى الآلاتِ الْوَتَرِيَّةِ (الدَّرَجَةُ الثَّامِنَةُ). مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ يَا رَبُّ لَا تُوَبِّخْنِي فِي إبَّانِ غَضَبِكَ، وَلَا تُؤَدِّبْنِي فِي احْتِدَامِ سَخَطِكَ. ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों के संगत के साथ. शेमिनिथ. पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, अपने क्रोध में मुझे न डांटें, झुंझलाहट में मेरी ताड़ना न करें.
ارْحَمْنِي يَا رَبُّ لأَنِّي ضَعِيفٌ. اشْفِنِي يَا رَبُّ لأَنَّ عِظَامِي رَاجِفَةٌ، ٢ 2
कृपा करें, याहवेह, मैं शिथिल हो चुका हूं; मुझमें शक्ति का संचार करें, मेरी हड्डियों को भी पीड़ा ने जकड़ लिया है.
وَنَفْسِي مُرْتَعِدَةٌ جِدّاً. وَأَنْتَ يَا رَبُّ فَإِلَى مَتَى (تَنْتَظِرُ)؟ ٣ 3
मेरे प्राण घोर पीड़ा में हैं. याहवेह, आप कब तक ठहरे रहेंगे?
ارْجِعْ يَا رَبُّ وَحَرِّرْ نَفْسِي، أَنْقِذْنِي بِفَضْلِ رَحْمَتِكَ. ٤ 4
याहवेह, आकर मुझे बचा लीजिए; अपने करुणा-प्रेम के निमित्त मुझे बचा लीजिए.
إِذْ لَيْسَ فِي عَالَمِ الْمَوْتِ مَنْ يَذْكُرُكَ، أَوْ فِي مَقَرِّ الأَمْوَاتِ مَنْ يُسَبِّحُكَ. (Sheol h7585) ٥ 5
क्योंकि मृत अवस्था में आपका स्मरण करना संभव नहीं. अधोलोक में कौन आपका स्तवन कर सकता है? (Sheol h7585)
لَقَدْ أَرْهَقَنِي تَنَهُّدِي، فَأُغْرِقُ سَرِيرِي فِي كُلِّ لَيْلَةٍ بِدُمُوعِي وَأُبَلِّلُ بِها فِرَاشِي. ٦ 6
कराहते-कराहते मैं थक चुका हूं, प्रति रात्रि मेरे आंसुओं से मेरा बिछौना भीग जाता है, मेरे आंसू मेरा तकिया भिगोते रहते हैं.
وَهَنَتْ عَيْنَايَ مِنْ فَرْطِ الْغَمِّ، وَكَلَّتَا بِسَبَبِ جَمِيعِ خُصُومِي. ٧ 7
शोक से मेरी आंखें निस्तेज हो गई हैं; मेरे शत्रुओं के कारण मेरी आंखें क्षीण हो चुकी हैं.
ابْتَعِدُوا عَنِّي يَا جَمِيعَ فَاعِلِي الإِثْمِ، لأَنَّ الرَّبَّ قَدْ سَمِعَ صَوْتَ بُكَائِي. ٨ 8
दुष्टो, दूर रहो मुझसे, याहवेह ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है.
سَمِعَ الرَّبُّ تَضَرُّعِي. الرَّبُّ يَتَقَبَّلُ صَلاتِي. ٩ 9
याहवेह ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; याहवेह मेरी प्रार्थना स्वीकार कर लेंगे.
لِيَخْزَ جَمِيعُ أَعْدَائِي وَيَرْتَاعُوا جِدّاً، وَلْيَتَرَاجَعُوا إِذْ لَحِقَ بِهِمِ الْعَارُ فَجْأَةً. ١٠ 10
मेरे समस्त शत्रु लज्जित किए जाएंगे, वे पूर्णतः निराश हो जाएंगे; वे पीठ दिखाएंगे और तत्काल ही लज्जित किए जाएंगे!

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