< إشَعْياء 4 >

فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ تَتَشَبَّثُ سَبْعُ نِسَاءٍ بِرَجُلٍ وَاحِدٍ قَائِلاتٍ: «تَزَوَّجْ مِنَّا وَدَعْنَا نُدْعَى عَلَى اسْمِكَ، وَأَزِلْ عَارَنَا وَنَحْنُ نَتَكَفَّلُ بِطَعَامِنَا وَثِيَابِنَا». ١ 1
उस दिन सात स्त्रियां एक पुरुष को रोक कर कहेंगी, “हम अपने भोजन और वस्त्रों की व्यवस्था स्वयं कर लेंगी; सिर्फ हमें अपना नाम दे दो. और हमारा तिरस्कार दूर कर दो!”
فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ يَكُونُ غُصْنُ الرَّبِّ بَهِيًّا مَجِيداً، وَثَمَرُ الأَرْضِ فَخْراً وَمَجْداً لِمَنْ نَجَا مِنْ إِسْرَائِيلَ، ٢ 2
उस दिन याहवेह की मनोहरता भूषण और महिमा ठहरेगी और बचे हुओं के लिए भूमि की उपज गर्व और सम्मान का विषय होगी.
وَيُدْعَى كُلُّ مَنْ يَبْقَى فِي صِهْيَوْنَ مِمَّنْ مَكَثَ فِي أُورُشَلِيمَ قُدُّوساً، كُلُّ مَنْ كُتِبَ لِلْحَيَاةِ فِي أُورُشَلِيمَ، ٣ 3
ज़ियोन के बचे हुए और येरूशलेम में, वे जो बच गए हैं, वे पवित्र कहलाएंगे, जिनका नाम जीवन की पुस्तक में लिखा गया है.
إِذْ يَغْسِلُ الرَّبُّ قَذَرَ بَنَاتِ صِهْيَوْنَ، وَيُطَهِّرُ أُورُشَلِيمَ مِنْ لَطَخَاتِ الدِّمَاءِ بِرُوحِ الْعَدْلِ وَبِرُوحِ النَّارِ الْمُحْرِقَةِ. ٤ 4
जब प्रभु न्याय और भस्म करनेवाली आत्मा के द्वारा ज़ियोन की पुत्रियों की गंदगी धो देंगे और खून से भरे हुए येरूशलेम को दूर कर देंगे.
ثُمَّ يَخْلِقُ الرَّبُّ فَوْقَ جَبَلِ صِهْيَوْنَ بِكَامِلِهِ، وَعَلَى مَحْفَلِهَا، سَحَابَةً نَهَاراً، وَدُخَاناً وَوَهَجَ لَهِيبِ نَارٍ لَيْلاً، فَيَكُونُ عَلَى كُلِّ أَرْضٍ مَجِيدَةٍ غِطَاءٌ. ٥ 5
तब याहवेह ज़ियोन पर्वत और सभी लोगों पर दिन के समय धुएं का बादल तथा रात में तेज आग की रोशनी दिखाएगा और इन सबके ऊपर याहवेह का तेज मंडराता रहेगा.
فَتَكُونُ مِظَلَّةً وَفَيْئاً تَقِيهَا حَرَّ النَّهَارِ، وَمُعْتَصَماً وَمَخْبَأً مِنَ الْعَاصِفَةِ وَالْمَطَرِ. ٦ 6
दिन की उष्णता, आंधी, पानी और हवा से बचने के लिये आड़ बनकर सुरक्षित रहे.

< إشَعْياء 4 >