< 1 أخبار 22 >

فَقَالَ دَاوُدُ: «هُنَا يَكُونُ مَكَانُ بَيْتِ الرَّبِّ الإِلَهِ، وَهُنَا يُشَيَّدُ مَذْبَحُ مُحْرَقَاتِ إِسْرَائِيلَ». ١ 1
तब दावीद ने कहा, “यह याहवेह परमेश्वर का भवन है और इस्राएल के लिए यही होमबलि वेदी है.”
وَأَمَرَ دَاوُدُ بِحَشْدِ كُلِّ الأَجَانِبِ الْمُقِيمِينَ فِي أَرْضِ إِسْرَائِيلَ، وَكَلَّفَ النَّحَّاتِينَ مِنْهُمْ بِنَحْتِ حِجَارَةٍ مُرَبَّعَةٍ لِبِنَاءِ بَيْتِ اللهِ. ٢ 2
दावीद ने आदेश दिया कि इस्राएल देश में बसे विदेशियों को इकट्ठा किया जाए. उन्होंने परमेश्वर के भवन बनाने के लिए पत्थरों को संवारने के लिए शिल्पी चुने.
وَأَعَدَّ دَاوُدُ حَدِيداً كَثِيراً لِعَمَلِ مَسَامِيرَ لِمَصَارِيعِ الأَبْوَابِ وَالْوُصَلِ، وَنُحَاساً وَفِيراً يَتَعَذَّرُ وَزْنُهُ، ٣ 3
दावीद ने भारी मात्रा में लोहा तैयार किया कि इससे तरह-तरह के दरवाजों के लिए कीलें और शिकंजे तैयार किए जा सकें. उन्होंने इतना कांसा इकट्ठा कर लिया जिसे नापना-तौलना मुश्किल हो गया था.
وَخَشَبَ أَرْزٍ، لَا يُمْكِنُ إِحْصَاؤُهُ، لأَنَّ الصِّيدُونِيِّينَ وَالصُّورِيِّينَ حَمَلُوا إِلَى دَاوُدَ كَمِّيَّاتٍ هَائِلَةً مِنْ خَشَبِ الأَرْزِ. ٤ 4
अनगिनत हो गई थी देवदार के पेड़ों की बल्लियां, क्योंकि सीदोन और सोरवासी दावीद के लिए बड़ी भारी मात्रा में देवदार की बल्लियां ले आए थे.
وَقَالَ دَاوُدُ: «إِنَّ ابْنِي سُلَيْمَانَ مَا بَرِحَ صَغِيراً وَغَضّاً، وَالْبَيْتُ الَّذِي يُبْنَى لِلرَّبِّ لابُدَّ أَنْ يَكُونَ ذَاِئعَ الشُّهْرَةِ مُعَظَّماً فِي جَمِيعِ الأَرَاضِي، فَعَلَيَّ أَنْ أُجَهِّزَ لَهُ مِنَ الآنَ مَوَادَّ الْبِنَاءِ». وَهَكَذَا جَهَّزَ دَاوُدُ كُلَّ مَا أَمْكَنَهُ مِنْ مَوَادِّ الْبِنَاءِ قَبْلَ وَفَاتِهِ. ٥ 5
दावीद सोच रहे थे, “याहवेह के लिए जो भवन बनाया जाना है, उसके लिए ज़रूरी है कि वह बहुत ही भव्य होगा. वह ऐसा शोभायमान होगा कि देशों तक उसका यश पहुंच जाएगा; जबकि मेरा पुत्र शलोमोन कम उम्र का और कम अनुभव का है. इसलिये मैं इसी समय इसकी तैयारी शुरू किए देता हूं.” सो अपनी मृत्यु के पहले ही दावीद ने बड़ी मात्रा में भवन बनाने का सामान इकट्ठा कर लिया.
ثُمَّ اسْتَدْعَى ابْنَهُ سُلَيْمَانَ وَأَوْصَاهُ أَنْ يَبْنِيَ هَيْكَلاً لِلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ. ٦ 6
तब दावीद ने अपने पुत्र शलोमोन को बुलवाया और उसे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के सम्मान में एक भवन को बनाने की जवाबदारी सौंप दी.
وَقَالَ دَاوُدُ لِسُلَيْمَانَ: «يَا بُنَيَّ، كَانَ فِي نِيَّتِي أَنْ أَبْنِيَ هَيْكَلاً لاِسْمِ الرَّبِّ إِلَهِي. ٧ 7
शलोमोन से दावीद ने कहा: “याहवेह, मेरे परमेश्वर के सम्मान में एक भवन को बनाने की योजना मेरी थी;
وَلَكِنَّ الرَّبَّ خَاطَبَنِي قَائِلاً: لَقَدْ أَهْرَقْتَ دِمَاءً كَثِيرَةً عَلَى الأَرْضِ وَخُضْتَ حُرُوباً عَظِيمَةً، وَلِهَذَا لَا يُمْكِنُكَ أَنْ تَبْنِيَ بَيْتاً لاِسْمِي؛ ٨ 8
मगर मुझे इस बारे में याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ: ‘तुमने बहुतों को मारा है, तुमने बहुत सी लड़ाइयां लड़ी हैं; मेरे सम्मान में भवन को तुम नहीं बनवाओगे. मेरे देखते हुए तुमने भूमि पर बहुत खून बहाया है.
غَيْرَ أَنَّهُ يُوْلَدُ لَكَ ابْنٌ يَكُونُ رَجُلَ سَلامٍ وَأَمْنٍ، وَأَنَا أُرِيحُهُ مِنْ جَمِيعِ أَعْدَائِهِ الْمُحِيطِينَ بِهِ، فَيَكُونُ اسْمُهُ سُلَيْمَانَ، وَأَجْعَلُ السَّلامَ وَالسَّكِينَةَ يَسُودَانِ إِسْرَائِيلَ فِي أَيَّامِهِ. ٩ 9
तुम देखना, तुम्हें एक पुत्र पैदा होगा. वह एक शांत व्यक्ति होगा. उसे मैं उसके चारों ओर के सभी शत्रुओं से शांति दूंगा, क्योंकि उसका नाम शलोमोन होगा. उसके शासनकाल में मैं इस्राएल को शांति और आराम दूंगा.
هُوَ يَبْنِي بَيْتاً لاِسْمِي، وَيَكُونُ لِيَ ابْناً، وَأَنَا لَهُ أَباً، وأُثَبِّتُ عَرْشَهُ عَلَى إِسْرَائِيلَ إِلَى الأَبَدِ. ١٠ 10
मेरे सम्मान में भवन को वही बनाएगा. वह मेरा पुत्र होगा और मैं उसका पिता. इस्राएल में मैं उसका राज सिंहासन हमेशा के लिए स्थाई कर दूंगा.’
وَالآنَ يَا ابْنِي لِيَكُنِ الرَّبُّ مَعَكَ فَيُحَالِفَكَ التَّوْفِيقُ فِي بِنَاءِ بَيْتِ الرَّبِّ إِلَهِكَ كَمَا تَكَلَّمَ عَنْكَ، ١١ 11
“इसलिये मेरे पुत्र, याहवेह तुम्हारे साथ साथ बने रहें, कि तुम सफल हो जाओ और याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर का भवन ठीक वैसे ही बनवाओ, जैसा उन्होंने तुम्हारे बारे में कहा है.
وَلْيَمْنَحْكَ الرَّبُّ فِطْنَةً وَمَعْرِفَةً عِنْدَمَا يُوَلِّيكَ عَلَى إِسْرَائِيلَ لِتُطِيعَ شَرِيعَةَ الرَّبِّ إِلَهِكَ، ١٢ 12
याहवेह ही तुम्हें सूझ-बूझ, समझ और इस्राएल पर अधिकार दें कि तुम याहवेह अपने परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर सको.
حِينَئِذٍ تُفْلِحُ، إِذْ تَحْرِصُ عَلَى مُمَارَسَةِ الْفَرَائِضِ وَالأَحْكَامِ الَّتِي أَمَرَ بِها الرَّبُّ مُوسَى وَسَنَّهَا لإِسْرَائِيلَ. تَشَجَّعْ وَتَقَوَّ، لَا تَجْزَعْ وَلا تَرْتَعِبْ. ١٣ 13
याहवेह ने मोशेह के द्वारा जो व्यवस्था और नियम दिए हैं, तुम यदि उनका पालन सावधानी से करोगे, तुम फलवंत हो जाओगे. सक्षम साबित होओ, दृढ़ बनो. तुममें न तो झिझक हो और न ही तुम्हारा मन कच्चा हो.
وَهَا أَنَا قَدْ كَابَدْتُ كُلَّ مَشَقَّةٍ لأُعِدَّ لِبِنَاءِ بَيْتِ الرَّبِّ: مِئَةَ أَلْفِ وَزْنَةٍ (نَحْوَ ثَلاثَةِ آلافٍ وَسِتِّ مِئَةِ طُنٍّ) مِنَ الذَّهَبِ، وَأَلْفَ أَلْفِ وَزْنَةٍ (نَحْوَ سِتَّةٍ وَثَلاثِينَ أَلْفَ طُنٍّ) مِنَ الْفِضَّةِ، وَنُحَاساً وَحَدِيداً لَا يُمْكِنُ وَزْنُهُ لِوَفْرَتِهِ. وَقَدْ جَهَّزْتُ أَيْضاً خَشَباً وَحِجَارَةً، وَعَلَيْكَ أَنْ تُضِيفَ عَلَيْهَا. ١٤ 14
“तुम देख ही रहे हो कि मैंने बड़ी मेहनत से पैंतीस लाख किलो सोना, साढ़े तीन करोड़ किलो चांदी और अपार कांसा और लोहा, जिन्हें मापना असंभव है. याहवेह के भवन को बनाने के लिए तैयार कर रखा है. ये सभी बड़ी मात्रा में इकट्ठा किए गए हैं. मैंने लकड़ी और चट्टानें भी तैयार कर रखी हैं. ज़रूरत पड़ने पर तुम भी और सामान ला सकते हो.
وَلَدَيْكَ عَدَدٌ غَفِيرٌ مِنَ الْعُمَّالِ، مِنْ نَحَّاتِينَ وَبَنَّائِينَ وَنَجَّارِينَ، وَكُلُّ مَاهِرٍ فِي كُلِّ حِرْفَةٍ. ١٥ 15
तुम्हारे लिए अनेक कर्मचारी हैं: पत्थर का काम करनेवाले शिल्पी, भवन बनानेवाले कर्मी, जो पत्थर का काम जानते हैं, लकड़ी के शिल्पी और वे सभी व्यक्ति, जो हर एक काम में निपुण हैं.
وَقَدْ تَوَافَرَ لَدَيْكَ مَا لَا يُحْصَى مِنَ الذَّهَبِ وَالْفِضَّةِ وَالنُّحَاسِ وَالْحَدِيدِ. فَقُمْ وَاعْمَلْ، وَلْيَكُنِ الرَّبُّ مَعَكَ». ١٦ 16
सोना, चांदी, कांसा और लोहा अपार मात्रा में हैं. उठो और काम शुरू कर दो. याहवेह तुम्हारे साथ होंगे.”
وَأَوْصَى دَاوُدُ جَمِيعَ رُؤَسَاءِ إِسْرَائِيلَ بِمُعَاوَنَةِ ابْنِهِ سُلَيْمَانَ، ١٧ 17
दावीद ने इस्राएल के सभी अगुओं को अपने पुत्र शलोमोन की सहायता के लिए यह आदेश दिया.
وَقَالَ لَهُمْ: «أَلَيْسَ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ مَعَكُمْ وَقَدْ أَرَاحَكُمْ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ، إِذْ نَصَرَنِي عَلَى أَهْلِ هَذِهِ الأَرْضِ، فَخَضَعَتْ أُمَمُهَا أَمَامَ الرَّبِّ وَأَمَامَ شَعْبِهِ. ١٨ 18
“आपको यह अहसास तो है, कि याहवेह आपके परमेश्वर आपके साथ हैं और उन्होंने आपको हर तरह से शांति दी है, क्योंकि उन्होंने इस देश के मूल निवासियों को मेरे अधीन कर दिया है, जिससे पूरा देश याहवेह और उनकी प्रजा के सामने दबाया जा चुका है.
فَاعْقِدُوا الْعَزْمَ فِي قُلُوبِكُمْ وَنُفُوسِكُمْ عَلَى طَلَبِ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ، وَتَعَاوَنُوا عَلَى بِنَاءِ مَقْدِسِ الرَّبِّ الإِلَهِ لِتَنْقُلُوا تَابُوتَ عَهْدِ الرَّبِّ وَآنِيَةَ قُدْسِ اللهِ إِلَى الْهَيْكَلِ الَّذِي يُبْنَى لاِسْمِ الرَّبِّ». ١٩ 19
अब याहवेह अपने परमेश्वर की खोज करने का संकल्प पूरे हृदय और पूरे प्राण से कीजिए. इसलिये उठिए. याहवेह परमेश्वर के भवन को बनाने में जुट जाइए; कि आप याहवेह की वाचा के संदूक और परमेश्वर के पवित्र बर्तन उस भवन में ला सकें, जो याहवेह के आदर में बनाया जाने पर है.”

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